कान में फंगल इन्फेक्शन - Fungal ear infection in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

February 02, 2022

May 25, 2023

कान में फंगल इन्फेक्शन
कान में फंगल इन्फेक्शन

बाहरी कान में होने वाले फंगल इन्फेक्शन को ओटोमाइकोसिस कहते हैं. ओटोमाइकोसिस के लक्षणों में सूजन, शुष्क त्वचा और बदबूदार डिस्चार्ज शामिल हैं. गर्म जलवायु में रहने वाले या पानी के खेल में भाग लेने वाले लोग ओटोमाइकोसिस से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं. ओटोमाइकोसिस का इलाज अक्सर एंटीफंगल दवाओं के द्वारा किया जाता है.

यहां दिए ब्लू लिंक पर क्लिक करें और फंगल इंफेक्शन का आयुर्वेदिक इलाज विस्तार से जानें.

आज इस लेख में जानेंगे ओटोमाइकोसिस के कारण, लक्षण, उपचार और रोकथाम के बारे में -

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कान में फंगल इन्फेक्शन के लक्षण - Fungal ear infection symptoms in Hindi

कान में फंगल इन्फेक्शन होने पर दर्द, सूजन, परतदार त्वचा, लाली व कान से डिस्चार्ज जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं. आइए, जानें इस बीमारी के लक्षणों के बारे में -

  • सुनने में दिक्कत
  • कान भरा हुआ महसूस होना
  • बाहरी कान की लाली
  • खुजली
  • दर्द
  • सूजन 
  • परतदार त्वचा
  • कान में घंटी बजने जैसी आवाज
  • कान से स्राव, जो सफेद, पीला, भूरा, काला या हरा हो सकता है

आमतौर पर ये लक्षण एक ही कान में होते हैं, लेकिन दोनों कानों में भी ऐसा हो सकता है. यदि इन्फेक्शन एस्परगिलस के कारण होता है, तो इयर कनाल में कपास जैसे फंगस से घिरे भूरे-काले या पीले धब्बे दिखाई पड़ सकते हैं. यदि यह कैंडिडा के कारण होता है, तो धब्बों की बजाय, एक गाढ़ा, मलाईदार और सफेद डिस्चार्ज होता है.

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कान में फंगल इन्फेक्शन के कारण - Fungal ear infection causes in Hindi

कान में फंगल इन्फेक्शन का सबसे आम कारण फंगस के संपर्क में आना है. अन्य कारणों में एक्जिमामधुमेह आदि हो सकते हैं. आइए, विस्तार से जानें कान में फंगल इन्फेक्शन के कारणों के बारे में -

फंगस

ओटोमाइकोसिस एक प्रकार के फंगस के कारण होने वाला इन्फेक्शन है. कई अलग-अलग प्रकार के फंगस इस इन्फेक्शन का कारण बन सकते हैं, लेकिन आमतौर पर यह बीमारी एस्परगिलस या फिर कैंडिडा नामक फंगस के कारण होती है.

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एंटीबायोटिक और स्टेरॉयड का उपयोग

पिछले कुछ वर्षों में एंटीबायोटिक दवाओं, स्टेरॉयड और इयर ड्रॉप्स के अधिक उपयोग के कारण ओटोमाइकोसिस के मामलों में वृद्धि हुई है. ओटोमाइकोसिस वाले मरीजों के एक अध्ययन में पाया गया कि सभी 26 लोगों ने इयर डिस्चार्ज को रोकने के लिए एंटीबायोटिक इयर ड्रॉप्स का उपयोग किया था. कुछ डॉक्टर का मानना ​​है कि एंटीबायोटिक्स इयर कनाल के पीएच लेवल पर असर डालते हैं और किसी भी प्रतिस्पर्धी बैक्टीरिया को हटा देते हैं, जिससे फंगस का पनपना आसान हो जाता है.

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कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली

लोग हर दिन वातावरण में फैले फंगस के संपर्क में आते हैं, लेकिन फंगस आमतौर पर कोई समस्या पैदा नहीं करते हैं. वहीं, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग फंगस के संपर्क में आने पर दूसरों की तुलना में अधिक आसानी से इन्फेक्शन का शिकार हो सकते हैं.

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जलवायु

जो लोग गर्म और नमी भरे जलवायु में रहते हैं, उन्हें ओटोमाइकोसिस होने की आशंका अधिक होती है, क्योंकि फंगस गर्म और नम स्थानों में बड़ी आसानी से पनपते हैं. 

कान में फंगल इन्फेक्शन के अन्य कारण -

  • हियरिंग एड से कान में चोट लगना
  • एक्जिमा जैसी क्रोनिक बीमारी
  • मधुमेह
  • तैराकी या सर्फिंग जैसे पानी के खेल में भाग लेना
  • दूषित पानी में तैरना
  • कान में इयर वैक्स की कमी, जो बैक्टीरिया या फंगस के विकास को रोकता है

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कान में फंगल इन्फेक्शन के बचाव के उपाय - Prevention of fungal ear infection in Hindi

कुछ ऐसे कारक हैं, जो ओटोमाइकोसिस को रोकने में मदद कर सकते हैं, जैसे कि कान को सूखा रखना, इयरप्लग का उपयोग आदि. आइए जानें इस बीमारी के रोकथाम के बारे में -

  • कानों से कभी भी पूरा इयरवैक्स न हटायें, क्योंकि इसमें प्राकृतिक एंटी-फंगल गुण होते हैं.
  • तैरने और नहाने के बाद कानों को अच्छी तरह सुखाएं.
  • कानों को खरोंचने से बचें, क्योंकि इससे त्वचा को नुकसान होता है और फंगस के लिए आक्रमण करना आसान हो जाता है.
  • कानों में रुई के फाहे डालने से बचें. यह गंदगी को आपके कान में और आगे धकेल सकते हैं.

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कान में फंगल इन्फेक्शन का निदान - Diagnosis of fungal ear infection in Hindi

ओटोमाइकोसिस के निदान के लिए डॉक्टर मरीज से उसके लक्षणों और मेडिकल हिस्ट्री के बारे में बातचीत करते हैं. वे इयर कनाल को देखने के लिए एक ओटोस्कोप का उपयोग भी कर सकते हैं. फंगस के जीवाणु दिखाई देने पर ओटोमाइकोसिस की पुष्टि हो जाती है. इसके अलावा, वे इयर कनाल से मवाद और मलबे का नमूना ले सकते हैं. इस नमूने को बैक्टीरिया की पहचान के लिए एक प्रयोगशाला में भेज दिया जाता है.

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कान में फंगल इन्फेक्शन का इलाज - Fungal ear infection treatment in Hindi

ओटोमाइकोसिस का इलाज ड्रॉप्स, टॉपिकल क्रीम या मौखिक दवाओं के द्वारा किया जाता है. इयर ड्रॉप इन्फेक्शन को ठीक करने और इसे दोबारा होने से रोकने में मदद कर सकते हैं. आइए, विस्तार से जानें इस बीमारी के इलाज के बारे में-

सफाई

आमतौर पर सबसे पहले डॉक्टर कान की अच्छी तरह सफाई करते हैं. इसके लिए वे सक्शन टूल का उपयोग कर सकते हैं. सफाई से कान की गंदगी से मुक्ति मिल जाती है और दवा बेहतर काम कर पाती है. इसके बाद फंगस के आगे विकास को रोकने के लिए, जितना संभव हो सके कान को सुखाया जाता है. ध्यान दें कि एक व्यक्ति को अपने कानों को रुई के फाहे या अन्य औजारों से साफ करने की कोशिश नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे स्थिति और खराब हो सकती है.

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इयर ड्रॉप

ओटोमाइकोसिस के इलाज में इयर ड्रॉप्स भी असरदार पाए गए हैं. एक डॉक्टर एंटीफंगल एजेंट वाले इयर ड्रॉप्स लिख सकता है. 1 प्रतिशत क्लोट्रिमेजोल इयर ड्रॉप्स इलाज में सहायक है. इसमें फ्लुकोनाजोल या माइक्रोनाजोल मौजूद हो सकते हैं.

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टॉपिकल दवा

एंटीफंगल टॉपिकल दवा एक क्रीम के रूप में हो सकती है, जिसे बाहरी कान पर लगाया जाता है.

अन्य टॉपिकल दवाएं निम्नलिखित हो सकती हैं:

  • एल्यूमीनियम एसीटेट
  • सेलकीलिक एसिड
  • हाइड्रोजन पेरोक्साइड

ये एजेंट फंगस का इलाज करने में मददगार हो सकते हैं या फंगस के कारण बनने वाले क्रस्ट को नरम कर अन्य दवाओं को बेहतर तरीके से भीतर घुसने में मदद कर सकते हैं.

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मौखिक दवाएं

मौखिक दवाएं जैसे कि इट्राकोनाजोल या वोरिकोनाजोल आमतौर पर अधिक गंभीर संक्रमणों में इस्तेमाल होती हैं, जहां टॉपिकल एजेंट राहत नहीं दे पाते हैं. फंगस की कुछ प्रजातियां एंटीफंगल इयर ड्रॉप्स की प्रतिरोधी होती हैं. लिवर की बीमारी वाले मरीजों के लिए ओरल एंटीफंगल एक समस्या हो सकती है.

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दर्द निवारक दवाएं

एसिटामिनोफेन या इबुप्रोफेन जैसी ओवर-दी-काउंटर दर्द निवारक दवाएं दर्द को कम करने में मदद कर सकती हैं.

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कान में फंगल इन्फेक्शन के घरेलू उपचार - Fungal ear infection home remedies in Hindi

कई घरेलू उपचार ओटोमाइकोसिस के इलाज में मदद कर सकते हैं, लेकिन इन्हें आजमाने से पहले डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए. ये घरेलू उपचार निम्न प्रकार से हैं-

  • हाइड्रोजन पेरोक्साइड के घोल को कान में डालने से यह कान के बिल्डअप को हटाने में मदद करता है.
  • कार्बामाइड पेरोक्साइड युक्त ओवर-द-काउंटर दवाएं इयर वैक्स को साफ करने में मदद कर सकती हैं.
  • स्विमिंग के बाद, व्हाइट विनेगर और रबिंग अल्कोहल को यदि बराबर मात्रा में लेकर कानों में डाला जाए, तो यह भी इयर वैक्स हटाने में मदद करता है.
  • स्विमिंग के दौरान, इयरप्लग या स्विम कैप पहनने से कानों में पानी के प्रवेश को रोकने और कानों को सूखा रखने में मदद मिलती है.
  • कानों से नमी को दूर करने के लिए हेयर ड्रायर का प्रयोग भी किया जा सकता है. हेयर ड्रायर का इस्तेमाल करते वक्त हमेशा लोवेस्ट सेटिंग रखें और हेयर ड्रायर को कभी भी कानों के बहुत नजदीक न ले जाएं.

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सारांश- Summary

गर्म जलवायु में रहने वाले या पानी के खेल में भाग लेने वाले लोग कान के फंगल इन्फेक्शन से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं. सामान्य तौर पर, ओटोमाइकोसिस खतरनाक नहीं होता और इसका इलाज आसानी से एंटीफंगल दवाओं द्वारा किया जा सकता है. ओटोमाइकोसिस के लक्षणों में सूजन, शुष्क त्वचा और बदबूदार डिस्चार्ज शामिल हैं. आमतौर पर कानों को सूखा रखके और दूषित जल स्रोतों से परहेज करके ओटोमाइकोसिस को रोका जा सकता है. कान में फंगल इन्फेक्शन के लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और इसका सही इलाज करवाना चाहिए.

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कान में फंगल इन्फेक्शन के डॉक्टर

Dr. Anu Goyal Dr. Anu Goyal कान, नाक और गले सम्बन्धी विकारों का विज्ञान
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