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Ayurvidha Gaspachak Churna बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः एसिडिटी, बदहजमी के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा Ayurvidha Gaspachak Churna का उपयोग कुछ दूसरी समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है। इनके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गयी है। Ayurvidha Gaspachak Churna के मुख्य घटक हैं हरीतकी (हरड़), कृष्णा ज़ीरका, सौंफ, मुलेठी, अजवाइन जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Ayurvidha Gaspachak Churna की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
हरीतकी (हरड़) |
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कृष्णा ज़ीरका |
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सौंफ |
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मुलेठी |
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अजवाइन |
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Ayurvidha Gaspachak Churna Pack of 2 (Each 60gm) इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
अन्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Ayurvidha Gaspachak Churna Pack of 2 (Each 60gm) की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Ayurvidha Gaspachak Churna Pack of 2 (Each 60gm) की खुराक अलग हो सकती है।
आयु वर्ग | खुराक |
व्यस्क |
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चिकित्सा साहित्य में Ayurvidha Gaspachak Churna के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Ayurvidha Gaspachak Churna का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
क्या Ayurvidha Gaspachak Churna Pack of 2 (Each 60gm) का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
शोध कार्य न हो पाने की वजह से Ayurvidha Gaspachak Churna के हानिकारक प्रभावों के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हैं।
क्या Ayurvidha Gaspachak Churna Pack of 2 (Each 60gm) का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
स्तनपान कराने वाली स्त्रियों पर Ayurvidha Gaspachak Churna के क्या प्रभाव होंगे। इस बारे में शोध कार्य न हो पान के चलते कुछ नहीं कहा जा सकता है। फिलहाल इसको लेने से पहले डॉक्टर से पूछना जरूरी है।
Ayurvidha Gaspachak Churna Pack of 2 (Each 60gm) का पेट पर क्या असर होता है?
बिना किसी डर के आप Ayurvidha Gaspachak Churna ले सकते हैं। यह पेट के लिए सुरक्षित है।
क्या Ayurvidha Gaspachak Churna Pack of 2 (Each 60gm) का उपयोग बच्चों के लिए ठीक है?
इस विषय में वैज्ञानिक शोध मौजूद न होने की वजह से Ayurvidha Gaspachak Churna का बच्चों पर क्या दुष्प्रभाव होता है, इसकी जानकारी नहीं है।
क्या Ayurvidha Gaspachak Churna Pack of 2 (Each 60gm) का उपयोग शराब का सेवन करने वालों के लिए सही है
Ayurvidha Gaspachak Churna के बुरे प्रभावों के बारे में जानकारी मौजूद नहीं है। क्योंकि इस विषय पर अभी रिसर्च नहीं हो पाई है। अतः डॉक्टर के परामर्श के बाद ही इस दवा को लें।
क्या Ayurvidha Gaspachak Churna Pack of 2 (Each 60gm) शरीर को सुस्त तो नहीं कर देती है?
Ayurvidha Gaspachak Churna के सेवन के बाद चक्कर आना या झपकी आना जैसी दिक्कतें नहीं होती हैं। इसलिए आप वाहन चला सकते हैं या मशीनरी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
क्या Ayurvidha Gaspachak Churna Pack of 2 (Each 60gm) का उपयोग करने से आदत तो नहीं लग जाती है?
नहीं, Ayurvidha Gaspachak Churna लेने से कोई लत नहीं पड़ती। फिर भी, जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह पर ही Ayurvidha Gaspachak Churna का इस्तेमाल करें।
इस जानकारी के लेखक है -
BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
10 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 62-63
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 101-102
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No - 116 - 117
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No - 168 - 169
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986 : Page No 101 - 102