टॉन्सिल कैंसर - Tonsil Cancer in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

May 02, 2022

May 02, 2022

टॉन्सिल कैंसर
टॉन्सिल कैंसर

मुंह के पिछले हिस्से में अंडाकार रूप में दो पैड होते हैं, जिन्हें टॉन्सिल कहा जाता है. ये शरीर में रोगों से लड़ने वाले के इम्यून सिस्टम का हिस्सा होते हैं. जब इन टॉन्सिल में असामान्य रूप से सेल्स का विकास होने लगता है, तो उसे टॉन्सिल कैंसर कहा जाता है. मुंह से कोई भी चीज ढंग से निगलने में समस्या और गले में कुछ अटका हुआ महसूस होना इस बीमारी के लक्षण हैं. इसका इलाज सर्जरी या रेडिएशन थेरेपी के जरिए किया जा सकता है. आंकड़ों के अनुसार टॉन्सिल कैंसर की मृत्यु दर 10 प्रतिशत है. यह बीमारी तंबाकू का सेवन करने से हो सकती है.

आज लेख में आप जानेंगे कि टॉन्सिल कैंसर के लक्षण, कारण व इलाज क्या-क्या हैं -

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टॉन्सिल कैंसर के लक्षण - Tonsil Cancer Symptoms in Hindi

ऐसा माना जाता है कि टॉन्सिल कैंसर से ग्रस्त 10 में से 9 लोग ठीक हो सकते हैं. गले में दर्द, सूजन व कान में दर्द आदि इसके मुख्य लक्षण हैं. इसके अन्य लक्षण निम्न प्रकार से हो सकते हैं -

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टॉन्सिल कैंसर के कारण - Tonsil Cancer Causes in Hindi

यह कैंसर तब उत्पन्न होता है, जब टॉन्सिल्स के हेल्दी सेल्स अपने डीएनए को बदलने लगते हैं. यह बदलाव सेल्स को जरूरत से ज्यादा बढ़ने का संकेत देता है. जब हेल्दी सेल्स मर जाते हैं, तो ये सेल्स तब भी जीवित रहते हैं.

ये सेल्स एक दूसरे से जुड़ कर एक ट्यूमर बना लेते हैं, जो टॉन्सिल्स से ज्यादा बढ़ जाते हैं और  शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने लगते हैं. टॉन्सिल कैंसर का एक कारण एचपीवी यानी ह्यूमन पेपिलोमा वायरस भी है. यह सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज से फैलने वाला वायरस है, जो इस तरह के कैंसर के बढ़ने में खास भूमिका निभाता है. इसके अलावा, निम्न रिस्क फैक्टर भी टॉन्सिल कैंसर का कारण बन सकते हैं -

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टॉन्सिल कैंसर का इलाज - Tonsil Cancer Treatment in Hindi

टॉन्सिल कैंसर का इलाज टॉन्सिल के साइज व उसके स्टेज पर निर्भर करता है. टॉन्सिल कैंसर के इलाज के लिए सर्जरी या थेरेपी दी जा सकती हैं. आइए, इनके बारे में विस्तार से जानते हैं -

सर्जरी

सर्जरी के द्वारा जितना हो सके उतने कैंसर सेल्स को हटा दिया जाता है. यह तरीका टॉन्सिल कैंसर की हर स्टेज के लिए प्रभावि हो सकता है. इस प्रक्रिया में डॉक्टर मुंह में विभिन्न इंस्ट्रूमेंट से इस कैंसर को हटाते हैं. बहुत ही कम केसों में यह जरूरत पड़ती है कि डॉक्टर को गर्दन में एक कट लगा कर सर्जरी करनी पड़े.

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रेडिएशन थेरेपी

रेडिएशन थेरेपी के दौरान एनर्जी की हाई पावर बीम जैसे एक्स-रे और प्रोटॉन्स का प्रयोग किया जाता है, जिससे कैंसर सेल्स को खत्म किया जा सके. अगर कैंसर सेल्स टॉन्सिल में ज्यादा नहीं बढ़े हैं, तो इस केस में सर्जरी की जगह सिर्फ रेडिएशन थेरेपी का प्रयोग किया जा सकता है. वहीं, अगर सर्जरी से पूरी तरह कैंसर सेल्स नहीं खत्म होते, तो बाद में रेडिएशन थेरेपी का प्रयोग भी किया जा सकता है.

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कीमोथेरेपी

कीमोथेरेपी में कैंसर सेल्स को खत्म करने के लिए ड्रग्स का प्रयोग किया जाता है. टॉन्सिल कैंसर के केस में इस थेरेपी को कई बार रेडिएशन थेरेपी के साथ कंबाइन कर दिया जाता है. अगर यह कैंसर फिर से होता है या शरीर के अन्य भागों में फैल जाता है, तो भी इस थेरेपी का प्रयोग किया जा सकता है.

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टॉन्सिल कैंसर से मृत्य दर - Tonsil Cancer Mortality Rate in Hindi

टॉन्सिल कैंसर जो कि एक एचपीवी वायरस व तंबाकू के सेवन से फैलने वाला रोग है. अगर इसका पता शुरुआती स्टेज में ही चला जाता है, तो सर्वाइवल रेट करीब 84 प्रतिशत तक हो सकता है. वहीं, अगर कैंसर सेल्स आसपास के टिश्यू या अंगों में फैल गए हैं, तो सर्वाइवल रेट करीब 66 प्रतिशत हो सकता है. साथ ही अगर कैंसर शरीर में कई जगह फैल गया है, तो सर्वाइवल रेट घटकर सिर्फ 39 प्रतिशत तक पहुंच जाता है. इसके अलावा, निम्न बातों पर ध्यान देना भी जरूरी है -

  • सभी दवाइयों की लिस्ट बना कर और उन्हें समय से खाते रहना चाहिए.
  • शराब का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए.
  • एचपीवी वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए.
  • तंबाकू और धूम्रपान का प्रयोग करना बंद कर देना चाहिए . 
  • समय-समय पर डेंटल चेकअप करवाते रहना जरूरी है.

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सारांश – Summary

टॉन्सिल में असामान्य सेल्स की ग्रोथ टॉन्सिल कैंसर कहलाती है. मुंह में दर्द व थूक में ब्लड इस बीमारी के कुछ लक्षण हैं. एचपीवी वायरस और सेल्स के डीएनए में बदलाव की वजह से यह बीमारी हो सकती है, जिसे सर्जरी या कीमोथेरेपी से ठीक किया जा सकता है. धूम्रपान या अल्कोहल के सेवन से भी यह बीमारी हो सकती है. इसलिए, गले में टॉन्सिल जैसे कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है. साथ ही स्वस्थ जीवन व संतुलित खान-पान का सेवन करना चाहिए.

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