ऑप्टिक न्यूराइटिस - Optic neuritis in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

December 01, 2020

April 13, 2021

ऑप्टिक न्यूराइटिस
ऑप्टिक न्यूराइटिस

आंख के पिछले भाग में मौजूद कुछ तंत्रिकाओं को नेत्र तंत्रिकाएं (ऑप्टिक नर्व) कहा जाता है। ये तंत्रिकाएं दृष्टि संबंधी जानकारियों को मस्तिष्क तक पहुंचाने का काम करती हैं, सरल भाषा में कहें तो ये तंत्रिकाएं ही मस्तिष्क को बताती हैं कि आंखें क्या देख रही हैं। जब ऑप्टिक तंत्रिका में सूजन व लालिमा आ जाती हैं तो इसे ऑप्टिक न्यूराइटिस कहा जाता है। हिन्दी भाषा में इस रोग को नेत्र तंत्रिकाशोथ भी कहा जाता है।

यह कभी-कभी किसी प्रकार के संक्रमण या तंत्रिका संबंधी रोगों के कारण अचानक से विकसित हो सकता है। इस रोग में आमतौर पर कुछ समय के लिए दृष्टि चली जाती है, जिससे आमतौर पर एक ही आंख प्रभावित होती है। ऑप्टिक न्यूराइटिस से ग्रस्त कुछ लोगों को आंख व सिरदर्द महसूस हो सकता है। धीरे-धीरे जैसे सूजन कम होने लगती है आंख की दृष्टि व अन्य लक्षण ठीक होने लगते हैं।

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ऑप्टिक न्यूराइटिस के लक्षण - Optic neuritis Symptoms in Hindi

ऑप्टिक न्यूराइटिस के लक्षण उसके अंदरूनी कारणों और स्थिति की गंभीरता के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। इसके लक्षण आमतौर पर एक आंख में ही महसूस होते हैं, जबकि कुछ दुर्लभ मामलों में दोनों आंखों में भी लक्षण हो सकते हैं। ऐसा आमतौर पर निर्भर करता है कि कौन सी आंख प्रभावित हुई है। इसमें महसूस होने वाले लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं -

  • दर्द -
    अधिकतर लोगों में ऑप्टिक न्यूराइटिस से आंख में दर्द होता है, जो आंख को हिलाने-ढुलाने से और भी गंभीर हो जाता है। कुछ मामलों में यह दर्द हल्का महसूस होता है, जबकि अन्य मामलों में तीव्र दर्द महसूस होता है।
     
  • एक या दोनों आंखों में दृष्टि संबंधी समस्या -
    ऑप्टिक न्यूराइटिस से ग्रस्त लोगों को देखने संबंधी समस्याएं भी होने लग जाती हैं। ऐसा व्यक्ति को रोग होने के कुछ घंटों या दिनों के बाद भी लक्षण दिखने लग जाते हैं। कई बार लोगों को पूरी तरह से अंधापन हो जाता है, जो कुछ दुर्लभ मामलों में स्थायी हो जाता है।
     
  • धब्बा या किसी एक हिस्से की रोशनी गायब होना -
    इस स्थिति में व्यक्ति के दृष्टि क्षेत्र से कोई हिस्सा दिखना बंद  हो जाता है, उदाहरण के लिए बीच वाले या एक तरफ के हिस्से में अंधापन हो जाना।
     
  • वर्णांधता (कलर ब्लाइंडनेस) -
    ऑप्टिक न्यूराइटिस में आमतौर पर व्यक्ति को रंगों की पहचान करने में परेशानी होने लगती है। ऐसा इसलिए क्योंकि नेत्र तंत्रिकाशोथ से ग्रस्त व्यक्ति को रंग सामान्य से अलग दिखते हैं।
     
  • चमकीली रोशनी दिखना -
    ऑप्टिक न्यूराइटिस से ग्रस्त कुछ लोगों को आंखें हिलाने पर चमकीली रोशनी दिखाई देती है।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

आंखों में होने वाली विभिन्न समस्याएं व रोग गंभीर हो सकते हैं। कुछ मामलों में इन स्थितियों में व्यक्ति को अंधापन हो सकता है और अन्य मामलों में आंखों से संबंधी अन्य गंभीर समस्याएं पैदा हो जाती हैं। यदि आपको निम्न समस्याएं हैं, तो डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए -

  • आंखों संबंधी लक्षण महसूस होना, आंख में दर्द या दृष्टि में बदलाव
  • आंख संबंधी लक्षण जो सामान्य इलाज से ठीक न हो पाएं
  • असाधारण व गंभीर लक्षण होना जैसे एक या दोनों आंखों का अंधापन
  • दोहरी दृष्टि और शरीर के किसी हिस्से का सुन्न या उसमें कमजोरी महसूस होना

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ऑप्टिक न्यूराइटिस के कारण - Optic neuritis Causes in Hindi

ऑप्टिक न्यूराइटिस के सटीक कारण का अभी तक पता नहीं चल पाया है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा कोई असाधारण प्रतिक्रिया करने के कारण होता है। उनके अनुसार जब प्रतिरक्षा प्रणाली नेत्र तंत्रिका को सुरक्षा प्रदान करने वाली माइलिन को क्षति पहुंचाती है, तो ऑप्टिक न्यूराइटिस रोग हो जाता है। माइलिन में क्षति होने पर उसमें सूजन व लालिमा हो जाती है और परिणामस्वरूप दर्द होने लगता है। जब यह पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाती है, तो यह मस्तिष्क को दृष्टि संबंधी संकेत नहीं भेज पाती हैं।

ऑप्टिक न्यूराइटिस के काफी मामले मल्टीपल स्क्लेरोसिस से भी संबंधित हो सकते हैं। मल्टीपल स्क्लेरोसिस से ग्रस्त लगभग आधे लोगों को ऑप्टिक न्यूराइटिस हो ही जाता है। इसे मल्टीपल स्क्लेरोसिस का शुरुआती संकेत भी माना जाता है।

ऑप्टिक न्यूराइटिस के कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं, जैसे -

ऑप्टिक न्यूराइटिस होने का खतरा कब बढ़ता है?

कुछ स्थितियां हैं, जो किसी व्यक्ति में नेत्र तंत्रिकाशोथ होने के खतरे को बढ़ा देती हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं -

  • मल्टीपल स्क्लेरोसिस से ग्रस्त व्यक्ति
  • अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रहने वाले लोग
  • महिलाएं (पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक खतरा होता है)
  • 20 से 40 साल की उम्र के बीच के रोग

(और पढ़ें - प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने का कारण)

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ऑप्टिक न्यूराइटिस का परीक्षण - Diagnosis of Optic neuritis in Hindi

नेत्र तंत्रिकाशोथ का परीक्षण आमतौर पर नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर (ऑफ्थैल्मोलॉजिस्ट) द्वारा ही किया जाता है। परीक्षण के दौरान डॉक्टर सबसे पहले मरीज से उसके द्वारा महसूस किए जा रहे लक्षणों, उसकी स्वास्थ्य संबंधी पिछली स्थितियों और हाल ही में ली गई दवाओं के बारे में पूछते हैं। यदि डॉक्टर को लगता है कि आपको ऑप्टिक न्यूराइटिस या आंख संबंधी कोई अन्य रोग है, तो उसकी पुष्टि करने के लिए कुछ अन्य टेस्ट भी किए जा सकते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं -

  • ओफ्थैल्मोलॉस्कोपी
  • प्युपीलरी लाइट रिएक्शन टेस्ट

कुछ अन्य टेस्ट भी हैं, जो ऑप्टिक न्यूराइटिस का पता लागने के लिए किए जा सकते हैं -

ऑप्टिक न्यूराइटिस का इलाज - Optic neuritis Treatment in Hindi

ऑप्टिक न्यूराइटिस के कुछ मामले अपने आप ठीक हो जाते हैं और उनका इलाज करने की जरूरत नहीं पड़ती है। हालांकि, यदि किसी कारण से डॉक्टर को लगता कि स्थिति का इलाज जल्दी करना है, तो वे इंजेक्शन द्वारा नसों में स्टेरॉयड दवाएं दे सकते हैं। ऐसा आमतौर पर डॉक्टर तब करते हैं, जब मल्टीपल स्क्लेरोसिस होने का खतरा अधिक हो।

कुछ विशेष परिस्थितियों में डॉक्टर अन्य इलाज प्रक्रियाओं से भी इलाज कर सकते हैं, जिनमें निम्न शामिल है -

  • इंट्रावेनस इम्यून ग्लोबुलिन -
    इस इलाज प्रक्रिया को प्लाज्मा एक्सचेंज भी कहा जाता है। यह एक ऐसी दवा होती है, जो रक्त से बनती है और इसे बांह की नस में सुई के माध्यम से मरीज को दिया जाता है। यह प्रक्रिया अपेक्षाकृत महंगी होती है और इसके प्रति डॉक्टर पूरी तरह से सुनिश्चित भी नहीं होते हैं कि यह पूरी तरह से काम कर पाएगी या नहीं।
    हालांकि, यदि आपके लक्षण अत्यधिक गंभीर हो गए हैं और स्टेरॉयड व अन्य दवाएं काम नहीं कर पा रही हैं, तो इस प्रक्रिया को इस्तेमाल में लाया जा सकता है। इसके अलावा यदि आपको ऑप्टिक न्यूराइटिस है और साथ ही एमआरआई में आपके मस्तिष्क में कोई घाव भी दिख रहा है, तो डॉक्टर यह प्रक्रिया कर सकते हैं।
     
  • विटामिन बी12 -
    कुछ दुर्लभ मामलों में शरीर में विटामिन बी12 की कमी को पूरा करके भी ऑप्टिक न्यूराइटिस का इलाज किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर मरीज को विटामिन बी12 के सप्लीमेंट देते हैं, तो आमतौर पर दवाओं या अन्य किसी उत्पाद में होते हैं। इस दौरान डॉक्टर खाद्य पदार्थों में भी कुछ बदलाव कर सकते हैं।

यदि ऑप्टिक न्यूराइटिस किसी अन्य अंदरूनी रोग के कारण हुआ है, तो डॉक्टर सबसे पहले उसी रोग का इलाज करते हैं और साथ ही साथ नेत्र तंत्रिकाशोथ को कम करने के लिए भी कुछ दवाएं दी जा सकती हैं।

(और पढ़ें - विटामिन बी के स्रोत)

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