Vedikroots Chandraprabha Vati (120)

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एक बोतल में 120 बटी (गोलियां)
₹ 399
120 बटी (गोलियां) 1 बोतल ₹ 399

  • उत्पादक: Vedikroots
  • रखने का तरीका: सामान्य तापमान में रखें
  • विक्रेता: Vedikroots Ayurveda Private Limited
    • मूल का देश: India

    Vedikroots Chandraprabha Vati (120)

    एक बोतल में 120 बटी (गोलियां)
    ₹ 399
    120 बटी (गोलियां) | 1 बोतल
    ₹ 399
    8912 लोगों ने इसको हाल ही में खरीदा
    • उत्पादक: Vedikroots
    • रखने का तरीका: सामान्य तापमान में रखें
  • विक्रेता: Vedikroots Ayurveda Private Limited
    • मूल का देश: India

    इसके साथ लेने पर ज्यादा असरदार

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    Vedikroots Chandraprabha Vati (120) की जानकारी

    Vedikroots Chandraprabha Vati बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः यूरिन इन्फेक्शन, शुगर और इरेक्टाइल डिसफंक्शन के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके मुख्य घटक हैं चित्रक, देवदार, गिलोय, गुग्गुल, कपूर, वाचा, बहेड़ा, विडंग, शिलाजीत, चिरायता और चव्या जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। इसकी उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।

    Vedikroots Chandraprabha Vati (120) की सामग्री - Vedikroots Chandraprabha Vati (120) Active Ingredients in Hindi

    चित्रक
    • ये दवाएं रोगी की जागृत अवस्था को प्रभावित किए बिना दर्द को कम कर सकती हैं।
    • ये दवाएं ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करती हैं और मधुमेह रोगियों के लिए सहायक होती हैं।
    • नसों को आराम देने वाले तत्व।
    देवदार
    • ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्री रेडिकल्स के बीच असंतुलन पैदा होना) को कम करने वाली दवाएं।
    • वो दवा या एजेंट जो बैक्टीरिया को नष्‍ट या उसे बढ़ने से रोकती है।
    गिलोय
    • ये दवाएं ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करती हैं।
    • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • वे दवाएं जो प्रतिरक्षा प्रणाली पर काम कर इम्‍यून की प्रतिक्रिया में सुधार लाती हैं।
    • वो दवा या एजेंट जो सूक्ष्म जीवों को नष्ट और उन्हें बढ़ने से रोकता है।
    गुग्गुल
    • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • वो दवा जो रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को कम करने में इस्तेमाल की जाती है। इस तरह यह दवा डायबिटीज के इलाज में उपयोगी है।
    कपूर
    • दवाइयां जो बिना बेहोशी के दर्द को कम करती हैं।
    • ये एजेंट शरीर के किसी विशेष हिस्से में होने वाली सूक्ष्मजीवों की वृद्धि के खिलाफ प्रभावी होते हैं।
    • लिंग में उत्तेजना लाने वाली दवाएं।
    • वीर्य के उत्पादन को उत्तेजित करने वाली दवा। यह नपुंसकता, इरेक्‍टाइल डिस्‍फंक्‍शन और यौन कमजोरी जैसे यौन विकारों के इलाज में इस्‍तेमाल की जाती है।
    वाचा
    • एजेंट या तत्‍व जो सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
    • वे घटक जिनका इस्‍तेमाल फ्री रेडिकल्‍स की सक्रियता को कम करने और ऑक्‍सीडेटिव स्‍ट्रेस (मुक्त कणों के बनने और उनके शरीर के प्रति हानिकरक प्रभाव को न रोक पाने के बीच का असंतुलन) को रोकने के लिए किया जाता है।
    बहेड़ा
    • वे दवाएं जो प्रतिरक्षा प्रणाली पर काम कर इम्‍यून की प्रतिक्रिया में सुधार लाती हैं।
    • सूक्ष्म जीवों को खत्म करने और उन्हें बढ़ने से रोकने वाले तत्व।
    विडंग
    • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • वो दवा या एजेंट जो सूक्ष्म जीवों को नष्ट और उन्हें बढ़ने से रोकता है।
    शिलाजीत
    • लिंग को उत्तेजित करने वाले तत्व।
    • शुक्राणु का उत्पादन बढ़ाने वाले एजेंट।
    • शरीर को मजबूत बनाने के लिए उचित पोषण प्रदान करने वाले सप्लीमेंट्स।
    • शरीर को शारीरिक और मानसिक परिश्रम से लड़ने में मदद करने वाले सप्लीमेंट्स।
    चिरायता
    • ये दवाएं ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करती हैं और मधुमेह रोगियों के लिए सहायक होती हैं।
    • बैक्‍टीरिया को बढ़ने से रोकने वाली दवाएं।
    चव्या
    • एजेंट या तत्‍व जो सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
    • बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने और उन्हें मारने वाली दवाएं।

    Vedikroots Chandraprabha Vati (120) के लाभ - Vedikroots Chandraprabha Vati (120) Benefits in Hindi

    Vedikroots Chandraprabha Vati (120) इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -



    Vedikroots Chandraprabha Vati (120) की खुराक - Vedikroots Chandraprabha Vati (120) Dosage in Hindi

    यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Vedikroots Chandraprabha Vati (120) की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Vedikroots Chandraprabha Vati (120) की खुराक अलग हो सकती है।

    आयु वर्ग खुराक
    व्यस्क
    • मात्रा: निर्धारित खुराक का उपयोग करें
    • खाने के बाद या पहले: कभी भी दवा ले सकते हैं
    • अधिकतम मात्रा: 2 टैबलेट
    • लेने का तरीका: गुनगुना पानी
    • दवा का प्रकार: टैबलेट
    • दवा लेने का माध्यम: मुँह
    • आवृत्ति (दवा कितनी बार लेनी है): दिन में दो बार


    Vedikroots Chandraprabha Vati (120) के नुकसान, दुष्प्रभाव और साइड इफेक्ट्स - Vedikroots Chandraprabha Vati (120) Side Effects in Hindi

    चिकित्सा साहित्य में Vedikroots Chandraprabha Vati के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Vedikroots Chandraprabha Vati का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।



    इस जानकारी के लेखक है -

    Dr. Braj Bhushan Ojha

    BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
    10 वर्षों का अनुभव



    संदर्भ

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume- IV. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 27-28

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 53-55

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 56-57

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume VI. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2008: Page No CCXLIV-CCXLV

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 177 - 179

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 33 - 34

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 33 - 34

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No163 - 165

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 98-100

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