जोड़ों में सूजन - Swollen joints in Hindi

Dr. Nadheer K M (AIIMS)MBBS

September 25, 2020

September 08, 2023

जोड़ों में सूजन
जोड़ों में सूजन

जोड़ शरीर की ऐसी संरचना है, जहां दो या अधिक हड्डियां आपस में जुड़ती हैं। ये जोड़ शरीर के सभी अंगों में पाए जाते हैं, जैसे पैर, टखने, कोहनी, कुल्हे, कलाई, उंगलियां, कंधे व शरीर के अन्य अंग।

शरीर के जोड़ों के आसपास नरम ऊतक होते हैं, जो उन्हें सुरक्षा प्रदान करते हैं। उदाहरण के तौर पर ये ऊतक जोड़ों के लिए एक तकिये या गद्दे का काम करते हैं। जब इन ऊतकों में द्रव जमा होने लगता है, तो जोड़ों में सूजन आ जाती है। जोड़ों में सूजन के साथ-साथ दर्द व अकड़न जैसी समस्याएं हो सकती हैं। सूजन से ग्रस्त जोड़ आकार व आकृति में असामान्य दिखाई दे सकता है।

जोड़ों में सूजन होना खुद एक समस्या भी हो सकती है और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लक्षणों को रूप में भी विकसित हो सकती है।

(और पढ़ें - सूजन की होमियोपैथिक दवा)

जोड़ों में सूजन के लक्षण - Swollen joints Symptoms in Hindi

दो हड्डियों को आपस में जोड़ने वाले ऊतक व उनके आस-पास की अन्य संरचनाओं में होने वाली सूजन को ही जोड़ों की सूजन कहा जाता है। यह सूजन आमतौर पर जोड़ों के आस-पास चोट लगने के कारण ही होती है। वैसे तो जोड़ों में सूजन होना खुद में एक लक्षण होता है, लेकिन इसके साथ कुछ अन्य लक्षण भी देखे जा सकते हैं जैसे -

साथ ही सूजन से ग्रस्त जोड़ ठीक से काम नहीं कर पाते हैं और उनके हिलने-ढुलने की गति भी कम हो जाती है।

सूजन शरीर के किसी एक जोड़ में भी आ सकती है और एक साथ कई जोड़ भी प्रभावित हो सकते हैं, जो पूरी तरह से जोड़ के कारण पर निर्भर करता है।

जोड़ों में सूजन के साथ-साथ अन्य विभिन्न प्रकार के लक्षण भी हो सकते हैं, जो मुख्य रूप से इनके अंदरूनी कारण से संबंधित होते हैं। जोड़ों में सूजन के साथ आमतौर पर विकसित होने वाले लक्षणों में निम्न भी शामिल हो सकते हैं -

डॉक्टर को कब दिखाएं?

यदि जोड़ों में होने वाली सूजन निम्न स्थितियों से संबंधित है, तो डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए - 

  • कोई गंभीर चोट लगने के कारण दर्द होना
  • गंभीर चोट लगने से जो अव्यवस्थित (विकृत) दिखाई पड़ना
  • तेज बुखार
  • लगातार गंभीर होना
  • आपको रोजाना के कार्य करने में तकलीफ होना

जोड़ों में सूजन के कारण - Swollen joints Causes in Hindi

वैसे तो जोड़ों में सूजन होने का सबसे मुख्य कारण गठिया (आर्थराइटिस) ही होता है। हालांकि, इसके अलावा कुछ अन्य रोग व शारीरिक समस्याएं भी हैं, जो जोड़ों में सूजन का कारण बन सकती हैं। इनमें मुख्यत: निम्न को शामिल किया जाता है -

  • ओस्टियोआर्थराइटिस -
    यह गठिया का सबसे आम प्रकार माना जाता है। जब जोड़ों में मौजूद कार्टिलेज अपने आप क्षतिग्रस्त होने लगता है, तो यह रोग विकसित होने लगता है। जब आपके जोड़ों के आसपास मौजूद कार्टिलेज क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो दोनों हड्डियां आपस में रगड़ खाने लगती हैं। ओस्टियोआर्थराइटिस स्थिति में जोड़ों में सूजन, दर्द व अकड़न हो जाती है।
     
  • रूमेटाइड आर्थराइटिस -
    यह एक प्रकार का स्व-प्रतिरक्षित रोग है, जिसमें आपका शरीर खुद के स्वस्थ ऊतकों व कोशिकाओं को क्षति पहुंचाने लग जाता है। रूमेटाइड आर्थराइटिस में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली जोड़ों को ढकने वाली झिल्ली (मेम्बरेन) को क्षति पहुंचाने लग जाती है, जिससे जोड़ों में सूजन आ जाती है।
     
  • गाउट -
    इसमें शरीर का यूरिक एसिड स्तर बढ़ जाता है और परिणामस्वरूप यूरिक एसिड के क्रिस्टल जोड़ों में जमा होने लग जाते हैं। इस स्थिति में भी जोड़ों में सूजन आने लगती है।
     
  • सोरायटिक आर्थराइटिस -
    यह भी एक प्रकार का स्व-प्रतिरक्षित रोग है। इस रोग में आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली त्वचा और जोड़ों के स्वस्थ ऊतकों को क्षति पहुंचाने लग जाती है। इस स्थिति के परिणामस्वरूप आपको जोड़ों में सूजन, दर्द व अकड़न होने लग जाती है।
     
  • सेप्टिक आर्थराइटिस -
    जोड़ों में संक्रमण होने के कारण भी आपके जोड़ों में सूजन हो सकती है। यह संक्रमण आमतौर पर बैक्टीरिया, वायरस या फंगी के कारण ही होता है, जिसे सेप्टिक आर्थराइटिस कहा जाता है।

इसके अलावा कुछ अन्य कारण भी हैं, जो जोड़ों में सूजन का कारण बन सकते हैं। इनमें निम्न शामिल हैं -

(और पढ़ें - जोड़ों में दर्द के घरेलू उपाय)

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जोड़ों में सूजन का परीक्षण - Diagnosis of Swollen joints in Hindi

जोड़ों की सूजन की जांच सिर्फ डॉक्टर के द्वारा ही की जानी चाहिए। परीक्षण के दौरान डॉक्टर सबसे पहले जोड़ों की सूजन को छूकर देखते हैं और साथ ही साथ मरीज से कुछ सवाल भी पूछते हैं। उदाहरण के तौर पर कुछ इस तरह के सवाल पूछे जाते हैं -

  • जोड़ों में सूजन कब से शुरू हुई है?
  • शरीर के किस हिस्से में सूजन ज्यादा है?
  • सूजन कितनी गंभीर है?
  • किस चीज से सूजन कम या ज्यादा होती है?

इसके अलावा डॉक्टर स्थिति की पुष्टि करने के लिए कुछ प्रकार के टेस्ट करवाने को भी कह सकते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं -

  • जॉइंट एस्पिरेशन टेस्ट, जिसमें डॉक्टर सुई की मदद से जोड़ों से द्रव का सैंपल निकालते हैं और उसकी जांच करते हैं।
  • ब्लड टेस्ट
  • एक्स-रे

(और पढ़ें - लैब टेस्ट क्या होते हैं)

जोड़ों में सूजन का इलाज - Swollen joints Treatment in Hindi

जोड़ों में सूजन के अंदरूनी कारणों के अनुसार ही डॉक्टर उचित इलाज प्रक्रिया को निर्धारित करते हैं। यदि जोड़ों के आसपास कोई चोट लगने के कारण जोड़ों में सूजन हुई है, तो हो सकता है डॉक्टर घर पर करने के लिए ही कुछ साधारण उपचार बता सकते हैं। ठंडी सिकाई करना और हल्के दबाव के साथ कपड़ा बांध के रखना आदि घर पर किए जाने वाले उपाय हैं।

जोड़ पर इलास्टिक पट्टी या किसी कपड़े से हल्के दबाव के साथ बांधना भी सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा सूजन से प्रभावित हिस्से को हृदय के स्तर से ऊपर रखना भी सूजन को कम करने का एक अच्छा तरीका माना जाता है। इसके अलावा कुछ ओटीसी सूजन व दर्द निवारक दवाएं भी ली जा सकती हैं। ओटीसी वे दवाएं होती हैं, जो मेडिकल स्टोर से डॉक्टर की पर्ची के बिना ही मिल जाती है।

इसके अलावा डॉक्टर आपको कुछ समय के लिए प्रभावित जोड़ पर अधिक वजन न डालने और ज्यादा न चलने-फिरने की सलाह दे सकते हैं। आपको कितने दिन तक इन चीजों से परहेज करना है, आप इस बारे में डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।

आपके शरीर को ठीक होने के लिए कुछ निश्चित समय चाहिए होता है। हालांकि, लंबे समय तक बिल्कुल भी शारीरिक गतिविधि न करने से मांसपेशियां व जोड़ों के हिलने-ढुलने की क्षमता प्रभावित हो जाती है।

यदि आपको लंबे समय से ओस्टियोआर्थराइटिस या लुपस की समस्या हो रही है, तो फिर डॉक्टर आपके लिए एक विशेष ट्रीटमेंट प्लान तैयार कर सकते हैं, जिसका पालन करना बेहद आवश्यक होता है। जोड़ों में सूजन के लिए डॉक्टर कुछ प्रकार की दवाएं, शारीरिक थेरेपी और लक्षणों के अनुसार कुछ अन्य दवाएं दे सकते हैं।

(और पढ़ें - थेरेपी क्या है?)

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जोड़ों में सूजन की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Swollen joints in Hindi

जोड़ों में सूजन के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।