स्पोरेडिक इंक्लूजन बॉडी मायोसाइटिस (मांसपेशियों से संबंधित विकार) - Sporadic Inclusion Body Myositis in Hindi

Dr. Nadheer K M (AIIMS)MBBS

December 30, 2019

March 06, 2020

स्पोरेडिक इंक्लूजन बॉडी मायोसाइटिस
स्पोरेडिक इंक्लूजन बॉडी मायोसाइटिस

स्पोरेडिक इंक्लूजन बॉडी मायोसाइटिस क्या है?

स्पोरेडिक इंक्लूजन बॉडी मायोसाइटिस (आईबीएम) मांसपेशियों से संबंधित विकार है। इसमें मांसपेशियों में कमजोरीसूजन व नुकसान जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि यह मांसपेशियों से जुड़ी कई प्रकार की बीमारियों का समूह है जिसे इंफ्लामेट्री मायोपेथी कहा जाता है। यह बीमारी अक्सर 50 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा प्रभावित करती है। स्पोरेडिक इंक्लूजन बॉडी मायोसाइटिस को आईबीएम या इंक्लूजन बॉडी मायोसाइटिस के नाम से भी जाना जाता है।

स्पोरेडिक इंक्लूजन बॉडी मायोसाइटिस के लक्षण

  • बार-बार गिरना
  • चलने में कठिनाई
  • सीढ़ियां चढ़ने या बैठने में परेशानी
  • संतुलन न बनना
  • हाथ की पकड़ में कमजोरी व उंगलियों को मोड़ने में कठिनाई
  • लिखने एवं दैनिक कार्यों में दिक्कत
  • जांघों की प्रमुख मांसपेशियों में सिकुड़न व कमजोरी 
  • बांह की मांसपेशियों में कमजोरी
  • दर्द या बेचैनी

इस बीमारी के संकेत और लक्षण हर व्यक्ति में भिन्न होते हैं। इसके सबसे आम लक्षणों में पैरों, हाथों, उंगलियों और कलाई में लगातार कमजोरी होना शामिल है। कुछ लोगों को चेहरे की मांसपेशियों (विशेष रूप से आंख बंद करने को नियंत्रित करने वाली मांसपेशियां) में कमजोरी या निगलने में कठिनाई भी होती है। वैसे तो इस बीमारी में मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द नहीं होता है, लेकिन कुछ लोगों में ऐसी परेशानियां देखी गई हैं। 

स्पोरेडिक इंक्लूजन बॉडी मायोसाइटिस के कारण

डॉक्टरों को इस बीमारी के सटीक कारण के बारे में अभी पता नहीं चला है, लेकिन शोधकर्ताओं का मानना है कि इम्यूनोलॉजी (जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली का अध्ययन किया जाता है), आनुवांशिक, पर्यावरणीय और उम्र बढ़ने से संबंधित कारक इस बीमारी के विकास में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
ऐसा माना जाता है कि जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मांसपेशियों के ऊतकों को नुकसान पहुंचाती है तब स्पोरेडिक इंक्लूजन बॉडी मायोसाइटिस की समस्या हो सकती है। इसके अलावा एचआईवी से ग्रस्त लोगों में मायोसाइटिस के लक्षण विकसित हो सकते हैं। हालांकि कुछ दवाओं के सेवन की वजह से भी मायोसाइटिस होने के मामले सामने आ चुके हैं। इनमें डायसैटिनिब, कार्टिकाइन, डी-पेनिसिलिन, स्टेटिन्स और एंटी-वायरल दवाएं शामिल हैं। 

स्पोरेडिक इंक्लूजन बॉडी मायोसाइटिस का इलाज

वर्तमान में आईबीएम के लिए कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसके उपचार में मांसपेशियों को मजबूत बनाने पर काम किया जाता है। इसके अलावा व्यायाम, बार-बार गिरने से बचना, फिजिकल थेरेपी और स्पीच थेरेपी का भी प्रयोग किया जा सकता है। बहुत कम ऐसे सबूत मिले हैं, जिनसे यह पता चल सके कि कुछ दवाइयां भी प्रतिरक्षा प्रणाली को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं। फिलहाल इस स्थिति में एरोबिक और मांसपेशियों को मजबूत करने वाली गतिविधियां फायदेमंद मानी जाती हैं।

स्पोरेडिक इंक्लूजन बॉडी मायोसाइटिस के लक्षण अन्य मायोसाइटिस की तुलना में धीरे-धीरे बढ़ते हैं। कई बार ये लक्षण वर्षों में भी विकसित हो सकते हैं इसलिए कई मामलों में मरीज निदान से पहले स्वयं ही लक्षणों की पहचान कर सकते हैं। यदि जरूरत लगे तो, चलने में सहायक उपकरण जैसे वॉकर या व्हीलचेयर का प्रयोग भी किया जा सकता है।



स्पोरेडिक इंक्लूजन बॉडी मायोसाइटिस (मांसपेशियों से संबंधित विकार) के डॉक्टर

Dr. Pritish Singh Dr. Pritish Singh ओर्थोपेडिक्स
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