सामान्य रूप से हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली खतरनाक संक्रमण और बैक्टीरिया से मुकाबला करके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करती है। सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस (एसएलई) के मामले में इसका उल्टा है। एसएलई एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसका मतलब है कि इसमें प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के ही ऊतकों पर हमला कर देती है। इसके कारण प्रभावित अंगों में सूजन और ऊतकों को क्षति हो सकती है। यह बीमारी जोड़ों, त्वचा, मस्तिष्क, फेफड़े, गुर्दे और रक्त वाहिकाओं को प्रभावित कर सकती है। वैसे तो इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है हालांकि, जीवनशैली में परिवर्तन और कुछ चिकित्सकीय उपायों को प्रयोग में लाकर एसएलई को नियंत्रित जरूर किया जा सकता है।
एसएलई, ल्यूपस बीमारी का सबसे आम प्रकार है। यह एक क्रोनिक बीमारी है, ज्यादातर लोगों को अगर समय पर उपचार प्राप्त हो जाए तो वह सामान्य जीवन जी सकते हैं। एसएलई के 90 फीसदी मामलों में महिलाएं इससे प्रभावित होती हैं। एसएलई बीमारी का असर लोगों में हल्के से गंभीर स्तर का हो सकता है। कुछ लोगों में यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है।
इस लेख में हम सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस के लक्षण, कारण और इसके इलाज के बारे में जानेंगे।