राइसिन विषाक्तता क्या है?
अरंडी के बीजों से तेल बनाने के दौरान जो अवशेष बचता है उससे राइसिन नामक जहर बन सकता है। अरंडी का तेल बनाने के लिए अरंडी के बीजों का उपयोग किया जाता है। यह विषाक्त भोजन करने या दूषित पानी या इंजेक्शन के जरिए शरीर में पहुंच सकता है। यदि अरंडी के बीजों को चबाया और निगल लिया जाए, तो इसकी वजह से शरीर में रिलीज हुए राइसिन से नुकसान हो सकता है। यह पाउडर, धुआं या गोली के रूप में हो सकता है या यह पानी या हल्के रसायन (जो ज्यादा घातक न हो) में घुल सकता है।
राइसिन शरीर की कोशिकाओं में घुसकर काम करता है और कोशिकाओं को आवश्यक प्रोटीन बनाने से रोकता है। प्रोटीन के बिना कोशिकाएं मर जाती हैं जो कि पूरे शरीर के लिए घातक है और इसकी वजह से मृत्यु तक हो सकती है।
राइसिन विषाक्तता के लक्षण
राइसिन विषाक्तता के प्रमुख लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि राइसिन शरीर में कैसे और कितनी मात्रा पर पहुंचा है। हालांकि, गंभीर मामलों में कई अंग प्रभावित हो सकते हैं। अगर सांस लेने से राइसिन शरीर के अंदर गया हो तो इसके लक्षण 4 से 8 घंटे या ज्यादा से ज्यादा 24 घंटे के अंदर दिखने शुरू हो जाते हैं। राइसिन विषाक्तता के निम्न लक्षण सामने आ सकते हैं:
- सांस के जरिए: अगर आपके शरीर में कुछ मात्रा में राइसिन सांस के जरिए जाता है तो कुछ ही घंटों के अंदर सांस लेने में दिक्क्त, बुखार, खांसी, मतली और छाती में जकड़न जैसे लक्षण सामने आते हैं।
- भोजन के जरिए: दूषित भोजन का सेवन करने से कुछ मात्रा में राइसिन शरीर के अंदर पहुंचता है तो उस व्यक्ति को उल्टी और दस्त हो सकते हैं जिनमें खून भी आ सकता है। इसमें गंभीर रूप से पानी की कमी हो सकती है जिसके बाद लो बीपी का भी खतरा रहता है। अन्य संकेतों या लक्षणों में दौरे पड़ना व पेशाब में खून आना शामिल है। इस स्थिति में कुछ दिनों के अंदर ही व्यक्ति का लिवर, प्लीहा और गुर्दे काम करना बंद कर सकते हैं, जिस वजह से उस व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है।
- त्वचा और आंखों के माध्यम से: राइसिन पाउडर या उत्पादों के संपर्क में आने से त्वचा और आंखों पर लालिमा व दर्द हो सकता है। हालांकि अगर राइसिन आपकी हाथों की स्किन पर हो और आप उन्हीं हाथों से कुछ खा लें तो कुछ मात्रा में राइसिन आपके मुंह के अंदर चला जाता है।
राइसिन विषाक्तता का इलाज
- राइसिन के लिए कोई एंटीडोट उपलब्ध नहीं है, इसलिए राइसिन विषाक्तता से बचने का एकमात्र तरीका है राइसिन के संपर्क में न आना। यदि कोई व्यक्ति राइसिन के संपर्क में आ जाता है तो उसे जल्द से जल्द इसे शरीर से बाहर निकालने के लिए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
- प्रभावित व्यक्ति में जहर के प्रभाव को कम करने के लिए डॉक्टर इस बीमारी के लक्षणों को ठीक करने की दवाइयां दे सकते हैं। यह दवाइयां कई कारकों पर निर्भर करती हैं, जैसे कि शरीर में जहर कैसे (स्किन, सांस लेना या भोजन) पहुंचा।
- इसकी मेडिकल केयर में प्रभावित व्यक्ति को सांस लेने में मदद करना, नस में सुई के माध्यम से तरल पदार्थ पहुंचाना, दवाइयां और लो बीपी जैसी स्थितियों के लिए दवा देना या आंखों में जलन या कोई परेशानी होने पर आंखों को पानी से धोना शामिल है।