रॉकी माउंटेन स्पॉटेड फीवर क्या है?
रॉकी माउंटेन स्पॉटेड फीवर (आरएमएसएफ) एक जीवाणु संक्रमण है, जो कि एक संक्रमित टिक के काटने से होता है। इसकी वजह से उल्टी, अचानक से तेज बुखार (102 या 103°F), सिरदर्द, पेट दर्द, चकत्ते और मांसपेशियों में दर्द की समस्या हो सकती है। अमेरिका में इसे सबसे गंभीर टिक-जनित (टिक से होने वाली) बीमारी माना जाता है।
हालांकि, इस संक्रमण का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं के जरिये किया जा सकता है, लेकिन इसमें अंदरूनी अंगों को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है या जिन मामलों में इसका इलाज नहीं किया जाता है, उनमें मृत्यु भी हो सकती है।
रॉकी माउंटेन स्पॉटेड फीवर के संकेत और लक्षण क्या हैं?
रॉकी माउंटेन स्पॉटेड फीवर के लक्षण आमतौर पर टिक के काटने के 2 से 14 दिनों के बीच शुरू होते हैं। इसमें लक्षण अचानक आते हैं, जिनमें शामिल हैं :
- तेज बुखार, जो 2 से 3 सप्ताह तक रह सकता है
- ठंड लगना
- मांसपेशियों का दर्द
- जी मिचलाना
- थकान
- भूख में कमी (और पढ़ें - भूख न लगने का कारण)
रॉकी माउंटेन स्पॉटेड फीवर का कारण क्या है?
रॉकी माउंटेन स्पॉटेड फीवर 'रिकेट्सिया रिकेट्सी' नामक बैक्टीरिया द्वारा होता है। यह बैक्टीरिया सबसे ज्यादा टिक के माध्यम से फैलता है। यदि एक संक्रमित टिक किसी व्यक्ति की त्वचा के संपर्क में आता है और 6 से 10 घंटे तक खून में रहता है, तो ऐसे में आप इस संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं, लेकिन आप कभी भी उस टिक को नहीं देख सकते हैं।
रॉकी माउंटेन स्पॉटेड फीवर मुख्य रूप से तब हो सकता है, जब ये टिक अधिक सक्रिय होते हैं। ज्यादातर यह टिक गर्म मौसम में सक्रिय रहते हैं क्योंकि इस दौरान लोग बाहर समय बिताने के लिए जाते हैं। रॉकी माउंटेन स्पॉटेड फीवर किसी व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैल सकता है।
रॉकी माउंटेन स्पॉटेड फीवर का निदान कैसे होता है?
रॉकी माउंटेन स्पॉटेड फीवर का निदान करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि शुरुआती लक्षण अन्य बीमारियों से मिलते-जुलते हो सकते हैं।
निदान के लिए लैब टेस्ट किया जा सकता है, जिसमें खून के नमूने की जांच की जा सकती है। इसमें शुरुआती उपचार एंटीबायोटिक दवाओं के साथ किया जाना जरूरी होता है। यदि डॉक्टर को संदेह है कि किसी व्यक्ति को रॉकी माउंटेन स्पॉटेड फीवर है तो वे टेस्ट के परिणाम का इंतजार करने की जगह उपचार शुरू कर सकते हैं।
रॉकी माउंटेन स्पॉटेड फीवर का इलाज कैसे होता है?
जो लोग रॉकी माउंटेन स्पॉटेड फीवर से ग्रसित हैं, यदि उनका उपचार पांच दिन के अंदर शुरू हो जाए तो कई जटिलताओं से बचने की संभावना अधिक हो सकती है। इसलिए डॉक्टर टेस्ट के परिणाम का इंतजार किए बिना एंटीबायोटिक के साथ इलाज की शुरुआत कर सकते हैं।
इस स्थिति में डॉक्सीसाइक्लिन (मोनोडॉक्स, वाइब्रैमाइसिन, अन्य) सबसे प्रभावी उपचार हैं। इस दवा का उपयोग बच्चों और बड़ों दोनों में किया जा सकता है, लेकिन यदि आप गर्भवती हैं तो इस दवा के सेवन के बारे में पहले डॉक्टर से सलाह ले लें।
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