रोटर सिंड्रोम क्या है?
रोटर सिंड्रोम एक वंशानुगत बीमारी है जिसमें खून में बिलीरुबिन (एक प्रकार का प्रोटीन) का लेवल बहुत बढ़ जाता है और इसे हाइपरबिलीरुबिनेमिया कहते हैं। बिलीरुबिन का उत्पादन तब होता है जब लाल रक्त कोशिकाएं टूटती हैं और इसका रंग नारंगी-पीले जैसा होता है। शरीर में बिलीरुबिन के अधिक उत्पादन से त्वचा और आंखों के सफेद हिस्से का रंग पीला हो जाता है (पीलिया) और यह इस डिसऑर्डर का एकमात्र लक्षण है।
आमतौर पर नवजात शिशु में या बचपन के शुरूआती दिनों में ही पीलिया की पहचान हो जाती है और यह स्थिति आती-जाती रहती है। रोटर सिंड्रोम एसएलसीओ1बी1 और एसएलसीओ1 बी3 दोनों जीनों में उत्परिवर्तन होने के कारण होता है और यह ऑटोसोमल रिसेसिव तरीके से माता-पिता से बच्चे को प्राप्त होता है। आमतौर पर इस डिसऑर्डर को गंभीर नहीं माना जाता है यही वजह है कि इस स्थिति में किसी प्रकार के इलाज की आवश्यकता नहीं होती।
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