सीडीसी (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) के अनुसार, व्हाइट फंगस घर के अंदर और बाहर दोनों जगहों पर पाया जा सकता है. एस्परगिलोसिस संक्रमण से होने वाली बीमारियां आमतौर पर श्वसन प्रणाली को प्रभावित करती है, लेकिन इनके लक्षण और गंभीरता भिन्न होती है. कमजोर इम्यून सिस्टम या फेफड़ों की बीमारी से ग्रस्त लोगों को यह होने का खतरा ज्यादा रहता है.
डॉक्टर्स की माने तो व्हाइट फंगस इसलिए घातक है, क्योंकि इससे पीड़ित मरीज के ऑर्गन फेल हो जाते हैं, जिस कारण उसकी मौत भी हो सकती है. डॉक्टर्स के मुताबिक, व्हाइट फंगस जीभ या प्राइवेट पार्ट से शुरू होता है. यह जीभ को सफेद बना सकता है और फिर मस्तिष्क, फेफड़े व भोजन नली जैसे शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है. ऐसे में कुछ लक्षणों की पहचान कर इस रोग का पता लगाया जा सकता है. आइए, जानते हैं व्हाइट फंगस के कुछ लक्षणों के बारे में -
एलर्जिक रिएक्शन
अस्थमा या सिस्टिक फाइब्रोसिस के रोगियों में एस्परगिलोसिस फंगस एलर्जी का कारण बन सकता है. इस विकार को एलर्जिक ब्रोंकोपल्मोनरी एस्परगिलोसिस के रूप में भी जाना जाता है. इसके निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं -
एस्परगिलोमा
वातस्फीति, ट्यूबरक्लोसिस या एडवांस सारकॉइडोसिस जैसे फेफड़े के पुराने रोगों के परिणामस्वरूप फेफड़ों में गैप बढ़ सकता है. जब इस समस्या से ग्रस्त मरीज को एस्परगिलस संक्रमण भी हो जाता है, तो फंगस फाइबर उस गैप में जा सकते हैं और फंगस बॉल में विकसित हो सकते हैं, जिसे एस्परगिलोमा कहा जाता है.
एस्परगिलोमा होने पर हल्की खांसी के अलावा और कोई खास लक्षण नजर नहीं आता. अगर इसका समय रहते उपचार न हो, तो एस्परगिलोमा फेफड़ों के पुराने विकारों को प्रभावित कर सकता है और निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं -
इंवेसिव एस्परगिलोसिस
इस तरह का एस्परगिलोसिस सबसे गंभीर होता है. यह तब होता है, जब कोई संक्रमण फेफड़ों से लेकर मस्तिष्क, हृदय, गुर्दे या त्वचा में तेजी से फैलता है. इंवेसिव एस्परगिलोसिस सिर्फ उन लोगों को प्रभावित करता है, जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कीमोथेरेपी, बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन या इम्यून सिस्टम के किसी रोग की वजह से कमजोर हो गई है. अगर इसे बिना इलाज के छोड़ दिया जाए, तो इस प्रकार का एस्परगिलोसिस घातक हो सकता है. इसके लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि कौन-सा अंग प्रभावित हुआ है. सामान्य तौर पर इंवेसिव एस्परगिलोसिस के चलते निम्न प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं -
अन्य प्रकार के एस्परगिलोसिस
फेफड़ों के अलावा, एस्परगिलस शरीर के अन्य हिस्सों को भी संक्रमित कर सकता है, जैसे कि साइनस. साइनस में फंगस के चलते नाक भरी हुई लगती है, जिसे साफ करने खून भी निकल सकता है. इसके अलावा, बुखार, सिर व चेहरे में दर्द भी महसूस हो सकता है.