वृषण पुरुषों के शरीर में पाई जाने वाली दो छोटी ग्रंथियां हैं, जो अंडकोष की थैली में मौजूद होती हैं। अंडकोष की थैली का मुख्य कार्य वृषणों के आसपास उचित तापमान बनाए रखना होता है। वृषणों को गर्मी प्रदान करने के लिए वह सिकुड़ने लगती है और पर्याप्त गर्मी मिलने पर ढीली पड़ने लगती है। अंडकोष की इस प्रक्रिया के कारण अंडकोष कई बार सामान्य आकार से छोटे तो कई बार बड़े दिखने लगते हैं, हालांकि यह सामान्य स्थिति होती है।
अंडकोष संबंधी समस्याओं के मामले कम ही देखे जाते हैं और आमतौर पर वे गंभीर भी नहीं होते। लेकिन फिर भी अगर आपको अपने वृषणों या अंडकोष की थैली से संबंधित कोई भी असामान्यता महसूस हो रही है, तो बिना देरी किए जितना जल्दी हो सके डॉक्टर के पास चले जाना चाहिए। यदि आपके अंडकोष की थैली में गंभीर दर्द हो रहा है या फिर आपके वृषणों में किसी प्रकार का बदलाव जैसे कि गांठ आदि है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए।
वैसे तो बहुत ही दुर्लभ मामलों में वृषण में संकुचन संबंधी समस्याओं से कोई हानिकारक स्थिति पैदा होती है, लेकिन फिर भी इस स्थिति की जांच करवाना बहुत जरूरी होता है और इससे जीवन को प्रभावित करने वाली कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
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