ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक क्या है?
सिर से लेकर पैर तक शरीर के हर हिस्से में खून के जरिए ऑक्सीजन पहुंचता है। कोशिकाओं को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। अगर किसी भी जगह या हिस्से में यह रक्त प्रवाह अवरुद्ध होता है, तो इसकी वजह से कोई बड़ी परेशानी हो सकती है। इस स्थिति के जो गंभीर प्रभाव पड़ते हैं उनमें से एक ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक (टीआईए) भी है। ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक (टीआईए) एक तरह का स्ट्रोक है, जो केवल कुछ मिनट तक रहता है। जब कोई व्यक्ति टीआईए से ग्रस्त होता है, तो उसके मस्तिष्क के हिस्से में रक्त का प्रवाह थोड़े समय के लिए अवरुद्ध हो जाता है। इसे मिनी स्ट्रोक के नाम से भी जाना जाता है।
ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक के लक्षण
टीआईए के लक्षण अन्य स्ट्रोक के लक्षणों से मिलते-जुलते हैं, लेकिन यह सामान्य स्ट्रोक की तरह लंबे समय तक प्रभावित नहीं करते हैं। इसके लक्षण अचानक सामने आते हैं जो कि निम्न हैं:
- सुन्न पड़ जाना या कमजोरी होना (विशेष रूप से शरीर के एक तरफ)
- समझने या बोलने में दिक्कत
- एक या दोनों आंखों से देखने में परेशानी
- चलने में कठिनाई
- चक्कर आना
- बेसुध होना
- बिना किसी कारण के अचानक से तेज सिरदर्द होना
ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक का कारण
टीआईए आमतौर पर तब होता है जब खून का थक्का बनने से मस्तिष्क के हिस्से को रक्त की आपूर्ति रूक जाती है और ऐसा होने से मस्तिष्क तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता, जिस कारण मस्तिष्क सामान्य रूप से कार्य करने में असमर्थ हो जाता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को मांसपेशियों की कमजोरी जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।
ज्यादा वसायुक्त पदार्थ खाने से भी खून में थक्के बनने लगते हैं, इसे धमनियों में प्लाक जमना कहा जाता है। ये प्लाक शरीर में कहीं भी अपनी जगह बना सकता है और यह तब तक पूरे शरीर में प्रवाहित होता रहता है जब तक कि वो कहीं फंस न जाए। अगर यह मस्तिष्क की धमनी में फंस जाए तो आपको टीआईए हो सकता है।
ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक और स्ट्रोक में अंतर
दोनों में मुख्य अंतर यह है कि एक टीआईए केवल कुछ मिनट तक प्रभावित करता है जबकि स्ट्रोक को ठीक होने में काफी समय लगता है। इसका मतलब है कि मस्तिष्क का कुछ हिस्सा बिना ऑक्सीजन के रहता है और जितने अधिक समय तक मस्तिष्क के किसी हिस्से में ऑक्सीजन नहीं पहुंचेगी उतना अधिक नुकसान होने का खतरा रहता है।
ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक का इलाज
टीआईए के कारण के आधार पर डॉक्टर खून में थक्का बनने की प्रवृत्ति को कम करने के लिए दवाइयाँ लिख सकते हैं या सर्जरी या एंजियोप्लास्टी की भी सलाह दे सकते हैं।
इसके अलावा जीवनशैली में कुछ परिवर्तन कर के भी इस स्थिति को ठीक किया जा सकता है। स्वस्थ, संतुलित आहार (कम वसायुक्त खाना), कम नमक, फाइबर युक्त आहार काफी फायदेमंद होता है। इसमें ताजे फल और हरी सब्जियां भी शामिल हैं। ज्यादातर लोगों के लिए, कम से कम 150 मिनट की शारीरिक गतिविधियां या व्यायाम (जैसे साइकिल चलाना या तेज चलना) करना लाभदायक हो सकता है।
धूम्रपान से बचना भविष्य में स्ट्रोक होने के खतरे को काफी कम कर सकता है। ट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक से बचने के लिए पुरुषों और महिलाओं को शराब का सेवन बंद कर देना चाहिए।
- दवाई
जिन लोगों को टीआईए आ चुका है उन्हें लंबे समय तक रोज एक या एक से ज्यादा दवा लेने की जरूरत पड़ेगी। इस दौरान टीआईए के तुरंत बाद एस्पिरिन दी जा सकती है। एस्पिरिन एक एंटीप्लेटलेट दवा (खून का थक्का बनने से रोकने वाली) के रूप में काम करती है।
- एंजियोप्लास्टी
कुछ चुनिंदा मामलों में ब्लॉक धमनियों को खोलने के लिए कैरोटिड एंजियोप्लास्टी सर्जरी का प्रयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया में एक गुब्बारे जैसी डिवाइस का उपयोग होता है, ताकि प्रभावित धमनी को खोला जा सके।