पैपिलेडेमा का इलाज उसके अंदरूनी कारणों के अनुसार अलग-अलग प्रकार से किया जाता है, जिसमें निम्न शामिल हैं -
इडियोपैथिक इंट्राक्रेनियल हाइपरटेंशन -
आईआईएच के कारण होने वाले पैपिलेडेमा का इलाज करने के लिए डॉक्टर आमतौर पर एसिटाजोलामाइड, फ्यूरोसेमाइड या टोपिरामेट आदि दवाओं का इस्तेमाल करते हैं। आहार में कम नमक वाले खाद्य पदार्थ खाने और वजन कम करने की सलाह दी जाती है।
यदि दवाओं और जीवनशैली में सुधार करने से कोई आराम न मिल पाए, तो डॉक्टर सर्जरी करने पर विचार कर सकते हैं।
ट्यूमर, सिर में चोट लगने या संक्रमण -
यदि उपरोक्त कारणों से पैपिलेडेमा रोग हुआ है, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर गंभीरता के साथ इलाज शुरू करते हैं। उदाहरण के लिए मस्तिष्क में ट्यूमर होने, दिमाग में रक्तस्राव, खून थक्का बनने और अन्य दिमागी स्थिति में सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है। संक्रमण की स्थितियों में एंटीबायोटिक व एंटीवायरल दवाओं का इस्तेमाल करते हैं। इन दवाओं की खुराक रोग की गंभीरता के अनुसार निर्धारित की जाती है।
हाई ब्लड प्रेशर -
कुछ दुर्लभ मामलों में रक्तचाप का स्तर अत्यधिक बढ़ जाने के कारण भी पैपिलेडेमा हो जाता है, उदाहरण के लिए 180/120 से ज्यादा होने पर। इस स्थिति को हाइपरटेंसिव क्राइसिस कहा जाता है, जो कि एक इमरजेंसी स्थिति होती है। इस स्थिति में व्यक्ति को आईसीयू में ले जाया जाता है और ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए उपचार शुरू किया जाता है।
पैपिलेडेमा के अन्य कारणों का इलाज -
पैपिलेडेमा का कारण बनने वाली ऐसी कई समस्याएं हैं, जो मस्तिष्क में दबाव को बढ़ा देती हैं। ऐसी स्थितियों का इलाज मस्तिष्क व आंख के विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है। डॉक्टर अंदरूनी कारणों का पता लगाकर उसके अनुसार ही इलाज शुरू करते हैं।