स्लैप्ड चीक सिंड्रोम - Slapped Cheek Syndrome in Hindi

Dr. Apratim GoelMBBS,MD,DNB

August 16, 2022

August 16, 2022

स्लैप्ड चीक सिंड्रोम
स्लैप्ड चीक सिंड्रोम

त्वचा संबंधी समस्या किसी को भी हो सकती है. इसमें त्वचा पर दाने, दाग-धब्बे व झुर्रियां होना आम है. वहीं, कई बार कुछ गंभीर त्वचा रोग भी हो जाते हैं. इन्हीं में से एक स्लैप्ड चीक सिंड्रोम है. यह बीमारी पर्वोवायरस के कारण फैलती है, इसमें त्वचा पर दाने और रेडनेस होने लगती है. आमतौर पर स्लैप्ड चीक सिंड्रोम की समस्या बच्चों में अधिक देखने को मिलती है. इसे फिफ्थ डिजीज भी कहा जाता है, क्योंकि यह बच्चों को प्रभावित करने वाली 5वीं वायरल रैश बीमारी है.

आज इस लेख में आप स्लैप्ड चीक सिंड्रोम के लक्षण, कारण व इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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स्लैप्ड चीक सिंड्रोम क्या है? - What is Slapped Cheek Syndrome in Hindi?

यह पर्वोवायरस के कारण होने वाली बीमारी है. यह एक संक्रामक बीमारी है, जो बच्चों में अधिक देखने को मिलती है. संक्रमित मरीज के छींकने या खांसने पर यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकती है. स्लैप्ड चीक सिंड्रोम में गालों पर लाल दाने निकल आते हैं. ऐसा माना जाता है कि यह रोग जिसे एक बार हो जाता है, उसे जीवन में दोबारा होने की आशंका कम ही होती है. स्लैप्ड चीक सिंड्रोम के लक्षण लगभग 13 से 18 दिन के अंदर नजर आ सकते हैं.

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स्लैप्ड चीक सिंड्रोम के लक्षण - Slapped Cheek Syndrome Symptoms in Hindi

स्लैप्ड चीक सिंड्रोम से ग्रस्त करीब 20 प्रतिशत लोगों में इसके लक्षण नजर नहीं आते. इसके बावजूद वे इस वायरस से दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं. स्लैप्ड चीक सिंड्रोम के लक्षण बच्चों व वयस्कों में अलग-अलग होते हैं -

बच्चों में नजर आने वाले लक्षण

पर्वोवायरस का शिकार होने पर बच्चों में निम्न प्रकार के लक्षण नजर आ सकते हैं -

वायरस से संक्रमित होने के कुछ दिनों के बाद बच्चे के चेहरे पर रेडनेस या दाने नजर आ सकते हैं. ये दाने एक या दोनों गालों पर हो सकते हैं. कुछ समय बाद ये दाने हाथों, पैर, छाती, पीट व नितंबों तक फैल सकते हैं. ये दाने गुलाबी और थोड़े उभरे हुए नजर आ सकते हैं. साथ ही दानों में खुजली हो सकती है, खासकर पैरों के तलवों में.

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वयस्कों में नजर आने वाले लक्षण

आमतौर पर वयस्कों में रैश नजर नहीं आते हैं. इसकी जगह, वयस्कों में पर्वोवायरस संक्रमण का सबसे प्रमुख लक्षण जोड़ों में दर्द है, जो कई हफ्तों तक रह सकता है. ये दर्द मुख्य रूप से हाथों, कलाई, घुटने व टखने में होता है.

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स्लैप्ड चीक सिंड्रोम के कारण - Slapped Cheek Syndrome Causes in Hindi

इस समस्या के पीछे मुख्य कारण निम्न प्रकार से हैं -

  • स्लैप्ड चीक सिंड्रोम ह्यूमन पर्वोवायरस बी19 के कारण होता है. यह एक वायरस है, जो लार और नाक से स्रावित होने वाले बूंदों के माध्यम से आसानी से फैल सकता है. 
  • इसके अलावा, स्लैप्ड चीक सिंड्रोम छींक और खांसी के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जा सकता है. 
  • यह वायरस गर्भवती महिला से होने वाले शिशु को भी हो सकता है. गर्भवती महिला के रक्त के माध्यम से वायरस अजन्मे बच्चे तक जा सकता है, लेकिन ऐसे मामले कम ही देखने को मिलते हैं.

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स्लैप्ड चीक सिंड्रोम का इलाज- Slapped Cheek Syndrome Treatment in Hindi

हल्के लक्षणों वाले स्लैप्ड चीक सिंड्रोम को इलाज की जरूरत नहीं पड़ती है. 3 में से 1 रोगी में इसके लक्षण कम ही नजर आते हैं. जिन लोगों में इसके लक्षण नजर आते हैं, उन्हें दवा देकर इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है. दवा लेने के बाद यह बीमारी कुछ हफ्तों में ठीक हो सकती है. बच्चे हों या वयस्क, किसी को भी दवा देने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए. स्लैप्ड चीक सिंड्रोम के लक्षण नजर आने पर डॉक्टर बुखार, सिरदर्द और जोड़ों के दर्द के लिए दवा लिख सकते हैं -

इबुप्रोफेन

सिरदर्द, बुखार और सर्दी जैसे लक्षणों को कम करने के लिए डॉक्टर इबुप्रोफेन दवा लिख सकते हैं. इसके अलावा, डॉक्टर की सलाह पर एसिटामिनोफेन और नेप्रोक्सन भी ली जा सकती है. 

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एंटीहिस्टामाइन

स्लैप्ड चीक सिंड्रोम होने पर त्वचा पर रैशेज और खुजली हो सकती है. इस स्थिति में एंटीहिस्टामाइन दवा मदद कर सकती है.

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पेन किलर

इस सिंड्रोम में जोड़ों में दर्द और सूजन भी महसूस हो सकती है. इस लक्षण से छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर पेन किलर और एंटीइंफ्लेमेटरी दवा लिख सकते हैं. इससे दर्द और सूजन में आराम मिल सकता है.

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लिक्विड डाइट लें

स्लैप्ड चीक सिंड्रोम की स्थिति में लिक्विड डाइट लेनी चाहिए. पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से इससे आराम मिल सकता है. साथ ही आराम भी करना चाहिए.

दरअसल, वर्तमान में ऐसी कोई वैक्सीन नहीं है, जो लोगों को पर्वोवायरस बी19 संक्रमण से बचा सके. जो लोग संक्रमित हो गए हैं, वे प्रतिरक्षित हो जाते हैं और उनके फिर से संक्रमित होने की आशंका कम ही होती है.

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सारांश – Summary

स्लैप्ड चीक सिंड्रोम की बीमारी किसी भी व्यक्ति को हो सकती है, लेकिन स्कूली बच्चों में इसके होने का जोखिम अधिक रहता है. जब किसी को एक बार यह बीमारी हो जाती है, तो दोबारा होने की आशंका बहुत कम होती है, क्योंकि शरीर की इम्यूनिटी इससे लड़ने के लिए सुरक्षा प्रदान कर लेती है. इस बीमारी के लक्षण संक्रमित होने के कुछ दिनों बाद नजर आते हैं. ऐसे में थकान, सिरदर्द और रैशेज हो सकते हैं. इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

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