टोलोसा हंट सिंड्रोम - Tolosa Hunt Syndrome in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

December 11, 2020

December 12, 2020

टोलोसा हंट सिंड्रोम
टोलोसा हंट सिंड्रोम

टोलोसा हंट सिंड्रोम एक दुर्लभ विकार है जो एक तरह का सिरदर्द है और इसमें आंखों के आसपास गंभीर दर्द होता है। इस स्थिति में आंखों की गतिविधियां कम हो जाती हैं और आंख हिलाने पर तेज दर्द होता है, जिसे ओफ्थल्मोप्लेजिया (ophthalmoplegia) कहा जाता है। इस बीमारी के लक्षण आमतौर पर एक आंख में महसूस होते हैं। ज्यादातर मामलों में, पीड़ित व्यक्ति तेज दर्द का अनुभव करता है। लक्षण अक्सर हस्तक्षेप के बिना कम हो जाते हैं और बिना किसी वजह के अचानक दोबारा लक्षण उभर सकते हैं।

पीड़ित व्यक्ति की कुछ क्रैनियल नसों में पैरालिसिस के लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं जैसे कि ऊपरी पलक (पीटोसिस), दोहरी दृष्टि (डिप्लोपिया), बड़ी पुतली और चेहरे का सुन्न पड़ जाना। इस दौरान प्रभावित आंख असामान्य रूप से (प्रॉटोसिस) फैलती है। हालांकि, टोलोसा हंट सिंड्रोम का सटीक कारण ज्ञात नहीं है, लेकिन विकार को आंख के पीछे विशिष्ट क्षेत्रों की सूजन (कैवर्नस साइनस और सुपीरियर ओरबिटल फिशर) के साथ जुड़ा हुआ माना जाता है।

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टोलोसा हंट सिंड्रोम के लक्षण - Tolosa Hunt Syndrome Symptoms in Hindi

टोलोसा हंट सिंड्रोम से पीड़ित कई लोग अचानक आंख के आसपास (पेरिऑर्बिटल) गंभीर रूप से सिरदर्द अनुभव करते हैं। इसके अलावा कुछ लक्षण इस प्रकार हैं -

  • आंखों की गतिविधि कम होना
  • ओफ्थेल्मोप्लेजिया के कुछ गंभीर मामलों में आंख को विभिन्न दिशाओं में हिलाने और देखने में असमर्थता
  • क्रोनिक पेरिऑर्बिटल सिरदर्द
  • दोहरी दृष्टि (डबल विजन)
  • सिर की कुछ नसों में पक्षाघात (पैरालिसिस)
  • लगातार थकान महसूस होना
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टोलोसा-हंट सिंड्रोम के कारण - Tolosa Hunt Syndrome Causes in Hindi

वैसे टोलोसा हंट सिंड्रोम का सटीक कारण पता नहीं है, लेकिन एक असामान्य ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया है जो आंख के पीछे (कैवर्नस साइनस और सुपीरियर ओरबिटल फिशर) विशिष्ट क्षेत्र में होने वाली सूजन को इस बीमारी के साथ जोड़ती है। कुछ मामलों में, सूजन एक निश्चित प्रकार की कोशिकाओं (ग्रैनुलोमेटस इनफ्लामेशन) के इकट्ठा होने के कारण हो सकती है। दरअसल ऑटोइम्यून बीमारियां तब होते हैं, जब शरीर का सुरक्षा तंत्र (रोग प्रतिरोधक क्षमता) जो शरीर पर हमला करने वाले बाहरी तत्वों के खिलाफ लड़ता है, वही शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला कर देता है। अन्य संभावित कारणों में सामान्य सूजन, सिर की सूजी हुई नसें या नसों में खिंचाव शामिल हैं।

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टोलोस हंट सिंड्रोम एक दुर्लभ न्यूरो-इम्यूनोलॉजिकल डिसऑर्डर है जो पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से प्रभावित करता है। औसतन 41 वर्ष की आयु में यह बीमारी शुरू होती है, लेकिन 30 वर्ष से कम उम्र के लोगों में भी इसके मामले सामने आ चुके हैं। कुछ दुर्लभ मामलों में 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में भी टोलोसा हंट सिंड्रोम का पता चला है।

टोलोसा हंट सिंड्रोम का निदान - Diagnosis of Tolosa Hunt Syndrome in Hindi

टोलोसा हंट सिंड्रोम के निदान को इंटरनेशनल हेडेक सोसायटी की ओर से संहिताबद्ध (कोडिफाइड) किया गया है। इस डिसऑर्डर के एक निश्चित निदान के लिए निम्नलिखित मानदंड को पूरा किया जाना चाहिए :

  • सिर के एक तरफ आंख का दर्द, जिसका इलाज न किया जाए तो आठ सप्ताह तक बना रह सकता है।
  • तीसरी, चौथी या छठी क्रैनियल नसों से संबंधित जलन या क्षति
  • स्टेरॉयड देने पर 48 घंटों के भीतर दर्द से राहत मिलना
  • विशेष टेस्ट जो अन्य स्थितियों जैसे कि नियोप्लाज्म, संक्रमण या एन्यूरिज्म की आशंका को दूर करे।

टोलोसा हंट सिंड्रोम का निदान, विशिष्ट शारीरिक विशेषताओं (जैसे - दर्द, सिरदर्द, आंखों या उनके आसपास की नसों में पैरालिसिस) की उपस्थिति के आधार पर किया जा सकता है। निदान की पुष्टि पूरी तरह से क्लीनिकल ​​मूल्यांकन, रोगी की बीमारी से जुड़ी पुरानी हिस्ट्री और कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन के जरिए की जा सकती है। इसके साथ मैग्नेटिक रेजॉनन्स इमेजिंग (एमआरआई) सहित कई विशिष्ट रेडियोलॉजिक परीक्षणों द्वारा भी निदान किया जा सकता है।

टोलोसा हंट सिंड्रोम का उपचार - Tolosa Hunt Syndrome Treatment in Hindi

ज्यादातर मामलों में, टोलोसा हंट सिंड्रोम से जुड़ा दर्द स्टेरॉयड दवाओं की कुछ खुराक से कम हो जाता है। यदि इलाज न किया जाए तो दर्द आमतौर पर 15 से 20 दिनों तक परेशान कर सकता है। स्टेरॉयड उपचार के साथ, दर्द आमतौर पर 24 से 72 घंटे के अंदर कम हो जाता है। लेकिन मरीज को भविष्य में भी ऐसे अटैक आ सकते हैं।

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