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Normopar बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, Normopar की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
Normopar इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
अन्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Normopar की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Normopar की खुराक अलग हो सकती है।
दवाई की खुराक बीमारी और उम्र के हिसाब से जानें
आयु वर्ग | खुराक |
किशोरावस्था(13 से 18 वर्ष) |
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व्यस्क |
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बुजुर्ग |
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रिसर्च के आधार पे Normopar के निम्न साइड इफेक्ट्स देखे गए हैं -
सामान्य
क्या Normopar का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
क्या Normopar का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
Normopar का प्रभाव गुर्दे पर क्या होता है?
Normopar का जिगर (लिवर) पर क्या असर होता है?
क्या ह्रदय पर Normopar का प्रभाव पड़ता है?
Normopar को इन दवाइयों के साथ लेने से गंभीर दुष्प्रभाव या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं -
गंभीर
मध्यम
अगर आपको इनमें से कोई भी रोग है तो, Normopar को न लें क्योंकि इससे आपकी स्थिति और बिगड़ सकती है। अगर आपके डॉक्टर उचित समझें तो आप इन रोग से ग्रसित होने के बावजूद Normopar ले सकते हैं -
खुद अपनी मर्जी से Normopar खानी बंद करने से आपको इसके हानिकारक प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं। Normopar लेनी बंद करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
Normopar एंटी-बायोटिक नहीं बल्कि दर्द-निवारक दवा है। Normopar का इस्तेमाल दर्दभरी सूजन जैसे कि चोट, नाक में बहुत अधिक बलगम बढ़ जाना (साइनसाइटिस) और अन्य कान-नाक-गले के विकारों, दांतों की सर्जरी, बर्साइटिस (घुटने के बार-बार सामान्य से अधिक इस्तेमाल या चोट लगने से होता है), कमर के निचले हिस्से में दर्द, माहवारी में दर्द (डिस्मेनोरिआ), ऑप्रेशन से पहले का दर्द, ऑस्टियोअर्थराइटिस और बुखार के इलाज में किया जाता है।
डेंगू का पता चलने के बाद मरीज़ को Normopar नहीं देनी चाहिए। Normopar के कारण शरीर में अंदरूनी ब्लीडिंग बढ़ सकती है जोकि डेंगू के दौरान घातक साबित हो सकती है। डेंगू के मरीज़ में बुखार को कम करने के लिए पैरासिटामोल के साथ तरल पदार्थ जैसे कि सूप, जूस और पानी दे सकते हैं। इसके अलावा डेंगू बुखार को नज़रअंदाज़ ना करें क्योंकि इसमें प्लेटलेट काउंट कम हो जाता है जोकि मरीज़ के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। डेंगू में डॉक्टर से परामर्श और उनके निर्देशों का पालन जरूर करें।
पेट दर्द में Normopar नहीं ले सकते हैं क्योंकि Normopar के दस्त, जी मिचलाना और उल्टी जैसे गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल प्रभाव हो सकते हैं।
प्रिस्क्राइब की गई मात्रा में ली गई Normopar का केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर कोई असर नहीं पड़ता है, इसलिए Normopar के कारण सुस्ती नहीं आती है। लेकिन Normopar के ओवरडोज़ के कारण थकान, जी मिचलाना, उल्टी, चक्कर आना, सुस्ती महसूस होना और गैस्टो–इंटेस्टाइनल ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है। Normopar की वजह से किडनी का जल्दी फेल होना, हाइपरटेंशन, कोमा, सांस लेने में दिक्कत भी हो सकती है लेकिन ऐसा दुर्लभ ही होता है।