प्रेसबायोपिया, उम्र से संबंधित आंखों की एक स्थिति है जिसमें आंखों का लेंस धीरे-धीरे अपना लचीलापन और नजदीक की चीजों पर फोकस करने की अपनी क्षमता को खोने लगती है। यह स्थिति आमतौर पर 40 साल की उम्र के आसपास नजर आती है, हालांकि कुछ लोगों में यह परेशानी 30 साल की उम्र में भी शुरू हो सकती है।
जिन लोगों को हृदय रोग और डायबिटीज की बीमारी होती है उन लोगों में कम उम्र में ही प्रेसबायोपिया होने का खतरा अधिक होता है। प्रेसबायोपिया को एक साधारण से नेत्र परीक्षण के जरिए डायग्नोज किया जा सकता है। हालांकि इस स्थिति का कोई निश्चित इलाज नहीं है। डॉक्टर आमतौर पर मरीज को प्रिस्क्रिप्शन चश्मे इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं ताकि मरीज को सही तरीके से देखने में मदद मिल सके और उनकी इस प्रवर्तक त्रुटि (refractive error) को सही किया जा सके। इसके अलावा प्रेसबायोपिया को सर्जरी के जरिए भी ठीक किया जा सकता है जिसमें फोटोरिफ्रैक्टिव केराटेक्टमी और एलएएसआईके (लैसिक) शामिल है।
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