ट्रांसवर्स माईलाइटिस रीढ़ की हड्डी के एक हिस्से के दोनों किनारों की सूजन है। यह न्यूरोलॉजिकल यानी नसों से जुड़ा एक विकार है, जो अक्सर मायलिन को नुकसान पहुंचाता है। मायलिन एक इंसुलेटिंग (गर्मी या ठंठ से बचाने वाली) परत है, जो नसों के आसपास होती है। यह प्रोटीन और वसायुक्त पदार्थों से बनी होती है।
इस बीमारी में रीढ़ की हड्डी की नसें, पूरे शरीर में संदेश नहीं भेज पाती हैं। इसकी वजह से दर्द, मांसपेशियों की कमजोरी, लकवा, संवेदी समस्याएं या मूत्राशय और आंत से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
ट्रांसवर्स माईलाइटिस के कई अलग-अलग कारण हैं। इसमें संक्रमण और प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़े विकार शामिल हैं, जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के स्वस्थ ऊतकों पर हमला करने लगती है। यह मायलिन से जुड़े अन्य विकारों जैसे कि मल्टीपल स्केलेरोसिस के कारण भी हो सकता है। फिलहाल, ट्रांसवर्स माईलाइटिस से ग्रसित लोग आंशिक रूप से ठीक हो सकते हैं। गंभीर मामलों में विकलांगता की समस्या भी हो सकती है।
ट्रांसवर्स माईलाइटिस की जटिलताएं
ट्रांसवर्स माईलाइटिस से ग्रस्त लोगों को आमतौर पर केवल एक बार दर्द का अटैक होता है, लेकिन इसकी जटिलताओं में दर्द, जकड़न, मांसपेशियों का टाइट होना या दर्दनाक ऐंठन, लकवा, यौन रोग और अवसाद या चिंता शामिल हैं।