प्रेडर-विली सिंड्रोम - Prader Willi Syndrome in Hindi

Dr. Pradeep JainMD,MBBS,MD - Pediatrics

October 25, 2020

January 31, 2024

प्रेडर-विली सिंड्रोम
प्रेडर-विली सिंड्रोम

प्रेडर-विली सिंड्रोम एक दुर्लभ स्थिति है जो शारीरिक, मानसिक और व्यवहार संबंधी समस्याओं का कारण बनती है। प्रैडर-विली सिंड्रोम (पीडब्ल्यूएस) वाले व्यक्ति को अपने शरीर के वजन को नियंत्रित करने में अत्यधिक कठिनाई होती है, क्योंकि उन्हें भोजन करने में सामान्य से ज्यादा समय लगता है। प्रेडर-विली सिंड्रोम वाले लोग लगातार इसलिए खाते रहते हैं क्योंकि वे कभी भी पूर्ण (पेट भरा हुआ) महसूस नहीं करते हैं।

संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रेडर-विली सिंड्रोम एसोसिएशन के अनुसार 8,000 से 25,000 लोगों के बीच 1 व्यक्ति इस परेशानी से ग्रस्त है।

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प्रेडर-विली सिंड्रोम के संकेत और लक्षण क्या हैं? Prader-Willi Syndrome Symptoms in Hindi

प्रेडर-विली सिंड्रोम के संकेत और लक्षण हर दूसरे व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। बचपन से लेकर वयस्कता तक समय के साथ यह लक्षण धीरे-धीरे बदल सकते हैं।

शिशुओं में लक्षण

  • मांसपेशियों की टोन खराब होना : शैशवावस्था के दौरान शुरुआती संकेतों में मांसपेशियों की टोन खराब (हाइपोटोनिया) होना शामिल है।
  • चेहरे की बनावट असामान्य होना : इसमें बच्चे में बादाम के आकार की आंख, पतला सिर, मुंह नीचे की तरफ और ऊपरी होंठ पतला होता है।
  • फीडिंग की क्षमता में कमी : मांसपेशियों की खराब टोन होने के कारण शिशुओं में दूध पीने की क्षमता में कमी हो सकती है, जिस वजह से उन्हें दूध पिलाने में मुश्किल आती है।
  • अविकसित गुप्तांग : इसमें लड़के की लिंग और अंडकोश छोटा हो सकता है। जबकि लड़कियों में, क्लिटोरिस (योनी का एक भाग) और लेबिया (महिला जननांग का एक हिस्सा) छोटी रह सकती है।

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बचपन से वयस्कता तक में लक्षण

प्रेडर-विली सिंड्रोम की कुछ विशेषताएं जीवन भर बनी रहती हैं, इसके लिए सावधानीपूर्वक प्रबंधन की आवश्यकता होती है :

  • खाने के प्रति लालसा और वजन बढ़ना : प्रैडर-विली सिंड्रोम का मुख्य संकेत लगातार भोजन करने का मन करना है, जिसकी वजह से तेजी से वजन बढ़ता है।
  • संज्ञानात्मक असंतुलन : इसमें बौद्धिक विकलांगता (जैसे सीखने, प्रॉब्लम को सॉल्व करने या निर्णय लेने में कठिनाई) हो सकती है।
  • बोलने में दिक्कत : इसमें बच्चे देर से बोलना शुरू करते हैं।

प्रेडर-विली सिंड्रोम का कारण क्या है? - Prader-Willi Syndrome Causes in Hindi

प्रेडर-विली सिंड्रोम गुणसूत्र (क्रोमोसोम) संख्या 15 में आनुवंशिक दोष के कारण होता है, लेकिन शोधकर्ता अभी तक यह नहीं समझ पाए हैं कि यह किस जीन में गड़बड़ी के कारण होता है। बता दें, मनुष्य में कुल 46 गुणसूत्र (23 जोड़ों में) हैं। यह सभी जीन माता पिता से जोड़े में मिलते हैं, यानी प्रत्येक जीन की दो कॉपियां होती है, एक कॉपी पिता से जबकि दूसरी कॉपी मां से मिलती है।

प्रैडर-विली सिंड्रोम के लगभग 70 प्रतिशत मामलों में पिता से पारित गुणसूत्र 15 की प्रति अनुपस्थित (मिसिंग) पाई गई है। इस दोष को मेडिकल भाषा में 'पैटर्नल डिलीशन' कहते हैं। हालांकि, पैटर्नल डिलीशन संयोग से (अपने आप) होता है, इसलिए ऐसा बहुत कम पाया गया है कि प्रभावित बच्चे के भाई या बहन में भी प्रेडर-विली सिंड्रोम की समस्या हो।

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प्रेडर-विली सिंड्रोम का निदान कैसे किया जाता है? - Prader-Willi Syndrome Diagnosis in Hindi

आमतौर पर, डॉक्टर संकेत और लक्षणों के आधार पर प्रेडर-विली सिंड्रोम का निदान करते हैं, लेकिन ब्लड टेस्ट के माध्यम से इसका सटीक निदान किया जा सकता है। आनुवंशिक परीक्षण (जेनेटिक टेस्ट) की मदद से बच्चे के गुणसूत्रों में ऐसी असामान्यताओं की पहचान की जा सकती है, जो प्रेडर-विली सिंड्रोम का संकेत देते हैं।

प्रेडर-विली सिंड्रोम का इलाज कैसे किया जाता है? - Prader-Willi Syndrome Treatment in Hindi

प्रेडर-विली सिंड्रोम का कोई इलाज नहीं है। हालांकि, उपचार का लक्ष्य विकास संबंधी कमियों को दूर करना है, ताकि लक्षणों को कम करने में मदद मिल सके। डॉक्टर निम्नलिखित थेरेपी का उपयोग कर सकते हैं:

  • न्यूट्रिशन (पोषण संबंधी)
  • ग्रोथ (विकास संबंधी)
  • सेक्स हार्मोन
  • फिजिकल
  • स्पीच (बोलने से संबंधी)
  • ऑक्यूपेशनल (शारीरिक, संवेदी या संज्ञानात्मक समस्याओं में मदद करने वाली चिकित्सा)
  • डेवलपमेंटल (विकास से संबंधी)

इसके अलावा डॉक्टर बच्चे के वजन और विकास पर भी बारीकी से नजर (मॉनिटर) रख सकते हैं, जबकि एक पोषण विशेषज्ञ वजन को नियंत्रित रखने वाले पोषक तत्व के बारे में बता सकते हैं।

पीडब्ल्यूएस से ग्रस्त लोगों को बड़ी सख्ती से डाइट का पालन करने की जरूरत होती है। इसके अलावा माता-पिता और अभिभावकों को बार-बार या लगातार भोजन करने की आदत को रोकने के लिए कई अन्य तरीके भी अपनाने पड़ सकते हैं जैसे किचन में भोजन को अपने बच्चे की पहुंच से दूर रखना।

ग्रोथ हार्मोन ट्रीटमेंट विकास करने और शरीर में वसा को कम करने में मदद कर सकता है, लेकिन इसका लंबे समय तक कितना प्रभाव होता है यह स्पष्ट नहीं है।

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