प्यूट्ज जेहेर्स सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जिसमें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (विशेष रूप से पेट और आंतों) में 'हैमार्टोमैटस पॉलीप्स' नामक गैर-कैंसरकारी वृद्धि होने लगती है जिस कारण कुछ प्रकार के कैंसर के विकास का जोखिम बढ़ जाता है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट को जीआई ट्रैक्ट भी कहा जाता है, यह मुंह से गुदा तक का मार्ग है, जिसमें पाचन तंत्र के सभी अंग शामिल हैं।
प्यूट्ज जेहेर्स सिंड्रोम से ग्रस्त बच्चों में अक्सर होंठों पर, मुंह के अंदर, आंखों और नाक के पास और गुदा के आसपास छोटे व काले धब्बे विकसित होने लगते हैं। ये धब्बे हाथ और पैरों पर भी हो सकते हैं। वे बचपन में आसानी से देखे जा सकते हैं जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है इन धब्बों के निशान फीके या हलके पड़ने लगते हैं। इस बीमारी से ग्रस्त ज्यादातर लोगों में उनके बचपन या किशोरावस्था के दौरान पेट और आंतों में पॉलीप्स की समस्या विकसित हो सकती है।
प्यूट्ज जेहेर्स सिंड्रोम से पीड़ित लोगों में जीवनभर कैंसर विकसित होने का खतरा अधिक रहता है।