सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर क्या है?
सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (एसएडी) मौसम के प्रभाव से होने वाले विकार है। एसएडी अवसाद का एक प्रकार है जो मौसम के साथ आता है और चला जाता है। आमतौर पर पतझड़ के अंत और सर्दियों की शुरुआत में शुरु होता है तथा वसंत और गर्मी के दौरान सही हो जाता है।
हालांकि, गर्मी से जुड़े अवसाद की घटना भी हो सकती है, लेकिन एसएडी की शीतकालीन घटनाओं की तुलना में बहुत कम हैं। एसएडी आमतौर पर वयस्क युवाओं में शुरू होता है और पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक आम है।
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सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर के लक्षण क्या हैं?
एसएडी के लक्षणों में, लगातार मूड खराब रहना, सामान्य रोजमर्रा की गतिविधियों में खुशी या रुचि कम होना, चिड़चिड़ाहट, निराशा, अपराधबोध और नाकाबिल होने की भावना, दिन में सुस्त (ऊर्जा में कमी) और नींद महसूस करना, लंबे समय तक सोना और सुबह उठने में कठिनाई होना, कार्बोहाइड्रेट की लालसा और वजन बढ़ना इत्यादि शामिल हो सकते हैं। कुछ लोगों के लिए, ये लक्षण गंभीर हो सकते हैं और उनकी दैनिक गतिविधियों पर बहुत प्रभाव पड़ता है।
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सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर क्यों होता है?
हम एसएडी के सटीक कारणों के बारे में अब तक पता नहीं लगा सके हैं। लेकिन कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि मस्तिष्क में बनने वाले कुछ हार्मोन साल के कुछ समय में हमारे रवैये से संबंधित परिवर्तनों को ट्रिगर करते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि एसएडी इन हार्मोनल परिवर्तनों से संबंधित हो सकता है।
एक सिद्धांत यह भी है कि पतझड़ और सर्दी के दौरान सूर्य की रोशनी कम होने से मस्तिष्क कम सेरोटोनिन बनाता है, जो कि मूड को नियंत्रित करने वाले मस्तिष्क के मार्गों से जुड़ा एक रसायन है। जब मस्तिष्क में मूड को नियंत्रित करने वाले तंत्रिका कोशिका मार्ग सामान्य रूप से कार्य नहीं करते हैं, तो इसका परिणाम थकान और वजन बढ़ने के लक्षणों के साथ अवसाद की भावना हो सकता है।
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सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर का इलाज कैसे होता है?
एसएडी के लिए मुख्य उपचार प्रकाश चिकित्सा है। प्रकाश चिकित्सा देने के पीछे विचार उस धूप को प्रतिस्थापित करना है जिसे आप पतझड़ और सर्दियों के महीनों के दौरान नहीं प्राप्त कर पाते हैं। धवल, कृत्रिम प्रकाश का रोजाना संपर्क प्राप्त करने के लिए आप हर सुबह एक लाइट थेरेपी बॉक्स के सामने बैठते हैं। लेकिन एसएडी वाले कुछ लोगों को लाइट थेरेपी से फायदा नहीं होता है। ऐसे लोगों में एंटीडिप्रेसेंट दवाएं और टॉक थेरेपी एसएडी लक्षणों को कम कर सकती है। इनको लाइट थेरेपी के साथ भी दिया जा सकता है।
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