रोटेटर कफ की चोट क्या है?
रोटेटर कफ मांसपेशियों और टेंडन का एक समूह है, जो कंधों के जोड़ में मौजूद होता है। यह समूह बाजू की हड्डी के ऊपरी हिस्से को कंधे की हड्डी के निचले हिस्से से जोड़ता है और दोनों हड्डियों को सहारा देता है। रोटेटर कफ की चोट के कारण कंधे में दर्द होता है और जब आप प्रभावित कंधे की तरफ सो जाते हैं, तो यह समस्या और बढ़ जाती है। रोटेटर कफ की चोट की समस्या ज्यादातर उन लोगों में होती है जो लगातार अपने कंधों पर दबाव डालते हैं। उदाहरण के तौर पर, पेंटर, लकड़ी का काम करने वाले और बेसबॉल या टेनिस खिलाड़ी आदि। उम्र के साथ-साथ रोटेटर की चोट लगने का खतरा भी बढ़ने लग जाता है।
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रोटेटर कफ की चोट के लक्षण क्या हैं?
रोटेटर कफ की चोट के कई लक्षण हो सकते हैं, जिनमें कंधे से लगने वाली ताकत के साथ किसी भी वस्तु को उठाने में दिक्कत होना, प्रभावित क्षेत्र की तरफ सोने में तकलीफ होना, सिर की ओर हाथ ले जाने में दर्द या सूजन महसूस होना, कंधे में दर्द होना (खासकर रात में), कंधे में कमजोरी महसूस होना, कमर के पीछे हाथ ले जाने में तकलीफ होना आदि शामिल है।
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रोटेटर कफ में चोट क्यों लगती है?
रोटेटर कफ की बीमारी कंधे में चोट या समय के साथ टेंडन के कमजोर होने के कारण भी हो सकती है। लगातर लम्बे समय तक कोई भारी सामान उठाना या अपनी ऊंचाई से अधिक जाकर गतिविधियां करने से टेंडन खराब हो सकता हैं।
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रोटेटर कफ में चोट का इलाज कैसे होता है?
रोटेटर कफ के इलाज में मरीज को आराम देने से लेकर ऑपरेशन करने तक जैसी प्रक्रियाएं शामिल हैं। रोटेटर कफ में चोट के कारण टेंडनाइटीस हो सकता है और समय के साथ-साथ स्थिति और खराब हो जाती। यदि रोटेटर कफ कि जितना जल्दी हो सके इलाज करवा लिया जाए, तो स्थिति को बदतर होने से रोका जा सकता है।
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कुछ ऐसे नॉन-सर्जिकल ट्रीटमेंट (जिनमें सर्जरी आदि नहीं की जाती) भी हैं, जिनकी मदद से रोटेटर कफ की स्थिति में सुधार किया जा सकता है। इनमें सूजन को कम करने के लिए ठंडी व गर्म सिकाई करना, कम मेहनत वाले व्यायाम करना, प्रभावित क्षेत्र पर कोर्टीसोन का इंजेक्शन लगवाना आदि शामिल है।
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