नोरो वायरस संक्रमण होना क्या है?

नोरो वायरस बहुत ही आसानी से फैलने वाला वायरस है जिसके कारण इन्फेक्शन होता है और व्यक्ति को उल्टी दस्त होने लगते हैं। ये वायरस किसी को भी संक्रमित कर सकता है। इसे नॉरवॉक वायरस के नाम से भी जाना जाता है और ये बहुत ही आसानी से फैलता है। नोरो वायरस के कारण पेट का फ्लू भी होता है, जिसे गैस्ट्रोएन्टराइटिस कहते हैं।

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नोरो वायरस संक्रमण के लक्षण क्या हैं?

नोरो वायरस इन्फेक्शन से ग्रस्त होने पर व्यक्ति को उल्टी व मतली, मांसपेशियों में दर्द, पेट में दर्द, हल्का बुखार, पेट में ऐंठन, घबराहट और दस्त जैसे लक्षण अनुभव होने लगते हैं।

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नोरो वायरस संक्रमण क्यों होता है?

नोरो वायरस बहुत ही आसानी से फैल सकता है। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति मल या उल्टी करने के बाद अगर किसी जगह को छू लेता है, तो वह जगह भी संक्रमित हो जाती है और जो व्यक्ति इस जगह को छू लेता है, वह भी संक्रमित हो जाता है। इसके अलावा खाने-पीने की संक्रमित चीजें लेने से भी ये वायरस फैल सकता है।

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नोरो वायरस संक्रमण का इलाज कैसे होता है?

नोरो वायरस से हुए संक्रमण का कोई विशेष उपचार उपलब्ध नहीं है, ये बीमारी कुछ दिनों में अपने आप सही हो जाती है। इस बात का ध्यान रखना जरुरी है कि इसमें पर्याप्त मात्रा में पानी पीना महत्वपूर्ण होता है क्योंकि शरीर में पानी की कमी होने से गंभीर समस्याएं होने लगती हैं। अगर आपको ये संक्रमण हुआ है, तो अपने हाथ अच्छी तरह से धोएं, ठीक हो जाने तक कहीं घूमने न जाएं, संक्रमित पानी या खाने से दूर रहें, काम से छुट्टी लें, फलसब्जियां खाने से पहले अच्छी तरह से धो लें और उल्टी या मल करने के बाद अच्छी तरह से सफाई करें। डॉक्टर आपको दस्त बंद करने के लिए दवाएं भी दे सकते हैं।

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