रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा (आर.पी.) क्या है?
रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा कई नेत्र रोगों समूह को कहा जाता है। यह एक जेनेटिक डिसऑर्डर है, जिसमें आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कम होने लगती है। इस बीमारी में रेटिना में मौजूद कोशिकाएं जिन्हें फोटोरिसेप्टर कहते हैं, वे सही तरीके से काम करना बंद कर देती हैं और समय के साथ आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कम होने लगती है।
यह एक दुर्लभ विकार है जो माता-पिता से उनके बच्चे में आता है। प्रत्येक 4,000 बच्चों में से एक बच्चा इस बीमारी की चपेट में आता है। आर.पी. से ग्रस्त लगभग आधे लोगों के परिवार में किसी और सदस्य को भी ये बीमारी होती है।
रेटिना में दो प्रकार की कोशिकाएं (रॉड्स और कोन्स) होती हैं जो देखने में मदद करती हैं। रॉड्स रेटिना की गोल आकार की बाहरी लाइनिंग के आसपास होती हैं और धीमी रोशनी में सक्रिय रहती हैं। रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा के ज्यादातर प्रकार सबसे पहले रॉड्स को प्रभावित करते हैं। इससे रात में और दाएं-बाएं देखने की क्षमता में कमी आने लगती है।
रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा के लक्षण
आमतौर पर रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा की समस्या बचपन में शुरू होती है, लेकिन यह समस्या कब शुरू होती है और कितने समय में गंभीर रूप लेती है, यह हर व्यक्ति में अलग होता है। आर.पी. से ग्रस्त ज्यादातर लोगों की आंखों की रोशनी वयस्क होने तक काफी कम हो जाती है और 40 की उम्र तक अक्सर उन्हें पूरी तरह से दिखना बंद हो जाता है। इसके निम्न लक्षण हैं:
- रात में या मद्धम रोशनी में कम दिखना (और पढ़ें - रतौंधी के लक्षण)
- दाईं-बाईं चीजों का न दिखना
- सामने की चीजें दिखना बंद होना, इससे पढ़ने की क्षमता प्रभावित होती है
- इस बीमारी की बाद की अवस्था में कोंस प्रभावित हो सकते हैं। इससे आपको ज्यादा बारीकी वाले काम करने और रंगों को पहचानने में दिक्क्त आ सकती है।
आपको तेज रोशनी से परेशानी हो सकती है, इस लक्षण को डॉक्टर फोटोफोबिया कहते हैं।
रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा का इलाज
रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा का कोई इलाज नहीं है लेकिन डॉक्टर इसके उपचार की खोज की दिशा में लगातार प्रयास कर रहे हैं। रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा की स्थिति में डॉक्टर निम्न दवाओं की सलाह दे सकते हैं:
- एसिटाजोलमाइड:
रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा के गंभीर होने पर रेटिना के बीच का छोटा-सा हिस्सा सूज सकता है। इसे मैक्यूलर एडिमा कहा जाता है। ऐसे में एसिटाजोलमाइड नामक दवा इस सूजन को कम और आंखों की रोशनी में सुधार ला सकती है।
- विटामिन ए पलमीटेट:
इस यौगिक को ज्यादा मात्रा में लेने से रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा में साल-दर-साल हल्का-हल्का सुधार लाया जा सकता है, लेकिन आपको इसके इस्तेमाल को लेकर बहुत सावधान रहना होगा, क्योंकि अत्यधिक मात्रा में इसका सेवन खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए इस मामले में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
- धूप का चश्मा:
ये आंखों को रोशनी के प्रति कम संवेदनशील बनाने के साथ-साथ पराबैंगनी किरणों से भी बचाता है।
अन्य उपचारों में, रेटिना में माइक्रोचिप लगाया जाता है, जो माइक्रोस्कोपिक (छोटे से छोटा) वीडियो कैमरा की तरह काम करता है। ये उपचार आर.पी. और आंखों से संबंधित अन्य स्थितियों में होने वाली नेत्रहीनता के इलाज में उपयोगी साबित हो सकता है।