नाखून की त्वचा में इन्फेक्शन (पैरोनिकिया) - Paronychia in Hindi

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December 07, 2019

नाखून की त्वचा में इन्फेक्शन
नाखून की त्वचा में इन्फेक्शन

पैरोनिकिया क्या है?

पैरोनिकिया एक स्किन इंफेक्शन है जो कि हाथ और पैर के नाखूनों के आसपास होता है। बैक्टीरिया या कैंडिडा नामक यीस्ट इस संक्रमण का कारण है। बता दें, बैक्टीरिया और यीस्ट दोनों मिलकर इंफेक्शन पैदा कर सकते हैं। संक्रमण के कारण के आधार पर, पैरोनिकिया धीरे-धीरे शुरू होता है और कई हफ्तों तक रहता है या फिर इसके लक्षण अचानक से सामने आते हैं और ये एक या दो दिनों में ही ठीक हो जाता है। पैरोनिकिया के लक्षणों को आसानी से पहचाना जा सकता है। आमतौर पर इसका इलाज संभव है जिसमें त्वचा व नाखूनों को बहुत कम या ना के बराबर नुकसान पहुंचता है। अगर इसका इलाज न किया जाए तो यह संक्रमण गंभीर रूप ले सकता है और नाखून को कम या ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। 

पैरोनिकिया के लक्षण और प्रकार

पैरोनिकिया दो प्रकार (एक्यूट और क्रोनिक) होता है और दोनों के लक्षण एक-दूसरे से काफी मिलते-जुलते हैं। क्रोनिक संक्रमण धीरे-धीरे होता है और कई हफ्तों तक रहता है, जबकि एक्यूट संक्रमण जल्दी सामने आ जाता है और कुछ ही दिनों में ठीक भी हो जाता है। दोनों संक्रमणों में निम्नलिखित लक्षण सामने आ सकते हैं:

  • नाखून के आसपास की त्वचा पर लालिमा
  • नाखून के आसपास की त्वचा छूने पर दर्द होना 
  • मवाद से भरे छाले
  • नाखून के आकार, रंग या बनावट में बदलाव आना
  • नाखून अलग होना

पैरोनिकिया के कारण

एक्यूट और क्रोनिक दोनों प्रकार के पैरोनिकिया के कई कारण हो सकते हैं जिनके बारे में नीचे बताया गया है।

  • एक्यूट पैरोनिकिया: नाखून के आसपास की त्वचा पर किसी तरह की चोट लगने से वहां बैक्टीरिया पनप सकता है जो कि इन्फेक्शन पैदा करता है। इसके अलावा यह नाखूनों या नाखून के आस-पास की त्वचा (हैंगनेल) को दांत से काटने से भी हो सकता है। 
  • क्रोनिक पैरोनिकिया: आमतौर पर क्रोनिक पैरोनिकिया का कारण कैंडिडा यीस्ट या फिर बैक्टीरिया हो सकता है। यीस्ट नमी वाली जगहों पर विकसित होती है इसलिए यह संक्रमण हाथ या पैर को बहुत देर तक पानी में रखने पर होता है। 

पैरोनिकिया का निदान

अगर आपको एक्यूट पैरोनिकिया के ज्यादा गंभीर लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं तो आप इसका खुद पता लगा सकते हैं। इसमें प्रभावित नाखून के आसपास वाली त्वचा पर चुभने वाला दर्द, सूजन और लालिमा को देखें। यदि उपचार से फायदा नहीं होता है, तो डॉक्टर प्रभावित हिस्से से मवाद का सैंपल लेकर लैब में जांच के लिए भेज सकते हैं।