फिलीबाइटिस - Phlebitis in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

November 12, 2018

April 13, 2021

फिलीबाइटिस
फिलीबाइटिस

फिलीबाइटिस क्या है?

फिलीबाइटिस होने पर व्यक्ति की नसों में सूजन आ जाती है। नसे खून को शरीर के अंगों से वापस हृदय तक पहुंचाने का काम करती हैं। यदि नस में खून का थक्का जमने के कारण सूजन हुई है, तो इस स्थिति को थ्रोम्बोफिलीबाइटिस (thrombophlebitis) कहा जाता है। यही रक्त का थक्का नसों की गहराई में हो जाए तो इसको डीप वेन थ्रम्बोफिलीबाइटिस (deep vein thrombophlebitis) या डीप वेन थ्रोम्बोसिस (deep vein thrombosis) कहा जाता है। 

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फिलीबाइटिस दो प्रकार का होता है, जिसमें एक प्रकार को सुपरफिशियल (ऊपरी सतर का) और दूसरे को डीप (गहराई का) कहा जाता है। 

त्वचा के ठीक नीचे दिखने वाली नसों में सूजन को सुपरफिशियल फिलीबाइटिस कहा जाता है। इस स्थिति को इलाज की जरूरत होती है, लेकिन यह गंभीर नहीं होती हैं।

फिलीबाइटिस के दूसरे प्रकार को डीप फिलीबाइटिस कहा जाता है। इसमें सूजन गहरी व बड़ी नसों में होती है, जैसे पैरों में पाई जाने वाली नसों में यह समस्या होना। खून का थक्का जमना इसका मुख्य कारण होता है। यह एक गंभीर समस्या है, जो घातक हो सकती है। 

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फिलीबाइटिस के लक्षण क्या हैं?

फिलीबाइटिस के दोनों प्रकार के लक्षणों को नीचे बताया गया है-

सुपरफिशियल थ्रोम्बोफिलीबाइटिस होन पर व्यक्ति को निम्न लक्षण महसूस होते हैं। 

  • प्रभावित त्वचा गर्म होना। 
  • प्रभावित हिस्से पर दर्द या छूने में दर्द होना। 
  • लालिमा और सूजन आना।

डीप वेन थ्रोम्बोफिलीबाइटिस में व्यक्ति को नीचे बताए गए लक्षण महसूस होते हैं। 

  • दर्द
  • सूजन

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जब आपकी त्वचा की सतह पर दिखने वाली नस इस रोग से प्रभावित होती है, तब इस हिस्से की लालिमा देखी जा सकती है और इस हिस्से को छूने पर दर्द होने लगता है। वहीं पैर की गहरी नस में समस्या होने पर व्यक्ति के पैर में सूजन और दर्द होता है। 

फिलीबाइटिस क्यों होता है? 

सुपरफिशियल फिलीबाइटिस होने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है। कई बार यह समस्या चिकित्सकीय प्रक्रिया (जैसे नसों में सुई या कट लगाना) के बाद हो जाती है। जबकि डीप वेन थ्रोम्बोफिलीबाइटिस होने के कारण में निम्न को शामिल किया जाता है।

  • सर्जरी के बाद बेड पर लंबे समय तक लेटना या लंबे समय तक एक ही अवस्था में बैठना (जैसे - कार या जहाज में बैठना)
  • लकवा, जिसकी वजह से शरीर निष्क्रिय हो जाता है। 
  • कुछ प्रकार के कैंसर,
  • एस्ट्रोजन हार्मोन का उपयोग
  • अनुवांशिक और नसों की अंदरुनी परत पर चोट लगना, आदि।

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फिलीबाइटिस​​ का इलाज कैसे होता है?

सुपरफिशियल फिलीबाइटिस के इलाज में कुछ विशेष प्रकार की जुराबों और सूजन को कम करने वाली दवाओं से लक्षणों को कम करने का प्रयास किया जाता है। इसके साथ ही हाथ या पैरों को ऊपर की ओर उठाना और गर्म सिकाई को भी इसके इलाज में शामिल किया जाता है। इसके बेहद कम मामलों में ही एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता होती है। 

अगर किसी व्यक्ति को पहले कभी डीप वेन थ्रोम्बोफिलीबाइटिस हुआ हो या फिलीबाइटिस गहरी नसों में फैलने की संभावना हो, तो ऐसे में उसको खून को पतला करने वाली दवाएं दी जाती हैं। इन दवाओं का इलाज तीन से छह महीनों तक चलता है। 

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फिलीबाइटिस की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Phlebitis in Hindi

फिलीबाइटिस के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

दवा का नाम

कीमत

₹100.0

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