हल्के लक्षणों वाले स्लैप्ड चीक सिंड्रोम को इलाज की जरूरत नहीं पड़ती है. 3 में से 1 रोगी में इसके लक्षण कम ही नजर आते हैं. जिन लोगों में इसके लक्षण नजर आते हैं, उन्हें दवा देकर इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है. दवा लेने के बाद यह बीमारी कुछ हफ्तों में ठीक हो सकती है. बच्चे हों या वयस्क, किसी को भी दवा देने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए. स्लैप्ड चीक सिंड्रोम के लक्षण नजर आने पर डॉक्टर बुखार, सिरदर्द और जोड़ों के दर्द के लिए दवा लिख सकते हैं -
इबुप्रोफेन
सिरदर्द, बुखार और सर्दी जैसे लक्षणों को कम करने के लिए डॉक्टर इबुप्रोफेन दवा लिख सकते हैं. इसके अलावा, डॉक्टर की सलाह पर एसिटामिनोफेन और नेप्रोक्सन भी ली जा सकती है.
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एंटीहिस्टामाइन
स्लैप्ड चीक सिंड्रोम होने पर त्वचा पर रैशेज और खुजली हो सकती है. इस स्थिति में एंटीहिस्टामाइन दवा मदद कर सकती है.
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पेन किलर
इस सिंड्रोम में जोड़ों में दर्द और सूजन भी महसूस हो सकती है. इस लक्षण से छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर पेन किलर और एंटीइंफ्लेमेटरी दवा लिख सकते हैं. इससे दर्द और सूजन में आराम मिल सकता है.
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लिक्विड डाइट लें
स्लैप्ड चीक सिंड्रोम की स्थिति में लिक्विड डाइट लेनी चाहिए. पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से इससे आराम मिल सकता है. साथ ही आराम भी करना चाहिए.
दरअसल, वर्तमान में ऐसी कोई वैक्सीन नहीं है, जो लोगों को पर्वोवायरस बी19 संक्रमण से बचा सके. जो लोग संक्रमित हो गए हैं, वे प्रतिरक्षित हो जाते हैं और उनके फिर से संक्रमित होने की आशंका कम ही होती है.
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