प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लीयर पाल्सी - Progressive Supranuclear Palsy in Hindi

Dr. Nabi Darya Vali (AIIMS)MBBS

February 01, 2020

March 06, 2020

प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लीयर पाल्सी
प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लीयर पाल्सी

प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लीयर पाल्सी क्या है?

प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लीयर पाल्सी (पीएसपी) को स्टील-रिचर्डसन-ओल्स्जवेस्की सिंड्रोम भी कहा जाता है। यह मस्तिष्क से जुड़ा एक असामान्य विकार है, जिसमें चलने, संतुलन बनाने और आंखों की मूवमेंट में गंभीर दिक्कतें आ सकती हैं। शरीर की मूवमेंट और सोचने की क्षमता को नियंत्रित करने वाले मस्तिष्क के हिस्से की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचने की वजह से ऐसा होता है।

पीएसपी के लक्षण समय के साथ बदतर होते चले जाते हैं और इसकी वजह से जानलेवा समस्याएं हो सकती हैं जैसे कि निमोनियानिगलने में कठिनाई। प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लीयर पाल्सी का कोई इलाज मौजूद नहीं है, इसलिए इसके उपचार में बीमारी के संकेतों और लक्षणों के नियंत्रण पर ध्यान दिया जाता है।

प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लीयर पाल्सी के लक्षण

पीएसपी के संकेतों और लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं :

चलते समय संतुलन बिगड़ना और इस बीमारी की शुरुआत में ही व्यक्ति में पीछे की ओर गिरने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है। किसी चीज को ध्यान से देखने में दिक्कत, हो सकती है कि किसी व्यक्ति को खासतौर पर नीचे देखने में कठिनाई आए या धुंधला दिखे या फिर हर चीज दो दिखाई दे।

फोकस करके न देख पाने की वजह से भोजन करते समय कुछ लोगों के हाथ से खाना गिर सकता है या आंखों में देखकर बात न कर पाने की समस्या हो सकती है। इसके अलावा हर व्यक्ति में प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लीयर पाल्सी के अलग-अलग संकेत और लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं एवं यह लक्षण पार्किंसंस रोग और मनोभ्रंश से मिलते-जुलते हो सकते हैं। इनमें निम्नलिखित लक्षण शामिल हो सकते हैं :

  • मांसपेशियों में अकड़न और ठीक तरह से न चल पाना
  • बार-बार गिरना
  • बोलने और निगलने में कठिनाई
  • तेज रोशनी में न देख पाना
  • नींद आने में परेशानी
  • मनोरंजक गतिविधियों में भी मन न लगना
  • बिना किसी कारण के हंसना व रोना
  • याददाश्त, सोचने, समस्या का समाधान निकालने और निर्णय लेने की क्षमता 
  • अवसाद और चिंता
  • चेहरे के हाव-भाव डरने या चौंकने वाले रहना

प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लीयर पाल्सी का कारण

डॉक्टरों को अभी तक इस बीमारी के सटीक कारणों के बारे में पता नहीं चल पाया है, लेकिन उनका मानना है कि इस विकार के संकेत और लक्षण आपके मस्तिष्क की कोशिकाओं के बिगड़ने की वजह से दिखाई दे सकते हैं, विशेष रूप से ऐसी कोशिकाएं, जो शारीरिक गतिविधियों और सोचने की क्षमता को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।

शोधकर्ताओं ने पाया कि पीएसपी से ग्रसित व्यक्ति में मस्तिष्क की कोशिकाओं के खराब होने की वजह से 'टौ' नामक प्रोटीन असामान्य मात्रा में बनने लगता है। अन्य न्यूरोडीजेनेरेटिव (न्यूरॉन का सही से कार्य न करना) विकारों में भी 'टौ' के गुच्छे बनने लगते हैं जैसे कि अल्जाइमर रोग

दुर्लभ मामलों में यह बीमारी परिवार के सदस्यों में फैल सकती है। हालांकि, अभी तक इसके आनुवांशिक होने के बारे में पता नहीं चल पाया है और इसके ज्यादातर मामले जेनेटिक यानी आनुवांशिक नहीं होते हैं।

पार्किंसंस और पीएसपी में अंतर?

दोनों ही बीमारियों में मांसपेशियों में अकड़न, शारीरिक गतिविधियां यानी मूवमेंट में कठिनाई और बेडौल दिखने जैसी समस्याएं होती हैं, लेकिन पार्किंसंस रोग की तुलना में पीएसपी ज्यादा तेजी से बढ़ता है।

पीएसपी से ग्रस्त व्यक्ति आमतौर पर एक दम सीधे या कभी-कभी अपने सिर को पीछे की ओर झुकाकर खड़े होते हैं। वहीं पार्किंसंस रोग में व्यक्ति का आगे की ओर झुक कर खड़ा होना आम है। पार्किंसंस रोग की तुलना में पीएसपी में बोलने और निगलने में अधिक कठिनाई होती है और ये लक्षण बीमारी की शुरुआत में ही दिखाई दे सकते हैं। पीएसपी में आंखों की मूवमेंट भी प्रभावित होती हैं जबकि पार्किंसंस रोग में ऐसा नहीं है।

प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लीयर पाल्सी का इलाज

वर्तमान में पीएसपी के लिए कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों से राहत पाने के लिए रिसर्च जारी हैं।

फिलहाल, उपचार के तौर पर लक्षणों को नियंत्रित करने पर ध्यान दिया जाता है ताकि पीएसपी से ग्रसित व्यक्ति सामान्य जीवन जीने में सक्षम हो पाए।

​यह बीमारी व्यक्ति को कई अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करती है इसलिए उपचार और मरीज की देखभाल में हेल्थ और सोशल केयर देने वाले पेशेवरों की एक टीम की जरूरत होती है।

  • संतुलन बनाने, मांसपेशियों में अकड़न व अन्य लक्षणों को ठीक करने के लिए दवा
  • मूवमेंट और शारीरिक गतिविधियों में सुधार लाने के लिए फिजियोथेरेपी
  • बोलने या निगलने की समस्या को ठीक करने के लिए स्पीच एंड लैंग्वेज थेरेपी (बोलने, लिखने और पढ़ने में आ रही कठिनाइयों को दूर करने वाली थेरेपी)
  • रोजमर्रा के काम करने में सक्षम बनाने के लिए ऑक्यूपेशनल थेरेपी
  • आंखों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए बोटोक्स या विशेष चश्मे का प्रयोग करना

प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लीयर पाल्सी की जटिलताएं

इस बीमारी में निम्न जटिलताएं हो सकती हैं :

  • गिरने की वजह से सिर में चोट, फ्रैक्चर या कोई अन्य चोट लगना
  • किसी चीज को ध्यान से देखने में दिक्कत आना जिसकी वजह से चोट भी लग सकती है
  • नींद आने में कठिनाई
  • तेज रोशनी को देखने में दिक्कत
  • निगलने में कठिनाई, जिसके कारण दम घुटने या भोजन या तरल पदार्थ के वायुमार्ग में जाने की समस्या हो सकती है, इससे आगे चलकर निमोनिया हो सकता है। बता दें, कि प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लीयर पाल्सी से ग्रस्त लोगों में निमोनिया की वजह से ही सबसे ज्यादा मौतें होती हैं।
  • चिड़चिड़ा व्यवहार, उदाहरण के लिए किसी की मदद का इंतजार किए बिना अपने आप खड़े होना, जिससे गिरने का जोखिम बढ़ जाता है।

इस बीमारी के लक्षण के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं और जितना जल्दी हो सके इलाज शुरू कर दें।



प्रोग्रेसिव सुप्रान्यूक्लीयर पाल्सी के डॉक्टर

Dr. Hemant Kumar Dr. Hemant Kumar न्यूरोलॉजी
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Dr. Vinayak Jatale Dr. Vinayak Jatale न्यूरोलॉजी
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