विंडपाइप में सूजन आ जाने से ट्रेकियो ब्रोंकाइटिस की समस्या होती है। ट्रेकियो ब्रोंकाइटिस में कई तरह की समस्याएं होती हैं। इसमें रोगी को खांसी, बुखार और प्रूलेंट (मवाद से युक्त) बलगम आने की दिक्कत होती है। इसे श्वसन पथ के संक्रमण की स्थिति के रूप में जाना जाता है। यह संक्रमण वायरल या बैक्टीरियल हो सकता है। इसके अलावा यह कई अन्य कारणों जैसे सिगरेट के धुएं आदि से भी हो सकता है। ब्रोंकी वह वायुमार्ग होता है, जो श्वासनली से होते हुए फेफड़ों में जाती है। विंडपाइप और ब्रोंकी दोनों ही फेफड़ों तक हवा ले जाने का कार्य करती हैं, इसलिए इनमें सूजन आ जाने के कारण सांस लेने में कठिनाई और गंभीर रूप से खांसी आने की समस्या हो सकती है। ट्रेकियो ब्रोंकाइटिस की स्थिति एक्यूट मानी जाती है, जिसका अर्थ है कि इसका प्रभाव केवल कुछ हफ्तों तक ही रहता है।
चूंकि यहां ट्रेकियो ब्रोंकाइटिस का जिक्र किया जा रहा है ऐसे में एक सवाल उठता है कि यह अन्य प्रकार के ब्रोंकाइटिस की समस्या से कितना भिन्न होता है? आइए समझते हैं। ब्रोंकाइटिस मुख्यरूप से दो प्रकार के होते हैं- एक्यूट और क्रोनिक। जैसा कि ऊपर बताया गया है कि यह एक्यूट स्थिति है, इसका अर्थ है कि रोगी के लक्षणों का उपचार करके उसे आरामदायक अनुभव दिया जा सकता है। जिन लोगों को बैक्टीरियल संक्रमण के कारण यह समस्या होती है, उनके इलाज के लिए एंटीबायोटिक दवाओं को प्रयोग में लाया जाता है।
क्रोनिक ब्रोंकाइटिस सामान्य रूप से सिगरेट के धुएं, धूल या धुएं के संपर्क में आने के कारण होती है। इसमें उपचार के साथ लक्षणों को कम जरूर किया जा सकता है, लेकिन क्रोनिक ब्रोंकाइटिस को ठीक करने का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है।
इस लेख में हम ट्रेकियो ब्रोंकाइटिस के लक्षण, कारण और इलाज की प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।