पिट्यूटरी ग्रंथि में ट्यूमर होना क्या है?
पिट्यूटरी ग्रंथि हमारे मस्तिष्क में मौजूद होती है और इस ग्रंथि में ट्यूमर हो जाने को प्रोलैक्टिनोमा (Prolactinoma) कहा जाता है। इस ट्यूमर के कारण पिट्यूटरी ग्रंथि प्रोलैक्टिन नामक हार्मोन का निर्माण बहुत ज्यादा करने लगती है। प्रोलैक्टिनोमा, पिट्यूटरी ग्रंथि के ट्यूमर का सबसे आम प्रकार है और इस ट्यूमर के कारण आस-पास के ऊतकों पर दबाव बनने लगता है, जिससे कई प्रकार के लक्षण पैदा होते हैं।
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पिट्यूटरी ग्रंथि में ट्यूमर के लक्षण क्या हैं?
वैसे तो पुरुषों और महिलाओं में पिट्यूटरी ग्रंथि का ट्यूमर होने के लक्षण अलग-अलग होते हैं, लेकिन इसके कुछ ऐसे लक्षण भी हैं जो दोनों को प्रभावित करते हैं। ये लक्षण हैं, हड्डियां कमजोर होना, प्रजनन क्षमता में कमी, कामेच्छा में कमी, दिखने में समस्याएं और सिरदर्द।
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पिट्यूटरी ग्रंथि में ट्यूमर क्यों होता है?
पिट्यूटरी ग्रंथि में ट्यूमर के सटीक कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। ऐसा माना जाता है कि स्ट्रेस इसका एक कारण हो सकता है, हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। इसके अलावा इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि पिट्यूटरी ग्रंथि में ट्यूमर कोई अनुवांशिक समस्या नहीं है।
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पिट्यूटरी ग्रंथि में ट्यूमर का इलाज कैसे होता है?
पिट्यूटरी ग्रंथि में ट्यूमर के इलाज का मुख्य लक्षण होता है प्रोलैक्टिन के स्तर को सामान्य करना, ट्यूमर को छोटा करना और अगर देखने में कोई समस्या है, तो उसे ठीक करना। ट्यूमर के लिए आमतौर पर शुरुआत में दवाएं दी जाती हैं और अगर दवाओं से कोई सुधार न हो, तो सर्जरी की जा सकती है। कभी-कभी दवाओं के साथ रेडिएशन थेरेपी भी की जाती है। इसके अलावा तनाव को कम करने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करने से प्रोलैक्टिन का स्तर सामान्य किया जा सकता है।
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