रसेल-सिल्वर सिंड्रोम (आरएसएस) को कभी-कभी सिल्वर-रसेल सिंड्रोम (एसआरएस) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक जन्मजात स्थिति है। आरएसएस की विशेषताओं में उम्र के अनुसार लंबाई व वजन न होना, हाथ या पैर का विकास सही से न होना और चेहरे का असामान्य होना शामिल हैं।
यह विकार बहुत दुर्लभ आनुवंशिक दोषों के कारण होता है। वैश्विक स्तर पर यह समस्या 3,000 में किसी एक या 1,00,000 में से किसी एक को होती है।
इसका निदान मुश्किल हो सकता है, क्योंकि कई डॉक्टर इस विकार से परिचित नहीं होते हैं।
इसमें उपचार का लक्ष्य लक्षणों का प्रबंधन करना होता है। जैसे-जैसे मरीज की उम्र बढ़ती है, वैसे वैसे लक्षणों में सुधार हो सकता है। आरएसएस से ग्रस्त ऐसे लोग जो बच्चे पैदा करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें पहले किसी जेनेटिक काउंसलर से सलाह ले लेनी चाहिए। वैसे इस डिसआर्डर का बच्चों में पारित होने का जोखिम कम है, लेकिन तब भी जेनेटिक काउंसलर से सलाह करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
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