पैरॉक्सिसमल कोल्ड हीमोग्लोबिन्यूरिया क्या है?
पैरॉक्सिसमल कोल्ड हीमोग्लोबिन्यूरिया (पीसीएच) खून से संबंधित एक दुर्लभ विकार है। इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ऐसे एंटीबॉडी बनाती है, जो लाल रक्त कोशिकाओं को नष्ट कर देते हैं। ऐसा तब होता है जब व्यक्ति ठंडे तापमान में आता है।
पैरॉक्सिसमल कोल्ड हीमोग्लोबिन्यूरिया के लक्षण
पीसीएच के निम्न लक्षण हो सकते हैं:
- ठंड लगना
- बुखार
- पीठ में दर्द
- पैर में दर्द
- पेट में दर्द
- सिरदर्द
- असहजता, बेचैनी या बीमार महसूस करना (अस्वस्थता)
- पेशाब में खून आना
पैरॉक्सिसमल कोल्ड हीमोग्लोबिन्यूरिया के कारण
आमतौर पर पीसीएच ठंडे वातावरण में ही होता है और प्रमुख तौर पर हाथ व पैरों को प्रभावित करता है। इसमें एंटीबॉडी लाल रक्त कोशिकाओं से जुड़ जाते हैं और यह खून में अन्य प्रोटीन को भी बांधने लगते हैं। ऐसे में एंटीबॉडी शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को नष्ट करने लगते हैं और जैसे-जैसे यह कोशिकाएं नष्ट होती जाती हैं, हीमोग्लोबिन (लाल रक्त कोशिका का एक हिस्सा, जो ऑक्सीजन ले जाता है) खून में मिलता है और फिर पेशाब के जरिए शरीर से बाहर निकल जाता है।
पीसीएच को सेकेंडरी सिफलिस, टेरशिअरी सिफलिस और अन्य वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण से जोड़ा गया है, लेकिन कभी-कभी इसके कारण का पता नहीं चल पाता है। यदि इसकी जटिलताओं के बारे में बात करें तो निम्न चीजें प्रभावित कर सकती हैं:
पैरॉक्सिसमल कोल्ड हीमोग्लोबिन्यूरिया का इलाज
इस बीमारी में लक्षणों को नियंत्रित करने पर जोर दिया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि पीसीएच सिफलिस (आमतौर पर यौन संपर्क से फैलने वाला जीवाणु संक्रमण) के कारण होता है, तो सिफलिस का इलाज करने से पीसीएच के लक्षणों को कम किया जा सकता है। हालांकि कुछ मामलों में, प्रतिरक्षा प्रणाली को ठीक करने वाली दवाओं का उपयोग किया जाता है।
यदि आपको इस विकार के लक्षण दिख रहे हैं, तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए ताकि पीसीएच के लक्षणों के अन्य कारणों का पता चल सके और यह तय किया जा सके कि व्यक्ति को उपचार की आवश्यकता है या नहीं। जिन लोगों में इस बीमारी का निदान किया गया है उन्हें अत्यधिक ठंडे वातावरण में जाने से बचना चाहिए क्योंकि इससे पैरॉक्सिसमल कोल्ड हीमोग्लोबिन्यूरिया ट्रिगर हो सकता है।