सिगिल्लोसिस क्या है?
शिगेला संक्रमण (सिगिल्लोसिस) एक आंत की बीमारी है जो बैक्टीरिया के कारण होती है, जिसे शिगेला कहते हैं। शिगेला का सबसे अहम लक्षण होता है दस्त और इसमें अक्सर खून आता है। मल में मौजूद बैक्टीरिया के जरिए सिगिल्लोसिस की समस्या हो सकती है। उदाहरण के तौर पर, यह तब होता है जब बच्चों के डायपर बदलने के बाद या उनका मल साफ करने के बाद मां अपने हाथ नहीं धोती। सिगिल्लोसिस संक्रमित खाद्य पदार्थ या पेय पदार्थ या संकर्मित पानी में स्विमिंग करने से भी हो सकता है।
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सिगिल्लोसिस के लक्षण क्या हैं?
शिगेला संक्रमण के लक्षण आमतौर पर शिगेला से संक्रमित होने के पहले या दूसरे दिन में दिखने लगते हैं, लेकिन इसके लक्षण एक हफ्ते में भी दिखाई दे सकते हैं। सिगिल्लोसिस से जुड़े लक्षण जैसे, दस्त, पेडू में दर्द या ऐंठन, बुखार आदि। कभी-कभी जब व्यक्ति शिगेला से संक्रमित हो जाता है तब भी इससे संबंधित लक्षण जल्दी दिखाई नहीं देते।
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सिगिल्लोसिस क्यों होता है?
सिगिल्लोसिस तब होता है जब अचानक से आपके शरीर में शिगेला बैक्टीरिया चला जाता है। बच्चे को अगर शिगेला इन्फेक्शन है और अगर आप उसके डायपर बदलने के बाद हाथ नहीं धोते हैं, तो इसके कारण भी आपको सिगिल्लोसिस हो सकता है। व्यक्ति से व्यक्ति के जरिए भी बीमारी फैल सकती है। संक्रमित खाद्य पदार्थ खाने या शिगेला से पीड़ित व्यक्ति का पानी या अन्य पेय पदार्थ पीने से भी सिगिल्लोसिस हो सकता है।
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सिगिल्लोसिस का इलाज कैसे होता है?
कई मामलों में, सिगिल्लोसिस के दौरान आराम करने से और ज्यादा से ज्यादा पेय पदार्थ पीने से भी इसका इलाज हो सकता है। ऐसी दवाई न लें जिसकी वजह से दस्त एकदम बंद हो जाएं या पाचन क्रिया धीमी पड़ जाए। दवाई जैसे डीफेनोक्सिलेट (Diphenoxylate) के साथ एट्रोपाइन (लोमोटिल) या लोपेरामाइड (आईमोडियम) से सिगिल्लोसिस और बढ़ सकता है। गंभीर मामलों में, बीमारी को कम करने के लिए आपके डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक्स देंगे। कभी-कभी इन एंटीबायोटिक्स से भी यह बीमारी ठीक नहीं होती, तो अगर आपको कुछ दिनों से आराम नहीं पड़ा है तो अपने डॉक्टर को जरूर बताए।
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