लाल बुखार (स्कार्लेट फीवर) - Scarlet Fever in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

September 07, 2018

April 12, 2021

लाल बुखार
लाल बुखार

लाल बुखार क्या हैै?

लाल बुखार एक तेजी से फैलने वाला संक्रमण है। स्ट्रेप गला से ग्रस्त मरीजों में से कुछ को यह रोग हो जाता है। लाल बुखार से लगभग पूरे शरीर पर लाल रंग के चकत्ते हो जाते हैं। लाल बुखार आमतौर पर तेज बुखार और गले में दर्द के साथ होता है। 

लाल बुखार ज्यादातर 5 से लेकर 15 साल तक के बच्चों को होता है। पहले लाल बुखार को बचपन में होने वाली एक घातक बीमारी माना जाता था। हालांकि अब एंटीबायोटिक दवाएं आने के बाद इसका खतरा कम हो गया है। अभी भी यदि इस रोग को बिना उपचार किए छोड़ दिया जाए तो इससे कई गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जो हृदय, किडनी और शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर देती हैं। 

लाल बुखार को अंग्रेजी में “स्कार्लेट फीवर” (Scarlet fever) और “स्कार्लेटिना” (Scarlatina) के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन “स्कार्लेटिना” शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर लाल बुखार की कम तीव्र स्थिति के लिए किया जाता है।

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लाल बुखार के लक्षण - Scarlet Fever Symptoms in Hindi

लाल बुखार के लक्षण - Scarlet Fever Symptoms in Hindi

लाल बुखार के क्या लक्षण हैं?

संक्रमण होने के 1 से 4 दिन के बाद उसके संकेत व लक्षण दिखाई देने लगते हैं। लाल बुखार में ये लक्षण व संकेत हो सकते हैं:

  • चेहरा लाल होना - इसमें चेहरा दोनों तरफ से लाल हो जाता है और मुंह के आस-पास पीले रंग के धब्बे पड़ जाते हैं। 
  • जीभ गहरी लाल होना (स्ट्रॉबेरी जैसी) - इसमें जीभ गहरे लाल रंग की हो जाती है और गांठ बनने लगती हैं। लाल बुखार के शुरूआत में जीभ पर सफेद रंग की परत भी बन सकती है।
  • लाल चकत्ते - ये चकत्ते अक्सर सनबर्न (धूप से जली त्वचा) और सेंडपेपर (एक तरह का बालू लगा हुआ कागज) की तरह दिखाई देते हैं। ये चकत्ते सबसे पहले चेहरे या गर्दन पर बनने लगते हैं और उसके बाद ये धड़, बाजू और टांगों पर फैलने लग जाते हैं। जब इन चकत्तों पर दबाव दिया जाता है तो ये पीले पड़ जाते हैं। (और पढ़ें - त्वचा पर चकत्ते के लक्षण)
  • लाल धारियां - त्वचा की सिलवटें जैसे ग्रोइन (पेट और जांघ के बीच का भाग), कांख (Armpits), कोहनी, घुटने और गर्दन आदि आस पास के चकत्तों से भी अधिक गहरे लाल रंग की हो जाती हैं। 

कुछ अन्य संभावित लक्षण जैसे:

यदि उल्टी, दस्त और मांसपेशियों में दर्द हो रहा है, तो डॉक्टरों को अन्य संभावित कारणों की जांच करनी भी पड़ सकती है जैसे टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (Toxic shock syndrome)। 

चकत्ते ठीक होने के बाद त्वचा की पपड़ी सूख कर उतरने लग जाती है। 

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

अगर ये समस्याएं दिखें तो डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए:

  • लाल बुखार से जुड़ा कोई भी लक्षण दिखाई देना
  • लाल बुखार ठीक होने के एक हफ्ते बाद फिर से हो जाना, (यह निमोनिया होने के संकेत हो सकता है)
  • यदि आपके बच्चे को हाल ही में चिकनपॉक्स हुआ है और डॉक्टर को दिखाने के एक हफ्ते तक भी कुछ आराम दिखाई नहीं दे रहा तो फिर से जाकर डॉक्टर को इस बारे में बताना चाहिए। 

लाल बुखार बहुत तेजी से फैलता है। यदि संभव हो तो डॉक्टर के पास जाने से पहले उनसे एक बार फोन पर बात कर लें, क्योंकि वे आपको फोन पर कुछ सुझाव दे सकते हैं।

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लाल बुखार के कारण - Scarlet Fever Causes in Hindi

लाल बुखार के कारण - Scarlet Fever Causes in Hindi

लाल बुखार क्यों होता है?

लाल बुखार और स्ट्रेप थ्रोट दोनों एक ही प्रकार के बैक्टीरिया के कारण होते हैं। इस बैक्टीरिया का नाम एस पियोजीन्स (S. pyogenes) होता है और यह बीटा-हेमोलिटिक स्ट्रेप्टोकोकस के समूह का एक बैक्टीरिया है। लाल बुखार में बैक्टीरिया आपके शरीर में एक विषाक्त पदार्थ छोड़ता है, जिससे त्वचा पर लाल चकत्ते होने लग जाते हैं। 

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लाल बुखार कैसे फैलता है?

मरीज की नाक और मुंह से निकलने वाले द्रव के माध्यम से लाल बुखार के बैक्टीरिया फैल सकते हैं। लाल बुखार से ग्रस्त कोई व्यक्ति हवा में खांसता या छींकता है, तो उस दौरान उसके मुंह से तरल पदार्थों की सूक्ष्म बूंदे निकलती हैं। इन तरल पदार्थों की बूंदों में ये बैक्टीरिया होते हैं और ये इतनी सूक्ष्म होती हैं कि हवा में मिल जाती हैं। 

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लाल बुखार से ग्रस्त किसी व्यक्ति की त्वचा को छूने से भी स्ट्रेप्टोकॉकल स्किन इन्फेक्शन हो जाता है। मरीज व्यक्ति के साथ अपना तौलिया, कपड़े, बर्तन, बिस्तर और अन्य व्यक्तिगत चीजों को शेयर करने से भी लाल बुखार फैल सकता है। 

यदि लाल बुखार से ग्रस्त किसी व्यक्ति का इलाज चल रहा है, तो उसके लक्षण व संकेत खत्म होने के बाद कुछ हफ्तों तक भी वह लाल बुखार का संक्रमण दूसरे व्यक्तियों में फैला सकता है। 

लाल बुखार का खतरा कब बढ़ता है?

लाल बुखार होने का खतरा व्यस्क लोगों के मुकाबले 5 से 15 साल के बच्चों में अधिक होता है। जो लोग मरीज व्यक्ति के काफी करीब रहते हैं उनमें लाल बुखार फैलने का खतरा सबसे अधिक होता है, जैसे परिवार के सदस्य और कक्षा में साथ बैठने वाले छात्र आदि। 

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लाल बुखार से बचाव - Prevention of Scarlet Fever in Hindi

लाल बुखार से बचाव कैसे करें?

लाल बुखार एक संक्रामक संक्रमण होता है, जो स्वस्थ लोगों में बहुत तेजी से फैलता है। लाल बुखार की रोकथाम करने के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है। लेकिन कुछ ऐसे तरीके हैं, जो लाल बुखार और अन्य संक्रमणों की रोकथाम करने में मदद करते हैं:

  • हाथ धोना - अपने हाथों को अच्छे से धोएं और अपने बच्चों को सही तरीके से साबुन और गर्म पानी से हाथ धोना सिखाएं। 
  • मरीज व्यक्तियों के साथ अपना भोजन और भोजन के बर्तन आदि शेयर ना करना - अपने बच्चे को नियम के तहत यह समझाएं कि किसी के साथ भोजन, बर्तन व पानी आदि शेयर न करें। फिर चाहें वह कक्षा के विद्यार्थी हो या दोस्त। 
  • अपने मुंह और नाक को ढक कर रखें - खांसते और छींकते समय अपने मुंह को ढक लें और अपने बच्चों को भी ऐसा सिखाएं। ऐसा करने से लाल बुखार व अन्य संक्रमण फैलने से रोकने में मदद मिलती है। (और पढ़ें - खांसी के लक्षण)
  • अलग रहना - जब तक आपका संक्रमण पूरी तरह से ठीक ना हो जाए घर के अन्य सदस्यों से अलग रहना और अपनी किसी भी चीज को उनके संपर्क में ना आने देना। यदि आपके बच्चे को लाल बुखार है, तो जब तक वह पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाता उसको स्कूल भी नहीं भेजना चाहिए। 

यदि आपके बच्चे को लाल बुखार है, तो उसके बर्तनों और कपड़ों को साबुन के साथ गर्म पानी से धोना चाहिए और हो सके तो उसके खिलौनों को भी धो देना चाहिए।

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लाल बुखार का निदान - Diagnosis of Scarlet Fever in Hindi

लाल बुखार की जांच कैसे की जाती है?

डॉक्टर लाल बुखार का परीक्षण करने के लिए मरीज की त्वचा पर चकत्ते और उसकी लाल जीभ की जांच करते हैं। कभी-कभी लाल बुखार की पुष्टि करने के लिए खून टेस्ट भी किया जा सकता है।

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यह पता लगाने के लिए कि संक्रमण किस बैक्टीरिया के कारण हो रहा है मरीज का स्वैब टेस्ट भी किया जा सकता है:

  • यदि आपके डॉक्टर को यह संदेह हो रहा है कि मरीज को स्ट्रेप थ्रोट है, तो वे स्वैब की मदद से मरीज के टॉन्सिल और गले के पिछले भाग से द्रव का सेंपल लेते हैं। इस द्रव में संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया होते हैं। 
  • स्ट्रेप थ्रोट के बैक्टीरिया की जांच करना जरूरी होता है, क्योंकि ऐसी कई समस्याएं हैं जो लाल बुखार का कारण बनती हैं और इन सभी समस्याओं के ठीक करने के लिए अलग-अलग उपचार की आवश्यकता पड़ सकती है। 

स्ट्रेप थ्रोट के बैक्टीरिया के अलावा बहुत सारे कारक हैं, जो लाल बुखार का कारण बन सकते हैं।

(और पढ़ें - बैक्टीरियल इन्फेक्शन का इलाज)

लाल बुखार का इलाज - Lal bukhar ka ilaj in Hindi

लाल बुखार का इलाज - Lal bukhar ka ilaj in Hindi

लाल बुखार का इलाज कैसे किया जाता है?

यदि लाल बुखार गंभीर नहीं है, तो उसके ज्यादातर मामले सप्ताह भर में अपने आप ही ठीक हो जाते हैं।

वयस्क को लाल बुखार होने पर:

  • यदि किसी व्यस्क को लाल बुखार है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाएं लिखते हैं। ये दवाएं लाल बुखार का इलाज नहीं करती लेकिन जल्द से जल्द ठीक होने में मरीज की मदद करती हैं। इसके अलावा एंटीबायोटिक दवाएं निमोनिया जैसे गंभीर संक्रमण होने के खतरे को भी कम देती हैं। 

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बच्चे को लाल बुखार होने पर:

  • यदि आपके बच्चे को लाल बुखार हो गया है, तो डॉक्टर उन के लिए एंटीबायोटिक दवाएं लिखते हैं। डॉक्टर के द्वारा निर्धारित दवाओं के कोर्स को पूरा जरूर करें। यदि दवाओं का कोर्स पूरा ना किया जाए तो बैक्टीरिया शरीर से पूरी तरह से नहीं निकल पाते, जिससे संक्रमण फिर से विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। 
  • यदि आपका बच्चा लगातार नियमित रूप से एंटीबायोटिक दवाएं ले रहा है और उसको पिछले 24 घंटों से बुखार नहीं आया है, तो वह स्कूल जाना शुरू कर सकता है।

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लक्षणों को घर पर नियंत्रित करना

नियमित रूप से एंटीबायोटिक दवाएं लेने के दौरान आप घर पर भी कुछ अन्य उपाय कर सकते हैं, जो आपके लक्षणों को जल्दी ठीक करने में मदद करते हैं। 

  • पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ पीना बहुत जरूरी है, खासकर तब भी जब आपको भूख या प्यास ना लगी हो।
  • अपने अास पास के वातावरण को ठंडा रखें। 
  • चकत्तों से होने वाले खुजली को कम करने के लिए कैलामाइन लोशन लगाएं और ठंडे वातावरण में रहें।
  • बुखार और दर्द को कम करने के लिए टाइलेनोल (Tylenol) और एसिटामिनोफेन (Acetaminophen) दवाएं मदद कर सकती हैं। इन्हें आप ऑनलाइन भी ले सकते हैं। 

(और पढ़ें - आंखों में खुजली के लक्षण)

 

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लाल बुखार की जटिलताएं - Scarlet Fever Complications in Hindi

लाल बुखार की जटिलताएं - Scarlet Fever Complications in Hindi

लाल बुखार से क्या समस्याएं हो सकती हैं?

पहले लाल बुखार को एक बहुत ही गंभीर बीमारी माना जाता था। लेकिन एंटीबायोटिक दवाएं आने के बाद इसके मामले कम होने लगें हैं और इसका इलाज करना भी आसान हो गया है। 

यदि स्कार्लेट फीवर को बिना इलाज किए ऐसे ही छोड़ दिया जाए, तो इसके बैक्टीरिया कई अंगों में संक्रमण पैदा कर सकते हैं, जैसे:

कुछ बहुत ही कम मामलों में लाल बुखार के कारण रूमेटिक फीवर हो जाता है। यह एक गंभीर बीमारी होती है जो कई अंगों को प्रभावित कर देती है, जैसे:

  • जोड़
  • तंत्रिका तंत्र
  • हृदय
  • त्वचा

कुछ शोधकर्ताओं के अनुसार स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण एक स्व-प्रतिरक्षित प्रतिक्रिया को शुरू कर देता है। यह एक ऐसा विकार होता है जो बचपन की कई समस्याओं को और अधिक गंभीर बना देता है। 

स्व प्रतिरक्षित प्रतिक्रिया से कई समस्याएं बदतर हो जाती हैं, जैसे ओसीडी (Obsessive-compulsive disorder), टूरेट सिंड्रोम (Tourette syndrome) और एडीएचडी (Attention deficit hyperactivity disorder)आदि। 

यदि इनमें से किसी भी रोग के लक्षण बदतर हो गए हैं, तो वे कुछ हफ्तों से महीनों तक वापस पहले वाली स्थिति में आ जाते हैं। 

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संदर्भ

  1. Department of Health Scarlet fever. Government of Western Australia [Internet]
  2. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Scarlet Fever: All You Need to Know
  3. National Health Service [Internet]. UK; Scarlet fever.
  4. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Scarlet fever
  5. National Health Service [Internet] NHS inform; Scottish Government; Scarlet fever
  6. Wessels MR. Pharyngitis and Scarlet Fever. 2016 Feb 10 [Updated 2016 Mar 25]. In: Ferretti JJ, Stevens DL, Fischetti VA, editors. Streptococcus pyogenes : Basic Biology to Clinical Manifestations. [Internet]. Oklahoma City (OK): University of Oklahoma Health Sciences Center; 2016-.