ओसीसीपिटल न्यूराल्जिया गर्दन की नसों या मांसपेशियों में जकड़न का परिणाम हो सकता है. यह सिर या गर्दन में लगी चोट के कारण भी हो सकता है. इस दौरान सिर के एक तरफ या दोनों तरफ दर्द हो सकता है या फिर तेज दर्द का अनुभव हो सकता है. इसके अलावा, सिर की नसों में इलेक्ट्रिक शॉक लगने जैसा एहसास भी हो सकता है. वहीं, शोधकर्ताओं ने सिर की नसों में दर्द के अधिक विशिष्ट और प्रत्यक्ष कारणों का अनुमान लगाया है, जिसमें गर्दन या सिर पर चोट, अर्थराइटिस, डायबिटीज, ट्यूमर व इंफेक्शन शामिल हैं.
आइए, सिर की नसों में दर्द के कारणों के बारे में विस्तार से जानते हैं -
चोट
सिर के पिछले हिस्से में चोट लगना सिर की नसों में दर्द के सबसे आम कारणों में से एक है. ऐसा गिरने, किसी प्रकार की दुर्घटना या फिर खेलते हुए चोट लगने के कारण हो सकता है.
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स्ट्रेस नर्व्स
जो लोग दिन में ज्यादा समय अपने सिर को आगे या फिर नीचे की ओर झुकाकर रखते हैं, उन्हें भी ये समस्या हो सकती है. ऐसा लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करने या फिर गलत पोश्चर में बैठकर पढ़ने से भी हो सकता है. इससे गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा हो, जिस कारण सिर की नसों में दर्द हो सकता है.
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अर्थराइटिस
कई प्रकार के अर्थराइटिस भी सर्वाइकल स्पाइन पर असर डालते हैं, जिनमें ऑस्टियोअर्थराइटिस और रूमेटाइड अर्थराइटिस शामिल हैं. अर्थराइटिस की स्थिति में सर्वाइकल स्पाइन कॉलम का ऊपर वाला हिस्सा टूट जाता है और समय के साथ सख्त भी हो जाता है. इससे ओसीसीपिटल नर्व्स पर प्रेशर डालता है और तनाव उत्पन्न हो सकता है.
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डायबिटीज
जो लोग डायबिटीज से पीड़ित होते हैं, उनके सिर की नसों में दर्द का खतरा बढ़ जाता है. इसका कारण यह है कि डायबिटीज के चलते न्यूरोपैथी या फिर नसों में सूजन की समस्या हो सकती है.
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ट्यूमर और इंफेक्शन
सिर की नसों में दर्द ट्यूमर व इंफेक्शन के कारण भी हो सकता है, लेकिन ऐसा कम मामलों में ही होता है. जब सर्वाइकल स्पाइन के ट्यूमर ओसीसीपिटल नसों पर दबाव डालते हैं, तो इस प्रकार का दर्द होता है. वहीं, इंफेक्शन भी ओसीपिटल नसों पर दबाव बनने का कारण बन सकते हैं. ये दोनों ही समस्या गंभीर हैं, इसलिए अगर किसी को अपनी गर्दन या गले में किसी भी प्रकार की गांठ नजर आती है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
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