एक दो बार मिले लोगों के नाम भूल जाने की समस्या लगभग हर किसी में होती है, फिर भी चेहरा लोगों के जेहन से लंबे समय तक नहीं उतरता है। हालांकि, कुछ ऐसी मानसिक बीमारियां हैं जिनके कारण लोगों को चेहरे तक याद नहीं रह जाते हैं। प्रोसोपेग्नोसिया, ऐसा ही एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जिसके कारण हाल ही में मिले लोग, दोबारा मिलने पर अनजानों जैसे लगते हैं। इस स्थिति में रोगी को अपने परिवार वालों और प्रियजनों तक को पहचानने में समस्या हो सकती है। प्रोसोपेग्नोसिया वाले लोग अपने परिचितों के चेहरे को नहीं पहचान पाते हैं। उनके लिए अजनबियों के चेहरे में अंतर कर पाना भी कठिन हो जाता है।
प्रोसोपेग्नोसिया को फेस ब्लाइंडनेस के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसी समस्या है जिसके कारण व्यक्ति के व्यक्तिगत और व्यावसायिक संबंधों को स्थापित करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। इतना ही नहीं यह चिंता और अवसाद का कारण भी बन सकती है। यदि आपको फेस ब्लाइंडनेस की समस्या के कारण चिंता या अवसाद का अनुभव होता हो तो इस बारे में चिकित्सक से अवश्य परामर्श करें। समस्या को दूर करने के लिए डॉक्टर कुछ तकनीकों को प्रयोग में ला सकते हैं।
इस लेख में हम प्रोसोपेग्नोसिया के लक्षण, कारण और इसके इलाज के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।