पेशाब करने में दिक्कत - Urinary hesitancy in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

February 08, 2022

December 20, 2023

पेशाब करने में दिक्कत
पेशाब करने में दिक्कत

यदि पेशाब करते समय परेशानी होती है, तो ये मूत्र से सम्बंधित समस्या हो सकती है. यह किसी भी उम्र में पुरुषों और महिलाओं में हो सकती है, लेकिन यह बड़ी उम्र के लोगों में सबसे आम है. ये समस्या कई बार यूरिनरी रिटेंशन का कारण बन सकती है, जिसमें ब्लैडर से एक बार में यूरिन नहीं निकल पाता. ये स्थिति तब होती है जब किसी को पेशाब करने में दिक्कत होती है.

इसके अलावा, पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने के कारण, पुरुषों और महिलाओं दोनों में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के कारण, न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम, इंफेक्शन, सर्जरी और कुछ दवाएं मूत्राशय के कार्य को प्रभावित करती है और पेशाब करने में दिक्कत होने लगती है.

पेशाब करने में दिक्कत की समस्या को इसके कारणों के आधार पर ट्रीट किया जाता है, जैसे कुछ मामलों में सर्जरी] तो कुछ में एंटीबायोटिक्स और कैथीटेराइजेशन से इलाज किया जाता है. साथ ही हीटिंग पैड, मसाज और अधिक पानी का सेवन जैसे घरेलू नुस्खों को अपनाया जा सकता है.

आज हम इस लेख में पेशाब करने में दिक्कत के कारणों और इलाज के बारे में जानेंगे -

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पेशाब करने में दिक्कत के कारण - Urinary Hesitancy Causes in Hindi

पेशाब में दिक्कत के कई कारण हो सकते हैं. आइए, इन कारणों के बारे में विस्तार से जानते हैं-

प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (बीपीएच)

पेशाब करने में समस्या प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (बीपीएच) के कारण हो सकती है. इस समस्या को प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ना भी कहा जाता है. ये बढ़ती उम्र के पुरुषों में अधिक देखी जाती है. प्रोस्टेट ग्लैंड के बढ़ने के कारण ब्लैडर से यूरिन फ्लो का ब्लॉक होना, ब्लैडर, यूरिनरी ट्रैक्ट और किडनी की समस्याएं हो सकती हैं.

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प्रोस्टेट ग्रंथि

प्रोस्टेट ग्रंथि मूत्रमार्ग को घेर लेती है. मूत्रमार्ग वह ट्यूब है, जो मूत्राशय के जरिए यूरिन को शरीर के बाहर ले जाती है. प्रोस्टेट ग्रंथि के केंद्र में सूजन आने पर प्रोस्टेटिक मूत्रमार्ग पर दबाव डालता है. यह दबाव मूत्र के प्रवाह को कठिन बनाता है. कई बार पेशाब करने में दिक्कत प्रोस्टेटाइटिस के कारण भी होती है, जो कि पुरुषों में आम है. प्रोस्टेटाइटिस होने पर प्रोस्टेट ग्रंथि में सूजन आ जाती है और ये सूजन संक्रमण के कारण भी हो सकती है. इसमें प्रोस्टेट सूज सकता है और मूत्रमार्ग पर दबाव डाल सकता है. 

सर्जरी

सर्जरी के दौरान दिए जाने वाला एनेस्थीसिया और दवाएं कुछ नसों को खराब कर सकती हैं. इसके परिणामस्वरूप मूत्र संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. मूत्राशय, किडनी या मूत्रमार्ग की सर्जरी से भी मूत्रमार्ग प्रभावित हो सकता हैं. इससे पेशाब में दिक्कत हो सकती है.

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न्यूरोलॉजिकल या मांसपेशियों की स्थिति

पुरुषों और महिलाओं दोनों में पेशाब करने में कठिनाई न्यूरोलॉजिकल या मांसपेशियों की स्थिति से हो सकती है, जो मूत्राशय के कार्य को प्रभावित करती है और ठीक से पेशाब करना मुश्किल हो जाता है.

संक्रमण

मूत्र पथ के इन्फेक्शन (यूटीआई) और यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) भी पुरुषों और महिलाओं दोनों में पेशाब करने में समस्या पैदा कर सकते हैं.

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दवाएं

कुछ दवाएं भी पेशाब करने में समस्या पैदा कर सकती हैं. जैसे पेट की ऐंठन, मांसपेशियों की अकड़न के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली एंटीकोलिनर्जिक्स और एंटीडिप्रेसेंट दवाएं यूरिन के दौरान परेशानी खड़ी कर सकती हैं. इसके अलावा, कुछ कोल्ड ट्रीटमेंट मेडिसीन, नेजल डिकंजेस्टेन्ट और एंटी-एलर्जी मेडिकेशंस भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं.

गर्भावस्था

गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद महिलाओं को पेशाब करने में दिक्कत हो सकती है. एक रिसर्च के अनुसार, कुछ महिलाओं को प्रसव के बाद भी यूरिनरी रिटेंशन अनुभव हो सकता है.

पेशाब करने में कठिनाई के कुछ अन्य कारण भी हैं-

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पेशाब करने में दिक्कत का उपचार - Urinary Hesitancy Treatment in Hindi

पेशाब करने में दिक्क्तों का इलाज उसके लक्षणों और कारणों पर निर्भर करता है. समस्या किस वजह से है, इसका निदान होने के बाद ही दवाओं, सर्जरी या अन्य उपचारों की सिफारिश की जाती है. कुछ मामलों में घरेलू उपचार ही लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकते हैं, जैसे पेट के निचले हिस्से पर गर्म पानी की बोतल या हीटिंग पैड रखने से मदद मिल सकती है.

यह मांसपेशियों को आराम देने में मदद कर सकता है और मूत्र प्रवाह में सुधार कर सकता है. पेट के निचले हिस्से में धीरे-धीरे मालिश करने से भी मूत्र प्रवाह को बढ़ाने में मदद मिल सकती है. बहुत सारे तरल पदार्थों और पानी के अधिक सेवन से भी मदद मिल सकती है. आइए, विस्तार से जानिए पेशाब करने में दिक्कतों के इलाज के बारे में -

प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया

जिन रोगियों में हल्के लक्षण होते हैं, उनको लगातार ऑब्जर्व किया जाता है, ताकि लक्षण गंभीर न हो जाएं. यदि लक्षण गंभीर हैं, तो उपचार के कई विकल्प हैं, जो निम्न प्रकार हैं -

  • दवाएं- हार्मोन डाइहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को कम करने वाली दवाएं, जैसे- डूटास्टराइड अवोडार्टी और फिनास्टेराइड हैं. प्रोस्टेट में मांसपेशियों को आराम देने वाली दवाएं, जैसे- टेराजोसिन, डॉक्सेजॉसिन, टैमसुलोसिन, अल्फुजोसिन और सिलोडोसिन हैं. लक्षणों का इलाज करने और मूत्र के प्रवाह में सुधार करने में मदद के लिए भी डूटास्टराइड और टैमसुलोसिन दवा दी जा सकती है.
  • सर्जरी- मूत्र के प्रवाह में बाधा डालने वाले प्रोस्टेट टिश्यूज को हटाने के लिए कई अलग-अलग प्रकार की सर्जरी का उपयोग किया जा सकता है, जैसे- प्रोस्टेट का ट्रांस यूरेथ्रल रिसेक्शन, प्रोस्टेट का ट्रांस यूरेथ्रल इन्सिजन, ट्रांस यूरेथ्रल इलेक्ट्रो वेपराइजेशन और ग्रीनलाइट लेजर.
  • न्यूनतम इनवेसिव ट्रीटमेंट्स- इस इलाज के दौरान प्रोस्टेटिक यूरेथ्रल लिफ्ट और वाटर वपौर थेरेपी दी जा सकती है. ये इलाज सस्ता और नया है, लेकिन इनके कुछ साइड इफेक्ट्स जैसे बार-बार यूरिन आना या प्रोस्टेट में हीलिंग के दौरान जलन होना शामिल है.

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प्रोस्टेट ग्रंथि

प्रोस्टेट ग्रंथि की सूजन और प्रोस्टेटाइटिस के कारण सूजन और संक्रमण के लिए आमतौर पर दवाएं दी जाती हैं. दवाओं में सबसे अच्छा विकल्प चुनने के लिए लक्षणों, प्रोस्टेट की सूजन, अन्य स्वास्थ्य स्थितियों पर ध्यान दिया जाता है. हल्के लक्षणों के लिए डॉक्टर संक्रमण का कारण बनने वाले बैक्टीरिया के प्रकार के आधार एंटीबायोटिक्स दे सकते हैं. गंभीर लक्षणों में इन्ट्रवीनस एंटीबायोटिक दी जा सकती है. इसके अलावा, अल्फा ब्लॉकर्स और नॉन-स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स दी जा सकती है.

सर्जरी

सर्जरी के बाद यूरिनरी रिटेंशन को रोकने के लिए कुछ मामलों में यूरिनरी कैथेटर डाला जा सकता है. कुछ मामलों में अस्पताल में थोड़ समय के लिए कैथीटेराइजेशन की जरूरत पड़ सकती है. इसके अलावा, अल्फा ब्लॉकर्स दवा दी जा सकती हैं, जो ब्लैडर को खाली करने में मदद करती हैं.

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न्यूरोलॉजिकल या मांसपेशियों की स्थिति

न्यूरोलॉजिकल या मांसपेशियों की स्थिति के कारण होने वाली पेशाब की दिक्कतों के लिए भी डॉक्टर दवाओं में फेर-बदल कर सकते हैं. ब्लैडर खाली करने के लिए कैथीटेराइजेशन दे सकते हैं. कुछ एंटीबायोटिक्स और बोटुलिनम के इंजेक्शन दिए जा सकते हैं. कई बार इलियल कान्डूइट जैसा सर्जिकल प्रोसीजर भी किया जा सकता है.

पेशाब करने में दिक्कतों के अन्य इलाज निम्न प्रकार से हैं -

  • यूटीआई और एसटीआई जैसे संक्रमणों के लिए एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं और अधिक तरल पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जा सकती है.
  • उन दवाओं को बदला या बंद किया जाता है, जिनकी वजह से यूरिनरी रिटेंशन या पेशाब करने में दिक्कतें आ रही हैं.
  • गर्भावस्था और डिलीवरी के दौरान होने वाली पेशाब की दिक्कतों के लिए डॉक्टर कैथीटेराइजेशन, कुछ दवाएं और डबल वॉयडिंग तकनीक के लिए कह सकते हैं.
  • कुछ मामलों में मूत्रमार्ग में फैलाव और छोटी ट्यूब्स के माध्यम से स्टेंट डाले जा सकते हैं. एक सिस्टोस्कोप का इस्तेमाल किया जा सकता है. कई बार लेजर या लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की भी जरूरत पड़ सकती है. 
  • इसके अलावा, अधिक मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन, पेल्विक फ्लोर की एक्सरसाइज और कम स्पाइसी फूड खाने की सलाह दी जाती है.

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सारांश – Summary

दवाओं के सेवन, प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने और सूजन आने, गर्भावस्था व न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के कारण पेशाब करने में दिक्कत आ सकती है. इस समस्या के इलाज के लिए उसके लक्षणों और कारणों का निदान किया जाता है. बेहद गंभीर मामलों में सर्जरी तक की जा सकती है. यदि आपको पेशाब करने में दिक्कत आ रही है या कम यूरिन आ रहा है, तो आपको बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और पानी का सेवन बढ़ा देना चाहिए, इससे आपको राहत मिल सकती है.

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