रोथमंड-थॉमसन सिंड्रोम (आरटीएस) - Rothmund-Thomson Syndrome in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

December 23, 2020

December 23, 2020

रोथमंड-थॉमसन सिंड्रोम
रोथमंड-थॉमसन सिंड्रोम

रोथमंड-थॉमसन सिंड्रोम क्या है?
रोथमंड-थॉमसन सिंड्रोम (आरटीएस) एक दुर्लभ समस्या है जिसका प्रभाव शरीर के कई हिस्सों पर देखने को मिलता है विशेषकर त्वचा पर। यह बीमारी बचपन में ही शुरू हो जाती है और आमतौर पर 3 महीने से 6 महीने की उम्र के बीच पीड़ित शिशु के दोनों गालों पर रेडनेस यानी लालिमा विकसित होने लगती है। वक्त के साथ धीरे-धीरे बढ़ते हुए यह लाल चकत्ते हाथ और पैरों तक भी फैल जाते हैं, जिसके कारण स्किन के छोटे-छोटे हिस्सों (पैचेज में) त्वचा का रंग बदलने लगता है। इसके साथ ही स्किन पतली होने लगती है (स्किन अट्रोफी) और त्वचा के ठीक नीचे रक्त वाहिकाओं के छोटे-छोटे गुच्छे बनने लगते हैं (टेलैंगजेक्टेसेस)। त्वचा की ये समस्याएं जीवनभर यूं ही बनी रहती हैं जिन्हें सामूहिक रूप से पोइकिलोडर्मा कहा जाता है।

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रोथमंड-थॉमसन सिंड्रोम के लक्षण - Rothmund Thomson Syndrome Symptoms in Hindi

रोथमंड-थॉमसन सिंड्रोम एक दुर्लभ जेनेटिक डिसऑर्डर है जिसकी स्पष्ट रूप से पहचान तभी हो जाती है जब शिशु नवजात होता है। हालांकि बीमारी के लक्षण और गंभीरता हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकती है। आरटीएस के दौरान आमतौर पर त्वचा पर लाल चकत्ते दिखाई देते हैं। इसके साथ ही बेहद पतले और अपर्याप्त बाल, विकृत (अजीब या भद्दी) हड्डियां, धुंधला दिखाई देना, (किशोर मोतियाबिंद), हाइट न बढ़ना और अन्य शारीरिक असामान्यताएं जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। आमतौर पर बच्चे की बुद्धिमत्ता (समझ) सामान्य होती है, लेकिन कुछ पीड़ितों में बौद्धिक अक्षमता या मानसिक मंदता का भी पता चला है।

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रोथमंड-थॉमसन सिंड्रोम का कारण - Rothmund Thomson Syndrome Causes in Hindi

रोथमंड-थॉमसन सिंड्रोम जेनेटिक बीमारी है जो ऑटोसोमल रेसिसिव पैटर्न के जरिए माता-पिता से बच्चे में आती है। (इस पैटर्न में बच्चे को अपने माता-पिता दोनों से एक-एक म्यूटेटेड जीन प्राप्त होता है) आरटीएस से पीड़ित लगभग दो तिहाई लोगों में RECQL4 जीन में असामान्यता (उत्परिवर्तन) का पता चला है। दरअसल यह जीन एक प्रोटीन बनाने का काम करता है जिसका कार्य पूरी तरह से समझ से परे है लेकिन ये प्रोटीन डीएनए की मरम्मत करने और नकल करने का काम करता है। डीएनए- शरीर की कोशिकाओं में  मौजूद जेनेटिक मटीरियल है। चूंकि बीमारी से पीड़ित एक तिहाई लोगों में इस जीन में पता लगाने योग्य म्यूटेशन नहीं होता है, लिहाजा बाकी के अनदेखे जीन भी संभावित रूप से रोथमंड-थॉमसन सिंड्रोम से संबंधित हो सकते हैं।

रोथमंड थॉमसन सिंड्रोम का निदान - Diagnosis of Rothmund Thomson Syndrome in Hindi

रोथमंड-थॉमसन सिंड्रोम का निदान पॉइकिलोडर्मैटस रैश कब शुरू होता है, शुरुआत में कैसा दिखाई देता है और उसके बढ़ने की रफ्तार क्या है, इस आधार पर किया जाता है। अगर चकत्ते बने रहते हैं तो रोथमंड थॉमसन सिंड्रोम का निदान संदिग्ध हो सकता है लेकिन रोथमंड थॉमसन सिंड्रोम से जुड़े असामान्य और अन्य शारीरिक लक्षण भी मौजूद रहते हैं। RECQL4 जीन का पता लगाने के लिए आणविक आनुवंशिक परीक्षण उपलब्ध है जो निदान की पुष्टि करने के लिए सहायक होता है। हालांकि रोथमंड थॉमसन सिंड्रोम के एक-तिहाई मामलों में यह परीक्षण नकारात्मक नतीजे दिखा सकता है। इस प्रकार, एक नकारात्मक परीक्षण रोथमंड थॉमसन सिंड्रोम के निदान को खारिज नहीं करता है, लेकिन सकारात्मक परीक्षण इसकी पुष्टि जरूर करता है।

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रोथमंड-थॉमसन सिंड्रोम का इलाज- Rothmund Thomson Syndrome Treatment in Hindi

रोथमंड-थॉमसन सिंड्रोम का उपचार उन विशिष्ट लक्षणों को निर्देशित करने के लिए किया जाता है जो हर पीड़ित व्यक्ति में साफ तौर पर दिखाई देते हैं। बीमारी के इलाज के लिए विशेषज्ञों की टीम के संयुक्त प्रयास की आवश्यकता होती है। विशेषज्ञों की इस टीम में बाल रोग विशेषज्ञ, सर्जन, फिजिशियन जो स्किन डिसऑर्डर के डायग्रोसिस और इलाज में माहिर होते हैं जैसे डर्मेटोलॉजिस्ट (त्वचा विशेषज्ञ) को शामिल किया जाता है। इनके साथ ही जो डॉक्टर आनुवांशिक विकारों के विशेषज्ञ होते हैं, आंखों के विशेषज्ञ (ऑप्थैल्मोलॉजिस्ट), आर्थोपेडिस्ट जो हड्डियों की बीमारियों का डायग्नोसिस और इलाज करते हैं, डेंटल स्पेशलिस्ट के साथ अन्य स्वास्थ्य देखभाल कर्मी इस टीम में शामिल होते हैं। ये सभी लोग मिलकर आरटीएस से पीड़ित बच्चे के इलाज के लिए एक व्यवस्थित और व्यापक योजना तैयार करते हैं।

आरटीएस के उपचार के तौर पर लक्षण संबंधी कुछ विशिष्ट थेरेपी भी दी जाती है। इसके अलावा पीड़ित को धूप के संपर्क से बचाने के लिए कुछ उपायों का सुझाव दिया जा सकता है जैसे टॉपिकल सनस्क्रीन, धूप का चश्मा आदि का इस्तेमाल करना क्योंकि रोगी को स्किन कैंसर (स्क्वैमस या बेसल सेल कार्सिनोमा) होने की आशंका होती है। डॉक्टर त्वचा की विकृतियों का जल्द पता लगाने और इलाज सुनिश्चित करने के लिए बारीकी से प्रभावित त्वचा की निगरानी करते हैं।

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