अधिक प्यास लगना - Excess Thirst in Hindi

written_by_editorial

May 27, 2020

December 20, 2023

अधिक प्यास लगना
अधिक प्यास लगना

कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए शरीर को पानी की जरूरत होती है। जैसे ही शरीर में पानी का स्तर कम होता है, वैसे ही हमें प्यास महसूस होती है। प्यास लगना एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है, जो निश्चित मात्रा में पानी के सेवन से दूर हो जाती है। यदि किसी व्यक्ति को सामान्य से ज्यादा प्यास लग रही है, तो यह स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या हो सकती है।

अधिक प्यास लगना एक बीमारी हो सकती है, इसके अलावा यह अन्य कई रोगों का लक्षण भी हो सकता है। बार-बार प्यास लगना और पर्याप्त पानी पीने के बावजूद प्यास न बुझ पाना इस समस्या के सबसे आम लक्षण होते हैं। इसके अलावा कुछ अन्य लक्षण भी विकसित हो सकते हैं, जैसे शारीरिक रूप से कमजोरी महसूस होना, धुंधला दिखना या जी मिचलाना आदि, जो मुख्य रूप से अधिक प्यास लगने के कारण बनने वाली समस्याओं के अनुसार विकसित होते हैं।

ऐसी कई सामान्य परिस्थितियां भी हो सकती हैं, जिनके कारण किसी व्यक्ति को असाधारण रूप से अधिक प्यास लगती है, जैसे अधिक तापमान वाले क्षेत्रों में रहना, गर्मी के समय व्यायाम करना और चाय-कॉफी आदि का अधिक सेवन करना। इसके अलावा डायबिटीज जैसे कुछ गंभीर रोग भी हैं, जिनके कारण अधिक प्यास लग सकती है।

इसका कारण बनने वाली समस्याओं का पता लगाने के लिए मरीज का परीक्षण व कुछ विशेष ब्लड टेस्ट किए जाते हैं। इन टेस्टों से मिले परिणामों के अनुसार इलाज शुरू किया जाता है। इस समस्या के इलाज में मुख्य रूप से मरीज के शरीर में तरल पदार्थों की पूर्ति करना, स्वस्थ आहार देना और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने के लिए कुछ दवाएं देना आदि शामिल है।

(और पढ़ें - पानी कितना पीना चाहिए)

अधिक प्यास लगना क्या है - What is Excessive Thirst in Hindi

सामान्य से अधिक प्यास लगने की समस्या को मेडिकल भाषा में “पॉलीडिप्सिया” (Polydipsia) कहा जाता है। इस स्थिति से ग्रस्त व्यक्ति की प्यास इतनी बढ़ जाती है कि पर्याप्त पानी पीने पर भी नहीं बुझती। यदि पॉलीडिप्सिया से ग्रस्त व्यक्ति किसी प्रकार का व्यायाम या शारीरिक गतिविधि नहीं भी करते और वे ठंडे वातावरण में आराम भी करते हैं, तो ऐसी स्थिति में भी उनको असाधारण रूप से पानी की प्यास लगती रहती है।

अधिक प्यास लगने के लक्षण - Excessive Thirst Symptoms in Hindi

सामान्य से ज्यादा प्यास लगना अपने आप में एक रोग है और यह स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याओं से होने वाले लक्षणों के रूप में भी विकसित हो सकता है। अधिक प्यास लगने पर महसूस होने वाले लक्षण अक्सर इसका कारण बनने वाली समस्याओं के अनुसार विकसित होते हैं।

सामान्य तौर पर पॉलीडिप्सिया से ग्रस्त लोगों में निम्न संकेत व लक्षण देखे जाते हैं

  • बार-बार पानी पीना
  • पानी पीने के बाद भी प्यास न बुझ पाना
  • मुंह सूखना
  • मुंह से निकलने वाली लार व थूक गाढ़ा हो जाना

यदि पॉलीडिप्सिया की समस्या काफी गंभीर हो गई है या फिर कई दिनों से हो रही है, तो इससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है।

शरीर में पानी की कमी होने पर अधिक प्यास लगने के साथ-साथ निम्न लक्षण भी देखे जा सकते हैं :

इसके अलावा ज्यादा प्यास लगने के कारणों के अनुसार इसके लक्षण भी अलग-अलग हो सकते हैं। अगर डायबिटीज के कारण असाधारण रूप से अधिक प्यास लगने लगी है, तो इसके साथ अन्य लक्षण भी विकसित हो सके हैं :

कुछ मामलों में मानसिक समस्याओं के कारण भी पॉलीडिप्सिया रोग हो सकता है। इस स्थिति में मानसिक रोगों से संबंधित लक्षण विकसित हो सकते हैं।

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

प्यास लगना एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है, जिसे पर्याप्त पानी पीकर बुझाया जा सकता है। हालांकि, अगर आपको पर्याप्त पानी पीने के बाद भी लगातार प्यास महसूस हो रही है, तो यह किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। लगातार प्यास महसूस होना मानसिक समस्या या डायबिटीज जैसे रोगों का संकेत देती है, इसलिए इसकी जांच करवाना बहुत जरूरी है।

निम्न स्थितियों में डॉक्टर को दिखाना जरूरी है :

  • पर्याप्त मात्रा में पानी पीने पर भी लगातार प्यास महसूस होना
  • धुंधला दिखना, अधिक भूख लगना और त्वचा के घाव  ठीक होने में अधिक समय लगना
  • सिर चकराना या जी मिचलाना
  • दिन में अधिक मात्रा में पेशाब आना (2.5 लीटर से अधिक)

अधिक प्यास लगने के कारण - Excessive Thirst Causes in Hindi

सामान्य स्थितियों में जब शरीर को तरल पदार्थ की जरूरत होती है, तो प्यास लगती है। लेकिन अगर प्यास बार-बार लग रही है, तो उसके निम्न कारण हो सकते हैं :

  • व्यायाम करने के दौरान ज्यादा पसीना आना
  • दस्त के कारण शरीर में पानी की कमी होना
  • पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना
  • अत्यधिक मात्रा में कैफीन युक्त पेय पदार्थ पीना, जैसे चाय या कॉफी आदि
  • अधिक नमक वाला या मसालेदार भोजन खाना
  • 38 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक गर्म मौसम में रहना
  • कुछ प्रकार की दवाएं लेना जैसे लिथियम, डाईयुरेटिक्स और कुछ एंटिसायकोटिक्स आदि

सामान्य रूप से एक स्वस्थ व्यक्ति की तुलना में गर्भवती महिलाओं को अधिक प्यास लगती है। उन्हें अपेक्षाकृत गर्मी भी अधिक लगती है और पसीना भी ज्यादा आता है, यह भी अधिक प्यास लगने का कारण हो सकता है।

यदि पॉलीडिप्सिया की स्थिति अधिक गंभीर है, तो संभव है कि वह स्वास्थ्य संबंधी किसी समस्या के कारण हो रही है। स्वास्थ्य संबंधी ऐसी कई गंभीर बीमारियां हैं, जिनके कारण मरीज को असाधारण रूप से अधिक प्यास लगने लग जाती है। निम्न रोगों में अधिक प्यास लगने की समस्या सबसे ज्यादा देखी जाती है :

  • शरीर में पानी की कमी होना -
    शरीर को सामान्य रूप से काम करने के लिए पानी की आवश्यकता होती है, जब आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पी पाते हैं, तो शरीर में पानी की कमी होने लगती है। यदि शरीर में गंभीर रूप से पानी की कमी हो गई है, तो यह जीवन के लिए हानिकारक स्थिति हो सकती है।

    खासतौर पर अगर छोटे बच्चों या नवजात शिशुओं के शरीर में पानी की कमी हुई है, तो यह समस्या उनके लिए काफी घातक हो सकती है। शरीर में पानी की कमी होना भी अधिक व बार-बार प्यास लगने का एक मुख्य कारण हो सकता है।
     
  • डायबिटीज मेलिटस :
    यदि रक्त में शुगर का स्तर अत्यधिक बढ़ गया है, तो उसके कारण भी पॉलीडिप्सिया हो सकता है। डायबिटीज मेलिटस, डायबिटीज का ऐसा प्रकार है, जिसमें सबसे अधिक प्यास लगने के लक्षण दिखाई पड़ते हैं।
     
  • डायबिटीज इन्सिपिडस :
    जब शरीर तरल पदार्थों के स्तर को नियंत्रित नहीं रख पाता, तो डायबिटीज इन्सिपिडस हो जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति को अधिक मात्रा में पेशाब आने लगता है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर में पानी की कमी हो जाती है और अधिक प्यास लगने लगती है।
     
  • डिप्सोजेनिक डायबिटीज इन्सिपिडस :
    प्यास लगने की सामान्य प्रक्रिया में किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर डिप्सोजेनिक डायबिटीज इन्सिपीडस रोग विकसित हो जाता है। इस स्थिति में बार-बार पेशाब आने के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है और परिणामस्वरूप अत्यधिक प्यास लगने लगती है।
     
  • सेप्सिस :
    यह ब्लड इन्फेक्शन बैक्टीरिया व अन्य रोगाणुओं के कारण होने वाला एक घातक रोग है। सेप्सिस में शरीर के कई अंदरूनी अंग काम करना बंद कर सकते हैं और यहां तक कि गंभीर मामलों में मरीज की मृत्यु भी हो सकती है।

अधिक प्यास लगने से बचाव के उपाय - Prevention of Excessive Thirst in Hindi

सामान्य से ज्यादा प्यास लगना अधिकतर मामलों में कोई गंभीर स्थिति नहीं होती है। जब अधिक गर्म तापमान में रहने, अधिक व्यायाम करने या दस्त लगने के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है, तो इसके परिणामस्वरूप प्यास भी अधिक लगने लगती है। जीवनशैली में कुछ अच्छे बदलाव करके अधिक प्यास लगने जैसी समस्याओं को विकसित होने से रोका जा सकता है।

  • अधिक गर्म मौसम में घर से बाहर न निकलें
  • सुबह और शाम के समय ही व्यायाम करें
  • शराब और धूम्रपान छोड़ दें
  • अपने आहार में रोजाना ताजे फलसब्जियां शामिल करें
  • कैफीन युक्त पेय पदार्थ न पिएं जैसे चाय व कॉफी आदि
  • बाहर का खाना या जंक फूड न खाएं
  • अधिक तले हुऐ भोजन से भी परहेज करें

अधिक प्यास लगने का परीक्षण - Diagnosis of Excessive Thirst in Hindi

पॉलीडिप्सिया के कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टर स्थिति का परीक्षण करते हैं। परीक्षण के दौरान सबसे पहले मरीज से उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली स्थिति के बारे में पूछा जाता है। इस दौरान मरीज से पूछे गए सवालों में निम्न शामिल हैं :

  • आपको कितने समय से लक्षण महसूस हो रहे हैं?
  • क्या आपको बार-बार पेशाब जाना पड़ता है?
  • क्या आपकी प्यास दिन व रात के दौरान कम-ज्यादा होती रहती है?
  • हाल ही में आपको चोट के कारण किसी प्रकार की ब्लीडिंग तो नहीं हुई है?
  • आपकी भूख में किसी प्रकार का बदलाव तो नहीं हुआ है?
  • कुछ दिनों के भीतर आपको तेज बुखार तो नहीं हुआ?

इन सभी सवालों के साथ डॉक्टर आपके द्वारा हाल ही में ली गई किसी दवा या सप्लीमेंट के बारे में पूछ सकते हैं और साथ ही साथ शारीरिक परीक्षण भी कर सकते हैं। शारीरिक परीक्षण के अलावा डॉक्टर कुछ प्रकार के ब्लड और यूरिन टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं।

इन सभी टेस्टों से प्राप्त रिजल्ट के अनुसार आपको विशेषज्ञ डॉक्टर के पास भेजा जा सकता है। परीक्षण के रिजल्ट के अनुसार ही समस्या का इलाज निर्धारित किया जाता है।

अधिक प्यास लगने का इलाज - Excessive Thirst Treatment in Hindi

यदि प्यास लगने से संबंधित समस्या गंभीर नहीं है, तो डॉक्टर कुछ सामान्य तरीकों से ही इस समस्या का इलाज कर देते हैं। इसके इलाज में मुख्य रूप से मरीज को एक विशेष डाईट प्लान पर रखा जाता है और उसके लक्षणों के अनुसार कुछ विशेष दवाएं भी दी जाती हैं। जैसे दस्त व जी मिचलाना आदि समस्या को रोकने के लिए दवाएं देना। साथ ही इस दौरान मरीज की शराब व सिगरेट छुड़ाने के लिए भी विशेष उपचार शुरू किए जा सकते हैं।

यदि पॉलीडिप्सिया गंभीर है और सामान्य उपचारों से ठीक नहीं हो पा रहा है, तो इसका मतलब है कि यह स्वास्थ्य संबंधी किसी रोग या अन्य स्थिति के कारण विकसित हुआ है। ऐसी स्थिति में अधिक प्यास लगने का इलाज करने के लिए उसके अंदरुनी कारणों का उपचार शुरू किया जाता है, जिससे यह स्थिति अपने आप ठीक होने लगती है। पॉलीडिप्सिया का कारण बनने वाले रोगों का इलाज निम्न तरीके से किया जाता है -

  • शरीर में पानी की कमी होना -
    इस समस्या का इलाज करने के लिए सबसे पहले मरीज के शरीर में कम हुए तरल पदार्थों की पूर्ति की जाती है। इसमें मरीज को साफ पानी, विशेष शोरबा, बर्फ वाला पानी और कुछ प्रकार के स्पोर्ट्स ड्रिंक आदि पीने के लिए दिए जाते हैं। कुछ लोग जिन्हें गंभीर रूप से पानी की कमी हो गई है, तो उनके शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिए इंट्रावेनस फ्लूइड (नसों द्वारा विशेष द्रव प्रदान करना) की आवश्यकता पड़ सकती है।
     
  • डायबिटीज मेलिटस -
    इस स्थिति के इलाज का सबसे मुख्य कार्य ब्लड शुगर को सामान्य स्तर पर रखना होता है। डायबिटीज टाइप 1 से ग्रस्त लोगों को इंसुलिन का इस्तेमाल करने की आवश्यकता पड़ती है।

    डायबिटीज टाइप 2 से ग्रस्त लोगों के इलाज में डॉक्टर मुख्य रूप से उनकी जीवनशैली में सुधार करते हैं, जैसे उनके डाइट प्लान में बदलाव करना, उचित व्यायाम निर्धारित करना और उनके ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने वाली दवाएं देना आदि। डॉक्टर इंसुलिन, मेटाफॉर्मिन या कोई अन्य दवाएं भी दे सकते हैं।

    जब डायबिटीज से ग्रस्त लोगों में ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित कर लिया जाता है, तो पॉलीडिप्सिया के लक्षण भी अपने आप कम होने लगते हैं।

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  • डायबिटीज इन्सिपिडस​ -
    यदि कोई व्यक्ति डायबिटीज इन्सिपिडस से ग्रस्त है, तो उसके शरीर में पानी की कमी होने के कारण अधिक प्यास लगने लगती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर सबसे पहले मरीज को पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की सलाह देते हैं। इस स्थिति के इलाज में डॉक्टर कुछ प्रकार की दवाएं भी दे सकते हैं जैसे डिस्मोप्रेसिन, (यह दवा वेसोप्रेसिन का सिंथेटिक रूप होता है)।
     
  • दवाओं से होने वाला पॉलीडिप्सिया -
    यदि कोई विशेष प्रकार की दवा लेने के कारण व्यक्ति को अधिक प्यास लगने लगी है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर उन दवाओं को किसी अन्य वैकल्पिक दवा से बदल सकते हैं या फिर उनकी खुराक में कुछ बदलाव कर सकते हैं।
     
  • सेप्सिस -
    यदि ब्लड इन्फेक्शन अभी शुरुआती चरणों में ही है, तो इसका इलाज करने के लिए कुछ प्रकार की एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग किया जाता है। यदि रोग गंभीर हो गया है, तो डॉक्टर मरीज को अस्पताल में भर्ती कर सकते हैं और यहां तक कि कुछ गंभीर मामलों में मरीज को आईसीयू में भी ले जाया जा सकता है।
     
  • मानसिक स्थितियों के कारण अधिक प्यास लगना -
    यदि मानसिक समस्याओं के कारण मरीज को अधिक प्यास लगने की समस्या हुई है, तो इसका इलाज करने के लिए मरीज को कुछ परामर्श व अन्य थेरेपी दी जाती हैं। इसके इलाज के दौरान मरीज को तरल पदार्थ पीने से संबंधित विशेष सुझाव दिए जाते हैं। इस दौरान डॉक्टर मरीज की दवाओं में भी कुछ बदलाव कर सकते हैं।

अधिक प्यास लगने की जटिलताएं - Excessive Thirst Complications in Hindi

अधिक प्यास लगने की समस्या चाहे किसी भी कारण से हो रही हो, इसे इलाज की मदद से ठीक किया जा सकता है। हालांकि, अगर यह डायबिटीज संबंधी रोगों के कारण हुआ है, तो इन लक्षणों को नियंत्रित रखने के लिए मरीज को जीवनभर दवाएं लेनी पड़ती हैं और कुछ विशेष परहेज भी रखने पड़ते हैं।



अधिक प्यास लगना की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Excess Thirst in Hindi

अधिक प्यास लगना के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

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