क्वाड्रीपरेसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति के लिंब्स (दोनों हाथों और दोनों पैरों) में कमजोरी आ जाती है। कुछ लोगों में यह कमजोरी अस्थायी जबकि कुछ लोगों को यह स्थिति आजीवन प्रभावित कर सकती है। क्वाड्रीपरेसिस को टेट्रापारेसिस के नाम से जाना जाता है। आमतौर पर क्वाड्रीपरेसिस और क्वाड्रीप्लेजिया को एक ही स्थिति जान लिया जाता है, जबकि दोनों में फर्क है। क्वाड्रीपरेसिस की स्थिति में थोड़ी बहुत ही सही, व्यक्ति को अपने अंगों को हिलाने-डुलाने और महससू करने की क्षमता रहती है, जबकि क्वाड्रीप्लेजिया में अंगों को हिलाने ​की क्षमता पूरी तरह से खत्म हो जाती है। कई ऐसी स्थितियां हैं जिन्हें क्वाड्रीपरेसिस का प्रमुख कारण माना जा सकता है। जैसे -

  • पोलियो जैसा संक्रमण
  • मस्कुलर डिस्ट्रॉफी जैसा न्यूरोमस्कुलर रोग
  • किसी प्रकार की चोट या अन्य चिकित्सा स्थितियों के कारण तंत्रिका तंत्र को होने वाला नुकसान

कई ऐसी स्थितियां हैं, जिनमें इलाज के बाद भी दोबारा से क्वाड्रीपरेसिस का खतरा रहता है। उदाहरण के लिए हाइपरकेलेमिया और स्लिप्ड डिस्क के कारण होने वाले क्वाड्रीपरेसिस के उपचार के बाद भी इसके दोबारा से होने की आशंका रहती है। इस समस्या से ग्रसित ज्यादातर लोग अपने चारो लिंब्स की शक्ति और उन्हें हिलाने-डुलाने की क्षमता कभी भी विकसित नहीं कर पाते हैं। आइए इस समस्या के बारे में विस्तार से जानते हैं।

इस लेख में हम क्वाड्रीपरेसिस के लक्षण, कारण और इसके इलाज के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

(और पढ़ें - मांसपेशियों की कमजोरी)

क्वाड्रीपरेसिस के लक्षण - Quadriplegia Symptoms in Hindi

क्वाड्रीपरेसिस के लक्षण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं। इसके लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि व्यक्ति की कौन-सी तंत्रिकाएं प्रभावित हैं। जैसा कि ऊपर बताया गया है कि क्वाड्रीपरेसिस का मुख्य लक्षण सभी चार लिंब्स में कमजोरी आ जाना होता है। इस स्थिति में व्यक्ति को प्रभा​वित अंगों को नियंत्रित करने में कठिनाई होती है। सामान्य रूप से क्वाड्रीपरेसिस में नजर आने वाले लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं।

  • मांसपेशियों में असामान्य रूप से कठोरता (स्पास्टिक क्वाड्रीप्लेजिया)
  • नियंत्रण की कमी
  • चलने में असमर्थता
  • पेशाब को नियंत्रित न कर पाना
  • उदासी का अनुभव होना

क्वाड्रीपरेसिस को आमतौर पर किसी अन्य स्थिति का लक्षण माना जाता है। इसके अंतर्निहित कारणों के आधार में व्यक्ति में कुछ और लक्षण नजर आ सकते हैं।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

क्वाड्रीपरेसिस का कारण - Quadriplegia Causes in Hindi

विशेषज्ञों के मुताबिक रीढ़ और अन्य मांसपेशियों में मस्तिष्क द्वारा भेजे गए संकेतों की संवाहक तंत्रिकाओं में किसी प्रकार की क्षति के कारण क्वाड्रीपरेसिस की समस्या होती है। ऐसा होने के कई कारण हो सकते हैं। कुछ लोग का जन्म ही ऐसी स्थितियों के साथ होता है जो उनके तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर रही होती हैं। जबकि कुछ लोगों में किसी दुर्घटना या अन्य चिकित्सा स्थिति के कारण यह समस्या हो सकती है। आइए उन कारणों के बारे में जानते हैं जो क्वाड्रीपरेसिस की स्थिति पैदा कर सकती हैं।

संक्रमण

वायरस और बैक्टीरिया तंत्रिका ऊतकों पर हमला कर सकते हैं या शरीर में सूजन पैदा कर सकते हैं। जिसके परिणामस्वरूप नसों को नुकसान पहुंच सकता है। ​निम्न प्रकार के संक्रमणों में भी क्वाड्रीपरेसिस होने का खतरा रहता है।

विषाक्त पदार्थ/ दवाएं

विषाक्त पदार्थ अथवा कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव के कारण भी लोगों को क्वाड्रीपरेसिस की समस्या हो सकती है।

जन्मजात स्थिति

कुछ लोगों का जन्म ही ऐसी स्थिति के साथ होता है जो उनकी मांसपेशियों को प्रभावित करती हैं और बाद में क्वाड्रीपरेसिस का कारण बन सकती हैं। जैसे :

चोट

दुर्घटना या रीढ़ की हड्डी में लगी चोट के कारण भी लोगों को क्वाड्रीपरेसिस का खतरा रहता है। इस तरह के चोट के दौरान क्वाड्रीपरेसिस का जोखिम बढ़ जाता है।

  • कार दुर्घटना
  • गोली लगना
  • फिसल कर गिरना
  • स्लिप या हर्नियेटेड डिस्क
  • रीढ़ की सर्जरी

(और पढ़ें - मांसपेशियों की कमजोरी के उपाय)

क्वाड्रीपरेसिस का निदान - Diagnose of Quadriplegia in Hindi

क्वाड्रीपरेसिस के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले व्यक्ति का शारीरिक परीक्षण करते हैं। इसके माध्यम से डॉक्टर यह पता करने की कोेशिश करते हैं कि आखिर किन कारणों से व्यक्ति को क्वाड्रीपरेसिस की समस्या हो रही है। इसके अलावा स्थिति की पुष्टि के ​लिए निम्न परीक्षण कराए जा सकते हैं।

  • मस्तिष्क और रीढ़ का एमआरआई स्कैन : एमआरआई से पता चलता है कि व्यक्ति को ट्यूमर या हर्नियेटेड डिस्क की समस्या तो नहीं है।
  • इलेक्ट्रोमोग्राफी (ईएमजी): यह तंत्रिका फ़ंक्शन टेस्ट है जिसके माध्यम से विद्युत गतिविधियों को जाना जा सकता है।
  • तंत्रिका की स्थिति का परीक्षण : इससे पता चलता है कि आपकी तंत्रिकाएं और मांसपेशियां किस प्रकार से कार्य कर रही हैं।
  • मांसपेशी या तंत्रिकाओं की बायोप्सी : प्रयोगशाला में आगे के परीक्षण के लिए मांसपेशी या तंत्रिकाओं का एक छोटा सा सैंपल भेजा जाता है।
  • विटामिन की कमी, मधुमेह और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन का पता लगाने के लिए खून की जांच

क्वाड्रीपरेसिस का इलाज - Treatment of Quadriplegia in Hindi

क्वाड्रीपरेसिस के अंतर्निहित कारणों के आधार पर इसका इलाज किया जाता है। यदि किसी व्यक्ति को ऑटोइम्यून या इंफ्लेमेटरी समस्याएं हैं तो इम्यूनोसप्रेसिव दवाओं के साथ इसका इलाज किया जा सकता है। इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन को दवाओं से ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा उपचार की इन विधियों को भी आवश्यकतानुसार प्रयोग में लाया जा सकता है।

क्वाड्रीपरेसिस की स्थिति में चलना या अंगों को हिलाना-डुलाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में डॉक्टर रोगी को कुछ सहायक उपकरण जैसे व्हीलचेयर या स्कूटर दे सकते हैं, जिनकी मदद से रोेगी के दैनिक जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया जा सके।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

Dr. Pritish Singh

ओर्थोपेडिक्स
12 वर्षों का अनुभव

Dr. Vikas Patel

ओर्थोपेडिक्स
6 वर्षों का अनुभव

Dr. Navroze Kapil

ओर्थोपेडिक्स
7 वर्षों का अनुभव

Dr. Abhishek Chaturvedi

ओर्थोपेडिक्स
5 वर्षों का अनुभव

और पढ़ें...
ऐप पर पढ़ें