फिजिकल अर्टिकेरिया क्या है
फिजिकल अर्टिकेरिया एक ऐसा एलर्जिक रिएक्शन है, जिसमें त्वचा पर लाल घाव विकसित हो जाते हैं और खुजली होने लगती है। यह स्थिति आमतौर पर त्वचा के ठंडे या गर्म वातावरण, केमिकल या किसी पौधे के संपर्क में आने से विकसित होती है। इन सभी को मेडिकल भाषा में व्हील्स (Wheals) कहा जाता है, जो कुछ मिलीमीटर से कुछ सेंटीमीटर की रेंज तक हो सकता है। घाव के बीच का भाग सफेद रंग से लेकर लाल रंग का हो सकता है और आमतौर पर इसके आस-पास सूजन हो जाती है। यह विकार आमतौर पर बच्चों को होता है।
फिजिकल अर्टिकेरिया (शारीरिक पित्ती) के अन्य नाम
- ऑटोग्राफिस्म
- फिजिकल एलर्जी अर्टिकेरिया
फिजिकल अर्टिकेरिया के प्रकार
- एक्वाजेनिक अर्टिकेरिया
- कोल्ड अर्टिकेरिया
- डर्मेटोग्राफिया
- डर्मोग्राफिस्म
फिजिकल अर्टिकेरिया के लक्षण
त्वचा पर सूजन युक्त लाल रंग के चकत्ते बनना और खुजली होना फिजिकल अर्टिकेरिया का सबसे सामान्य लक्षण होता है। त्वचा पर फोड़े-फुंसी, खुजली और त्वचा के अंदर सूजन होने के कारण ठंड के प्रति संवेदनशीलता होने लगती है। ये लक्षण ठंडे पानी के संपर्क में आने या ठंडे पानी से नहाने के तुरंत बाद भी विकसित हो सकते हैं। कभी-कभी यह अर्टिकेरियल ड्रग रिएक्शन का सबसे पहला संकेत हो सकाता है।
यह लक्षण आमतौर पर ठंड के संपर्क, नहाने या तैरने के दौरान या बाद में विकसित होते हैं। अधिक मामलों में ब्रोंकाई के आसपास की मांसपेशियों के ऐंठन (ब्रोन्कोस्पाज्म) होने लगता है और कुछ गंभीर स्थितियों में हिस्टामिन-मेडिएटेड शॉक भी हो सकता है। अगर यह तैराकी करने के दौरान होता है, तो मरीज के डूबने जैसी खतरनाक दुर्घटना भी हो सकती है।
कुछ डर्मेटोलॉजिस्ट के अनुसार डर्मोग्राफिस्म, फिजिकल अर्टिकेरिया का सबसे सामान्य प्रकार होता है। यह लक्षण अचानक से हो सकता है और गर्म मौसम या गर्म पानी से नहाने के कारण बढ़ भी हो सकता है। कभी-कभी यह अर्टिकेरिया ड्रग रिएक्शन का सबसे पहला लक्षण होता है।
फिजिकल अर्टिकेरिया के कारण
फिजिकल अर्टिकेरिया के अंतर्निहित कारणों के बारे में अभी तक पता नहीं चल पाया है। कुछ डॉक्टर मानते हैं कि यह स्थिति एक ऑटो-इम्यूनोलॉजिकल प्रोसेस (स्व-प्रतिरक्षित प्रक्रिया) के कारण होती है। फिजिकल अर्टिकेरिया के कारण का अभी तक पता नहीं लग पाया है, हालांकि इसे एक स्व-प्रतिरक्षित रोग माना गया है।
इसके अनुसार शरीर के इम्यून सिस्टम द्वारा बनाए जाने वाले एंटी-बॉडीज, जो इंसान को बाहरी माइक्रोब्स से बचाते हैं, वे शरीर के ऊतकों को बांधने लग जाते हैं, जिस कारण शरीर को क्षति पहुंचने लगती है।
फिजिकल अर्टिकेरिया का इलाज
आमतौर पर फिजिकल अर्टिकेरिया के इलाज के लिए एंटी-हिस्टामिन नाम के ड्रग (दवाई) की सलाह दी जाती है। यह हिस्टामिन के प्रभाव को रोक देते हैं। कुछ अध्ययनों से यह पता चला है कि एंटी-हिस्टामिन्स और एंटागोनिस्ट का तालमेल फिजिकल अर्टिकेरिया का एक बेहतर इलाज होता है।
कई मामले जो हिस्टामिन के साथ ऑटोएंटीबाडी-एंटीजन प्रतिक्रिया से जुड़े होते हैं, उन्हें अभी तक सही तरीके से पहचाना नहीं जा सका है। इसीलिए फिजिकल अर्टिकेरिया का इलाज करने के लिए रिसेप्टर बाइंडिंग या पैथोमैकेनिज्म पर ध्यान देने की बजाय एंटीहिस्टामिन्स की प्रभावशीलता पर ध्यान दिया जाता है।