वृषण मरोड़ क्या है?
स्पर्मेटिक कोर्ड अंडकोष तक रक्त पहुंचाने का काम करती है। लेकिन जब अंडकोष इस नली से घूम जाते हैं तो इसको को वृषण मरोड़ (testicular torsion) कहा जाता है। इस वजह से अंडकोष में रक्त का प्रवाह बंद हो जाता है, जिससे उनमें गंभीर दर्द और सूजन आने लगती है।
लंबे समय तक वृषण में मरोड़ रक्त की कमी के कारण अंडकोष व उसके आसपास के ऊतकों को नष्ट कर सकती हैं। यह एक गंभीर स्थिति होती है, लेकिन इसका इलाज किया जा सकता है।
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वृषण मरोड़ के लक्षण क्या हैं?
अंडकोष में सूजन और दर्द इस समस्या का मुख्य लक्षण होती है। इसमें दर्द अचानक से गंभीर भी हो सकता है। इसमें अंडकोष की सूजन एक तरफ या पूरे अंडकोष में भी हो सकती है। इस समस्या में एक वृषण दूसरे के मुकाबले बड़ा हो जाता है।
इसके आलवा वृषण मरोड़ की समस्या में व्यक्ति को चक्कर आना, जी मिचलाना, उल्टी, अंडकोष में गांठ, व वीर्य में रक्त आदि के लक्षण महसूस हो सकते हैं।
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वृषण मरोड़ क्यों होता है?
कुछ पुरुषों में बैल कैलपर डिफॉर्मिटी (bell clapper deformity) के कारण वृषण मरोड़ की समस्या होती है। बैल कैलपर डिफॉर्मिटी एक प्रकार की शारीरिक असामानता होती है, जो कुछ पुरुषों में पाई जाती है। इस स्थिति में स्पर्म ट्यूब आसानी से घूम जाती है, इसके परिणामस्वरूप अंडकोष में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। यह कभी खुद से तो कभी किसी चोट की वजह से भी हो सकता है। इस विकृति को पता लगाने का कोई भी तरीका मौजूद नहीं है। इस असामानता से ग्रस्त कुछ पुरुषों के दोनों ही वृषण इससे प्रभावित हो जाते है।
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वृषण मरोड़ का इलाज कैसे होता है?
केवल ऑपरेशन से वृषण मरोड़ को ठीक किया जा सकता है। कुछ बहुत ही कम मामलों में डॉक्टर हाथों से भी वृषण की मरोड़ को ठीक कर देते हैं, लेकिन ऐसा करना कोई सामान्य प्रक्रिया नहीं है। अंडकोष में होने वाले दर्द को नजरअंदाज किए बिना ही इलाज करवाना चाहिए।
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