परिधीय रोग का उपचार कैसे करें?
पेरिफेरल आर्टरी डिजीज का इलाज करने के लिए जीवनशैली में बदलाव, दवाएं और कुछ सर्जिकल प्रक्रियाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है।
जीवनशैली में बदलाव
परिधीय धमनी रोग के शुरुआती इलाज में जीवनशैली में कुछ बदलाव करना शामिल होता है, जिससे इस रोग के जोखिम कारकों को कम किया जाता है। इसमें निम्न शामिल हैं:
- धूम्रपान छोड़ दें:
यदि आप सिगरेट पीते हैं या अन्य किसी प्रकार का धूम्रपान करते हैं, तो उसे जल्द से जल्द छोड़ने की कोशिश करें। धूम्रपान छुड़ाने के लिए आप डॉक्टर से भी मदद ले सकते हैं।
- संतुलित आहार खाएं:
अपने आहार में ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें जिनमें फाइबर की मात्रा अधिक और वसा, कोलेस्टॉल व सोडियम की मात्रा कम हो। अपने रोजाना की कैलोरी में सिर्फ 30 प्रतिशत ही फैट रखें। रोजाना की कुल कैलोरी में सेचुरेटेड फैट की मात्रा 7 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। यदि आपके शरीर का वजन ज्यादा हो गया है, तो वजन कम करने से भी आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और एचडीएल (अच्छे) कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद मिलती है। एक अच्छा डॉक्टर भी आपके लिए एक सही आहार निर्धारित कर सकता है।
- एक्सरसाइज:
रोजाना थोड़ी बहुत एक्सरसाइज करने की आदत डालें जैसे चलना। चलना शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है और यह परिधीय धमनी रोग का इलाज करने में भी मदद करता है।
- स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याओं को मैनेज करना:
कुछ प्रकार की शारीरिक समस्याएं जो परिधीय धमनी रोग होने का खतरा बढ़ा देती हैं, उनका उपाय करना भी इस रोग से बचाव करने के लिए बहुत जरूरी होता है। इनमें हाई बीपी और हाई कोलेस्ट्रॉल आदि शामिल है।
संक्रमण से बचाव करने के लिए और परिधीय धमनी रोग से होने वाली जटिलताओं से बचाव करने के लिए पैर व टांगों की त्वचा की विशेष रूप से देखभाल रखना।
दवाएं
पेरिफेरल आर्टरी डिजीज का कारण बनने वाली अंदरुनी शारीरिक समस्याओं का इलाज करने के लिए कई अलग-अलग प्रकार की दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। इतना ही नहीं ये दवाएं हृदय रोग होने के जोखिम को भी कम कर देती हैं।
कुछ लोगों को एक या दो प्रकार की दवाएं तो कुछ लोगों को एक साथ अधिक प्रकार की दवाएं लेनी पड़ सकती हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है।
- कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाली दवाएं
- हाई बीपी की दवाएं
- ब्लड शुगर को कम करने वाली दवाएं
- खून का थक्का जमने से बचाव करने वाली दवाएं
- परिधीय धमनी रोग से होने वाले लक्षणों को शांत करने वाली दवाएं।
ऑपरेशन व अन्य प्रक्रियाएं
कुछ मामलों में धमनियों से टांगों में खून के बहाव को फिर से चालू करने के लिए एक विशेष प्रकार की सर्जरी भी की जा सकती है। इस सर्जरी प्रक्रिया को “रिवास्कुलराइजेशन” (Revascularisation) कहा जाता है।
यदि टांगों में अत्यधिक दर्द हो रहा है और इस कारण आप रोजाना की गतिविधियां भी नहीं कर पा रहे हैं, तो डॉक्टर रिवास्कुलराइजेशन सर्जरी करवाने का सुझाव दे सकते हैं। इसके अलावा यदि परिधीय धमनी रोग के लक्षणों का इलाज किसी अन्य उपचार प्रक्रिया से ना हो पाए, तो ऐसी स्थिति में भी डॉक्टर रिवास्कुलराइजेशन सर्जरी कर सकते हैं।
परिधीय धमनी रोग का इलाज करने के लिए रिवास्कुलराइजेशन के मुख्य दो प्रकार हैं, जैसे:
- एंजियोप्लास्टी:
इस प्रक्रिया के दौरान रक्त वाहिका के अंदर एक छोटा सा गुबारा डाल कर फुलाया जाता है, जिससे संकुचित हुई धमनी खुल जाती है।
- आर्टरी बाइपास ग्राफ्ट:
इस सर्जरी प्रक्रिया में शरीर के किसी दूसरे हिस्से से रक्त वाहिका को निकाला जाता है और उसको रुकी हुई धमनी को बाइपास करने के लिए लगा दिया जाता है।