ओमेगा 3 की कमी की वजह से स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का खतरा रहता है। इनमें त्वचा में जलन और सूखापन, अवसाद, आंखों में सूखापन, जोड़ों का दर्द व जकड़न, बालों के स्वास्थ्य में बदलाव इत्यादि शामिल हैं। हालांकि, भोजन के साथ-साथ सप्लीमेंट लेने से ओमेगा 3 की कमी को पूरा व स्वास्थ्य जोखिमों को कम किया जा सकता है। ऐसे में हम जानेंगे कि ओमेगा 3 की कमी से होने वाले रोग व इनकी पहचान कैसे की जा सकती है।

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ओमेगा-3 फैटी एसिड क्या है? - What is Omega 3 Deficiency in Hindi

ओमेगा-3 फैटी एसिड एक पोषक तत्व है, जो आपको कुछ प्रकार के भोजन या पूरक (सप्लीमेंट) से मिलता है। यह शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। यह हर कोशिका की संरचना के लिए बहुत जरूरी होता है। यह एक प्रकार का ऊर्जा स्रोत भी है और आपके हृदय, फेफड़े, रक्त वाहिकाओं और प्रतिरक्षा प्रणाली को उस तरह से काम करने में मदद करता है, जैसे उसे करना चाहिए।

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ओमेगा-3 के प्रकार - Omega 3 types in Hindi

ओमेगा-3 मुख्यत: तीन प्रकार के होते हैं ईपीए, डीएचए व एएलए। इनमें से ईपीए और डीएचए कुछ मछलियों में पाए जाते हैं जबकि एएलए (अल्फा-लिनोलेनिक एसिड) पौधों के स्रोतों (नट और बीज) में पाया जाता है। यदि ओमेगा-3 की कमी हो जाए, तो कई प्रकार की दिक्कतें हो सकती हैं, ऐसे में ओमेगा -3 फैटी एसिड का सेवन करना महत्वपूर्ण है।

प्लांट बेस्ड सोर्स (एएलए)

एनिमल बेस्ड सोर्स (ईपीए व डीएचए)

  • सैल्मन मछली
  • सार्डिन मछली
  • हेरिंग मछली
  • एन्कोवीज मछली 
  • ओइस्टर (खारा पानी में पाए जाने वाला एक जानवर)
  • अंडे

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ओमेगा 3 की कमी के लक्षण - Omega 3 Deficiency Symptoms in Hindi

ओमेगा 3 की कमी से होने वाले रोग या यूं कहें कि ओमेगा 3 की कमी के लक्षणों में शामिल हैं -

त्वचा में जलन और सूखापन

यदि आपके शरीर में ओमेगा-3 फैट की कमी है, तो सबसे पहले आप इसे अपनी त्वचा में नोटिस कर सकते हैं। उदाहरण के लिए संवेदनशील त्वचा, शुष्क त्वचा या यहां तक ​​कि मुंहासे में असामान्य वृद्धि भी कुछ लोगों में ओमेगा-3 की कमी का संकेत हो सकता है।

डिप्रेशन

ओमेगा-3 वसा मस्तिष्क का एक आवश्यक घटक है। इसे न्यूरोप्रोटेक्टिव और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव के लिए जाना जाता है। यह अल्जाइमर रोग, मनोभ्रंश और बाइपोलर विकार जैसे न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों और मस्तिष्क विकारों के इलाज में भी मदद कर सकता है। कई अध्ययनों के अनुसार, ओमेगा 3 की कमी और अवसाद के बीच लिंक पाया गया है। एक अध्ययन के अनुसार, ओमेगा-3 की खुराक लेने से अवसादग्रस्त लक्षणों में सुधार हुआ है।

आंखों में सूखापन

ओमेगा-3 फैट आंखों के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह आंखों की नमी बनाए रखने और संभवतः आंसू के निर्माण में भी मदद करता है। इसी कारण से, कई डॉक्टर आंखों में सूखापन से राहत पाने में मदद करने के लिए ओमेगा-3 सप्लीमेंट्स लिखते हैं। इसके लक्षणों में अक्सर आंखों में परेशानी और यहां तक कि दृष्टि में गड़बड़ी भी शामिल है।

जोड़ों का दर्द और जकड़न

जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, जोड़ों में दर्द और जकड़न का अनुभव होना आम है। यह ऑस्टियोआर्थराइटिस नामक स्थिति से संबंधित हो सकता है, जिसमें हड्डियों को कवर करने वाले कार्टिलेज टूट जाते हैं। यह इंफ्लेमेटरी ऑटोइम्यून स्थिति से संबंधित हो सकता है, जिसे रुमेटाइड गठिया (आरए) कहा जाता है।

कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि ओमेगा-3 की खुराक लेने से जोड़ों के दर्द को कम करने और ताकत बढ़ाने में मदद मिलती है। हालांकि, वैज्ञानिकों को इसकी मनुष्यों में और अधिक शोध करने की आवश्यकता है।

बालों के स्वास्थ्य में बदलाव

ओमेगा-3 फैट त्वचा में नमी बनाए रखने के साथ-साथ बालों को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। बालों की बनावट, मजबूती और घनत्व में बदलाव होने का मतलब ओमेगा-3 की कमी संकेत हो सकता है।

120 महिलाओं पर 6 माह तक किए गए अध्ययन में पाया गया कि ओमेगा-3 के साथ ओमेगा-6 फैट और एंटीऑक्सीडेंट का सप्लीमेंट लेने से बालों के झड़ने में कमी और घनत्व में वृद्धि पाई गई।

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Dr. Dhanamjaya D

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