क्वाड्रीपरेसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति के लिंब्स (दोनों हाथों और दोनों पैरों) में कमजोरी आ जाती है। कुछ लोगों में यह कमजोरी अस्थायी जबकि कुछ लोगों को यह स्थिति आजीवन प्रभावित कर सकती है। क्वाड्रीपरेसिस को टेट्रापारेसिस के नाम से जाना जाता है। आमतौर पर क्वाड्रीपरेसिस और क्वाड्रीप्लेजिया को एक ही स्थिति जान लिया जाता है, जबकि दोनों में फर्क है। क्वाड्रीपरेसिस की स्थिति में थोड़ी बहुत ही सही, व्यक्ति को अपने अंगों को हिलाने-डुलाने और महससू करने की क्षमता रहती है, जबकि क्वाड्रीप्लेजिया में अंगों को हिलाने की क्षमता पूरी तरह से खत्म हो जाती है। कई ऐसी स्थितियां हैं जिन्हें क्वाड्रीपरेसिस का प्रमुख कारण माना जा सकता है। जैसे -
- पोलियो जैसा संक्रमण
- मस्कुलर डिस्ट्रॉफी जैसा न्यूरोमस्कुलर रोग
- किसी प्रकार की चोट या अन्य चिकित्सा स्थितियों के कारण तंत्रिका तंत्र को होने वाला नुकसान
कई ऐसी स्थितियां हैं, जिनमें इलाज के बाद भी दोबारा से क्वाड्रीपरेसिस का खतरा रहता है। उदाहरण के लिए हाइपरकेलेमिया और स्लिप्ड डिस्क के कारण होने वाले क्वाड्रीपरेसिस के उपचार के बाद भी इसके दोबारा से होने की आशंका रहती है। इस समस्या से ग्रसित ज्यादातर लोग अपने चारो लिंब्स की शक्ति और उन्हें हिलाने-डुलाने की क्षमता कभी भी विकसित नहीं कर पाते हैं। आइए इस समस्या के बारे में विस्तार से जानते हैं।
इस लेख में हम क्वाड्रीपरेसिस के लक्षण, कारण और इसके इलाज के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
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