परिचय:
फेरिंक्स (Pharynx) में लालिमा, जलन या संक्रमण की स्थिति को “फेरिंजाइटिस” (Pharyngitis) या गले में सूजन कहा जाता है। फेरिंक्स गले का एक हिस्सा होता है, जो नाक व मुंह के पीछे और भोजन नली व श्वास नली के ऊपर स्थित होता है।
गले में सूजन का मुख्य कारण संक्रमण होता है, जो ज्यादातर मामलों में वायरस और कुछ मामलों में बैक्टीरिया का कारण होता है। इसके अन्य कारणों में गले में एलर्जी, चोट लगना, विषाक्त पदार्थ जाना और गले में रसौली होना आदि शामिल हैं। यह पता लगाना बहुत जरूरी होता है, कि गले में सूजन बैक्टीरियल इन्फेक्शन या वायरल इन्फेक्शन में से किसी कारण हो रही है, क्योंकि इन दोनो स्थितियों का इलाज अलग-अलग तरीके से होता है। आमतौर पर गले में सूजन होने पर मरीज के गले में दर्द होने लगता है और उसको बुखार हो जाता है। इसके अलावा नाक बहना, खांसी, सिर दर्द और गला बैठना आदि गले की सूजन के मुख्य लक्षण भी होने लगते हैं। ये लक्षण 3 से 5 दिन के बाद कम होने लगते हैं।
गले में सूजन की जांच के दौरान डॉक्टर मरीज का शारीरिक परीक्षण करते हैं, जिसके दौरान मरीज के गले में इन्फेक्शन आदि की जांच की जाती है। संक्रमण का पता लगाने के लिए डॉक्टर खून टेस्ट करवाने की सलाह भी दे सकते हैं। गले में सूजन होने से बचाव रखने के लिए भी कुछ उपाय किए जा सकते हैं, जैसे धूम्रपान छोड़ना, पर्सनल हाइजीन अपनाना और उन लोगों से दूर रहना जिनके गले में सूजन है।
बैक्टीरिया के कारण होने वाली गले की सूजन का इलाज एंटीबायोटिक व अन्य सहायक उपचारों के द्वारा किया जाता है। वायरस के कारण होने वाली गले की सूजन अक्सर अपने आप ठीक हो जाती है। गले में सूजन से साइनसाइटिस और मध्य कान में संक्रमण जैसी कुछ जटिलताएं भी हो सकती हैं।
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