रिपिटेटिव स्ट्रेन इंजरी के टेंडनाइटिस और बर्साइटिस दो सबसे सामान्य प्रकार होते हैं। इन दोनों प्रकारों के बीच अंतर करना बेहद मुश्किल होता है और कई बार यह दोनों एक साथ भी हो सकते हैं।
टेंडोनाइटिस
टेंडन में चोट को टेंडनाइटिस व टेन्डिनोपैथी कहा जाता है। टेंडन एक सफेद रंग का फाइब्रस ऊतक होता हैं, जो मांसपेशियों को हड्डियों से जोड़ता है और मानव शरीर के हर जोड़ को एक साथ गतिविधि पूरी करने में मदद करता है। टेंडन बेहद शक्तिशाली होते हैं, क्योंकि यह शरीर का संपूर्ण वजन उठाने के सक्षम होते हैं।
टेंडोनाइटिस टेंडन में होने वाली सूजन को कहा जाता है। टेंडोनाइटिस अक्सर कंधों, बाइसेप्स, घुटनों और कोहनी को प्रभावित करती है। पुरुषों में इस विकार के होने की अधिक आशंका होती है। टेंडन में सूजन अक्सर हड्डी के शुरुआती ओर होती है। टेंडन्स मांसपेशी के साथ जुड़े स्थान पर मौजूद एक तरल पदार्थ की मदद से कार्य करते हैं, जिनमें सूजन व लालिमा आने की आशंका होती है। इस स्थिति को टेनोसिनोवाइटिस कहा जाता है।
टेनोसिनोवाइटिस और टेंडोनाइटिस लगभग एक जैसे होते हैं। क्योंकि इनके लक्षण, कारण और इलाज एक समान हैं।
बर्साइटिस
बर्साइटिस बर्सा में होने वाली सूजन या जलन को कहा जाता है। दरअसल बर्सा शरीर में मौजूद तरल पदार्थ की एक थैली जैसी होती है। यह थैली मांसपेशियों, हड्डियों, टेंडन और त्वचा के ऊतकों में स्थित होती हैं। यह हमें कई प्रकार की रगड़, घर्षण और जलन से बचाती है।
बर्साइटिस भी टेंडोनाइटिस की तरह कंधों, कोहनी, टखने और घुटने जैसे जोड़ों को प्रभावित करती है, इसकी कूल्हों, जांघों और नितंब जैसी जगहों पर होने की भी आशंका होती है। हमारे शरीर में बर्सा की कुल 150 थैलियां होती हैं। ज्यादातर बर्सा शिशु में जन्म से होती हैं, लेकिन कुछ एक ही जगह पर लगातार प्रेशर बनने के कारण पैदा हो जाती हैं।
इसके अलावा लगातार स्ट्रेन के कारण शरीर के किसी भी अंग को क्षति पहुंचने पर निम्न प्रकार विकसित होने की आशंका बनी रहती है :
- फ्रैक्चर -
चोट कई बार इतनी गंभीर होती है कि उसके कारण हड्डी टूटने जैसी आशंका भी हो सकती है। आमतौर पर हड्डी टूटने को फ्रैक्चर कहा जाता है। नियमित रूप से एक ही गतिविधि में कार्य करने के कारण हड्डी के टूटने का जोखिम बना रहता है।
- सर्वाइकल -
यह गर्दन की हड्डी का विकार होता है जो कार्यस्थल पर सही अवस्था में न बैठने या खड़े होने के कारण विकसित होता है। यदि रोजाना असामान्य मुद्रा में रहा जाए तो रीड की हड्डी पर स्ट्रेन पड़ने के कारण क्षति पहुंच सकती है। यह एक गंभीर रोग है, जिसे ठीक करना बेहद मुश्किल होता है।
- स्पोर्ट्स इंजरी -
कई खिलाड़ी अपनी मांसपेशियों का लगातार अत्यधिक इस्तेमाल करते रहते हैं। एक ही गतिविधि के कारण मांसपेशियों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है, जिसके कारण चोट लगने जैसी आशंका रहती है। विश्व भर में आरएसआई से सबसे अधिक खिलाड़ी ही ग्रस्त होते हैं।