पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) महिलाओं में प्रजनन से संबंधित एक हार्मोनल असंतुलन की समस्या है। हार्मोन में ज़रा सा भी बदलाव मासिक धर्म चक्र पर तुरंत असर डालता है। इस स्थिति की वजह से ओवरी में छोटा अल्सर (सिस्ट) बना जाता है। यह स्थिति सच में घातक हो सकती है। अगर यह समस्या लगातार बनी रहती है तो ना केवल ओवरी और फर्टिलिटी पर असर पड़ता है, बल्कि यह आगे चलकर कैंसर का रूप भी ले लेती है। 

(और पढ़ें – पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का मासिक धर्म पर असर और उसका उपचार)

यह सिस्ट छोटी-छोटी थैलीनुमा रचनाएं होती है, जिनमें तरल पदार्थ भरा होता है। अंडाशय (ओवरी) में यह सिस्ट जमा हो जाता है और उनका आकर भी धीरे-धीरे बढ़ता जाता है, यह स्थिति पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम कहलाती है। कभी भी यह समस्या ऐसी बन जाती है जिसमें महिला गर्भ धारण नहीं कर पाती है।

(और पढ़ें – पीसीओएस के लिए योगासन)

असामान्य या लंबे समय तक मासिक धर्म, अत्यधिक चेहरे और शरीर पर बालों का विकास, वजन बढ़ना, मुँहासे, तेल वाली त्वचा और श्रोणि में दर्द आदि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लक्षण हो सकते हैं। यह संकेत और लक्षण हर व्यक्ति के लिए अलग अलग हो सकते हैं।
यहाँ हम आपको पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) के लिए कुछ घरेलू उपचार बताने जा रहे हैं। इसके अलावा, उचित निदान और उपचार के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

  1. पीसीओएस के लिए दालचीनी के फायदे
  2. पीसीओएस के लिए अलसी के बीज के फायदे
  3. ओवरी सिस्ट के लिए पुदीना चाय के फायदे
  4. पीसीओडी के लिए सेब का सिरका के फायदे
  5. ओवरी में सिस्ट के लिए मेथी के फायदे
  6. ओवरी में गांठ के लिए चेस्टबेरी के फायदे
  7. ओवेरियन सिस्ट के लिए मछली का तेल के फायदे
  8. अंडाशय सिस्ट के लिए मुलेठी के फायदे
  9. ओवरी सिस्ट के लिए तुलसी के फायदे
  10. सारांश

कोलंबिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया है कि यह मसाला शरीर में इंसुलिन लेवल को बढ़ने से रोकता है और मोटापे को भी कम करता है। एक चम्मच दालचीनी पाउडर को एक गिलास गर्म पानी में मिलाएं। यह दैनिक रूप से कुछ महीनों के लिए पिएं या जब तक आप परिणाम से संतुष्ट नहीं हो जाते हैं।
आप अपने अनाज, दलिया, दही, पनीर, मूंगफली, मक्खन, सैंडविच पर दालचीनी पाउडर के छिड़क कर अपने आहार में इसको शामिल कर सकते हैं। 

(और पढ़ें – साइनस की सूजन में है कारगर दालचीनी)

अलसी भी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) मुकाबला करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। यह एण्ड्रोजन के स्तर को कम करने में मदद करती है।

इसके अलावा, फाइबर में उच्च होने की वजह से अलसी ग्लूकोज चयापचय और कम कोलेस्ट्रॉल के स्तर को धीमा करने में मदद करती है। इस सुपेरफूड़ में ओमेगा -3 फैटी एसिड सूजन, निम्न रक्तचाप को कम करने और हृदय रोग जैसे पुराने रोगों के जोखिम को भी कम करता है। एक गिलास पानी में पीसे हुएं अलसी के बीज के एक या दो चम्मच मिक्स करें। इसे दैनिक रूप से कुछ महीनों के लिए उपयोग करें या जब तक आप परिणाम से संतुष्ट ना हो जाएं। इसके अलावा आप नियमित रूप से अपने भोजन में सूप और सलाद में मिलाकर उपयोग कर सकते हैं।

(और पढ़ें – अलसी के फायदे और नुकसान)

पुदीना चाय भी अपने एंटी-एंड्रोजेनिक गुणों के कारण पीसीओ(PCOS) के साथ निपटने में मदद करती है। पत्रिका फयटोतेरापी अनुसंधान में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया है कि पुदीना चाय पीना शरीर के अतिरिक्त बालों को कम करने, टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करने और लुटेनिज़िंग हार्मोन (LH) के स्तर में वृद्धि करने में मदद कर सकती हैं।

  • एक पैन में एक कप पानी उबाल लें।
  • उसमें सूखे पुदीने की पत्तियों का एक चम्मच मिलाएँ।
  • इसको पांच से 10 मिनट के लिए उबालें।
  • इसको छाने और कुछ हफ्तों के लिए दिन में दो बार इस चाय को पीएँ।
Peppermint Essential Oil
₹1  ₹429  99% छूट
खरीदें

सेब का सिरका भी पीसीओ(PCOS) से निपटने के लिए फायदेमंद है, क्योंकि यह रक्त शर्करा को नियंत्रित और आपके शरीर को बहुत अधिक इंसुलिन के उत्पादन से दूर रखने में मदद करता है। कम इंसुलिन का मतलब है कम टेस्टोस्टेरोन। इसके अलावा, यह आपका वजन कम करने और आपके समग्र स्वास्थ्य का सुधार करने में मदद करेगा।

  • एक गिलास पानी में सेब के सिरके के दो चम्मच मिक्स करें।
  • यह दैनिक रूप से भोजन से पहले हर सुबह पीएँ। कई हफ्तों के लिए जारी रखें या जब तक आपको कोई सुधार ना दिखना शुरू हो जाएँ। अगर आपको इसका स्वाद पसंद नही है तो आप इसमे संतरे या किसी अन्य फल के रस के साथ मिक्स करके पी सकते हैं।

(और पढ़ें – सेब के सिरके के फायदे और नुकसान)

मेथी शरीर में ग्लूकोज चयापचय को बढ़ावा देती है और इंसुलिन को बढ़ने से रोकती है। इसके अलावा यह आपके हार्मोन संतुलन, कम कोलेस्ट्रॉल, वजन घटाने में सहायता और स्वस्थ दिल के कामकाज को बढ़ावा देने में भी मदद करती है।

  • छह से आठ घंटे के लिए पानी में मेथी के बीज के तीन चम्मच भिगोएे। आप खाली पेट हर सुबह कुछ शहद के साथ भीगे हुए मेथी के बीज की एक चम्मच लें। इसके अलावा एक चम्मच दोपहर के भोजन से 10 मिनट पहले और एक चम्मच रात के खाने से पहले लें। दैनिक रूप से कुछ हफ्तों के लिए इस उपचार को जारी रखें या जब तक आपको सुधार ना दिखना शुरू हो जाएं।
  • आप मेथी के बीज और पत्तियों को अपने नियमित आहार में भी शामिल कर सकते हैं।

(और पढ़ें – मधुमेह नियंत्रित करने का उपाय है मेथी के बीज)
 

चेस्टबेरी (Chasteberry) को विटेक्श(vitex) भी कहा जाता है, एक हार्मोनल असंतुलन के कारण पीसीओ के लक्षणों से राहत और बांझपन के इलाज के लिए एक लोकप्रिय जड़ी बूटी है। यह मासिक धर्म समस्याओं के लिए एक उपाय के रूप में भी प्रयोग की जाती है।

एक कप पानी को उबाल लें और एक चम्मच ताजा या सूखी हुई चेस्टबेरी को पानी में मिलाएं। इस मिश्रण को 10 मिनट के लिए ऐसे ही रखें। इसको छाने और दैनिक इस चाय को कुछ हफ्तों या महीनों के लिए पिएं या जब तक आपको सुधार ना देखने को मिल जाएँ। इसका उपयोग बंद कर दें जब आप इसके परिणाम से संतुष्ट हो जाते हैं।

Chandraprabha Vati
₹359  ₹400  10% छूट
खरीदें

यह ओमेगा -3 फैटी एसिड के साथ परिपूर्ण है, मछली का तेल एण्ड्रोजन को कम करने और इंसुलिन संवेदनशीलता के सुधार में मदद करता है। क्लीनिकल न्यूट्रीशन के अमेरिकन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि ओमेगा -3 फैटी एसिड एण्ड्रोजन के स्तर का संतुलन बना कर पीसीओ के लक्षणों में सुधार करता है।

साथ ही, अपने आहार में मछली या मछली के तेल की खुराक लेना सूजन को कम करने, शरीर में वसा को कम करने और पुराने रोगों के खिलाफ लड़ाई में मदद करता है।

(और पढ़ें – मछली खाने के लाभ और नुकसान)

यहाँ मछली के तेल की खुराक के लिए कोई मानक दैनिक खुराक नहीं है। आप एक से तीन कैप्सूल दिन में दो या तीन बार ले सकते हैं या अपने चिकित्सक के द्वारा दिए गये सुझाव के अनुसार लें।

इतालवी (इटॅलियन) शोधकर्ताओं ने पाया है कि मुलेठी की जड़ पीसीओ से पीड़ित महिलाओं में सीरम टेस्टोस्टेरोन कम करने में मदद करती है।

  • इसके अलावा, मुलेठी जड़ ओव्युलेशन (Ovulation) को बढ़ावा देती है और जिगर के डेटॉक्सिफिकेशन में सहायक है। जिगर विषाक्त पदार्थों और अधिक हार्मोन को निकालकर यह हार्मोनल संतुलन में मदद करता है।
  • ​एक चम्मच सूखी मुलेठी जड़ को एक कप उबलते हुए पानी में मिलाएँ। इसको 10 मिनट के लिए उबालें और फिर छाने लें। कुछ हफ्तों के लिए दैनिक दो या तीन बार इस चाय को पीते रहें। (और पढ़ें – मुलेठी के फायदे)

नोट: मुलेठी की जड़ हाई बीपी या दिल, किडनी या लीवर की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए उपयुक्त नहीं होती है।

पवित्र तुलसी अपने एंटी-एंड्रोजेनिक गुणों के कारण पीसीओ के लक्षणों को कम करने में मदद करती है। यह इंसुलिन के स्तर के संतुलन और वजन घटाने में मदद करती है। तुलसी एक उत्कृष्ट तनाव रिलीवर है और इसमें एंटीऑक्सीडेंट और सूजन को कम करने वाले गुण भी लाभकारी होते हैं।

  • दैनिक रूप से सुबह के समय 8 से 12 पवित्र तुलसी की पत्तियां लें।
  • एक अन्य विकल्प के लिए दिन में कई बार तुलसी चाय पीएँ।
  • कुछ महीनों के लिए इस उपाय का पालन करें।

(और पढ़ें – तुलसी के फायदे और नुकसान)

नोट: पवित्र तुलसी रक्त में ग्लूकोज के स्तर को कम करने के लिए जानी जाती है।

Ashokarishta
₹359  ₹400  10% छूट
खरीदें

ओवरी में सिस्ट (पीसीओएस) के लिए घरेलू इलाज का लक्ष्य हार्मोनल संतुलन बनाए रखना और लक्षणों को कम करना होता है। स्वस्थ आहार, जैसे फल, सब्जियां, फाइबर और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से वजन प्रबंधन में मदद मिलती है, जो पीसीओएस के लक्षणों को नियंत्रित करने में सहायक होता है। दालचीनी, मेथी के बीज और तुलसी जैसे घरेलू उपाय हार्मोन को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं। नियमित व्यायाम और योग से शरीर में इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ती है और तनाव कम होता है, जिससे पीसीओएस के लक्षणों में सुधार हो सकता है। पर्याप्त नींद और तनाव प्रबंधन भी महत्वपूर्ण हैं।

ऐप पर पढ़ें