परिचय:
दम घुटना एक ऐसी स्थिति है जिसमें मरीज सांस नहीं ले पाता। यह अक्सर हवा की कमी के कारण या श्वसनमार्गों (या गले) में कुछ फंस जाने के कारण होता है। यह एक आपातकालीन स्थिति होती है, जिसमें मस्तिष्क क्षतिग्रस्त हो सकता है और यहां तक कि मरीज की मृत्यु भी हो सकती है। दम घुटने के मुख्य कारण गले में कुछ अटक जाना, ब्रोंकाइल अस्थमा और हवा में ऑक्सीजन की कमी आदि हैं।
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जिन लोगों को दम घुटने की समस्या है, उनमें अक्सर परेशान रहना, होंठ नीले पड़ना, बोलने में कठिनाई, गहरी सांसे लेना और घरघराहट के लक्षण देखे जा सकते हैं। दम घुटना एक अत्यधिक गंभीर स्थिति है, तुरंत इसके कारण का पता लगना बहुत जरूरी होता है। दम घुटने का मुख्य कारण अक्सर गले में कुछ अटकना होता है। ऐसा तब होता है जब कोई कठोर वस्तु निगलने की कोशिश की जाती है और वह गले में अटक जाती है जिससे गले के श्वसन मार्ग बंद हो जाते हैं। दम घुटने की स्थिति का परीक्षण करने के लिए छाती का एक्स रे, अस्थमा के लिए एलर्जी टेस्ट और ब्रोंकोस्कोपी आदि जैसे टेस्ट किये जा सकते हैं। (और पढ़ें - सोते समय घरघराहट)
दम घुटने का इलाज इस पर निर्भर करता है, कि मरीज का किस कारण से दम घुट रहा रहा है। यदि कुछ निगलने जाने के कारण मरीज का दम घुट रहा है, तो उसका इलाज करने के लिए गले से उस वस्तु को निकाल कर श्वसन मार्गों को खोलना पड़ता है। गले में से वस्तु को निकालने के लिए खांसी करने की कोशिश करना, पीठ पर थपकी देकर खांसी करवाना या हेमलिश मैनोयूवर (Heimlich’s manoeuvre) प्रक्रिया का इस्तेमाल करना शामिल है। अस्थमा को ब्रोंकोडायलेटर इनहेलर (एक प्रकार की दवाई जिसे सूंघा जाता है) या एड्रिलाइन के इंजेक्शन के द्वारा नियंत्रित किया जाता है। (और पढ़ें - खांसी में क्या खाना चाहिए)
दम घुटना जीवन के लिए घातक स्थिति है, क्योंकि ऑक्सीजन के बिना मस्तिष्क कुछ ही मिनट तक जीवित रह पाता है।
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